दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल के इटावा में शनिवार को हेलोवीन उत्सव के दौरान लोकप्रिय नाइट स्पॉट पर फिल्म यूटीवी सितारों को देखने के लिए भारी भीड़ जुड़ने के बाद मची भगदड़ मैं 149 लोगों की मृत्यु हो गई जबकि डेढ़ सौ से अधिक घायल हो गए।
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि सियोल में पैक्ड हैलोवीन उत्सव के दौरान भीड़ बढ़ने से भगगड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल के बाद से यह पहला मौका था, जब हैलोवीन पर इतनी संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हेमिल्टन होटल में हैलोवीन मनाने के लिए कई सेलिब्रिटी जुटने की सूचना थी। भीड़ सितारों को देखने के लिए संकरी गली में पहुंच गई। सियोल मेट्रोपॉलिटन प्रशासन ने लोगों से अपने घर लौटने का आग्रह किया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक येओल ने घायलों का तेजी से इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
घटना का पता चलते ही पुलिस और मेडिकल टीम मौके पर पहुंची. जांच करने पर पता चला कि 50 से अधिक लोगों को एक साथ हार्ट अटैक आया था. जिसके बाद हेलोवीन का जश्न मातम में बदल गया.
मामले का वीडियो भी सामने आया है. जिसमें पुलिस कर्मी बेसुध सड़कों पर पड़े लोगों को CPR देते दिखाई दिये।
दुनिया के कई पश्चिमी देशों में हेलोवीन उत्सव मनाया जाता है. सियोल में आयोजित एक हैलोवीन उत्सव में अचानक से कई लोगों को हार्ट अटैक आ गया. इस कार्यक्रम में अधिक भीड़ होने के चलते अचानक से भगदड़ मच गई, जिससे कई लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो गई. कोरोना काल के बाद पहली बार हेलोवीन उत्सव का जश्न मनाने वाले क्षेत्र में 100,000 लोग मौजूद थे.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन समेत कई वैश्विक नेताओं ने घटना को लेकर शोक व्यक्त किया है।
हादसे के बाद से राहत कार्य में लगे अधिकारियों ने बताया है कि मारे गए लोगों में ज्यादातर उम्र 20 से 30 साल के बीच है।
दक्षिण कोरिया में हुई भगदड़ की घटना दुखदायी है, बड़ी तादाद में लोग मारे गए हैं। लेकिन किसी कार्यक्रम के दौरान भगदड़ की यह पहली घटना नहीं। विश्व के अलग-अलग देशों में इस तरह के हादसे पहले भी हुए हैं।
यहां हम आपको पिछले तीन दशकों के दौरान कुछ सबसे भयावह भगदड़ की घटनाओं के बारे में बता रहे हैं:
अप्रैल 1989: ब्रिटेन में साल 1989 के दौरान लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच इंग्लिश एफए कप सेमीफाइनल मैच में भगदड़ मचने के बाद करीब 96 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
जुलाई 1990: मुस्लिमों के पवित्र शहर मक्का के पास सऊदी अरब की अल-मुईसेम सुरंग के अंदर, हज यात्रा के आखिर में, ईद अल-अधा के दौरान 1,426 तीर्थयात्रियों की भगदड़ मचने के बाद मौत हो गई थी।