

पूर्णांक से पूर्ण विराम की ओर…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
इंदौर नगर और ग्रामीण भाजपा जिला अध्यक्ष घोषित होने के बाद पार्टी ने बहुप्रतीक्षित जिलों में नए नेतृत्व की प्रक्रिया संपन्न कर ली है। जिलों के बाद प्रदेश और प्रदेश के बाद देश की तरफ अब संगठन चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। मध्यप्रदेश में निगाहें प्रदेश में सांगठनिक सफलता के नए शिखरों को छूकर कीर्तिमान रच चुके विष्णु दत्त शर्मा की तरफ हैं। प्रदेश में विष्णु का चेहरा बना रहेगा या मोदी-शाह के मन में कुछ और है…इस पर फिलहाल संशय के बादल छाए हैं। राजनीति में सब कुछ संभव है। नए चेहरे भी चर्चा में हैं। मंडल और जिला अध्यक्षों के अंक इंदौर ग्रामीण और नगर अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ पूर्ण हो गए हैं। पूर्णांक होने के साथ अब संगठन चुनाव की प्रक्रिया प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष के चेहरों के साथ पूर्ण विराम की तरफ बढ़ने को तत्पर है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के साथ यह साफ है कि नए चेहरे के लिए जगह खाली है। वहीं यह तय माना जा रहा था कि संगठन के मुखिया के नाते प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय है। पर ऐसा नहीं हुआ। वहीं कद को देखते हुए अब यह माना जा रहा है कि जब तक विष्णु को उनकी योग्यता और सांगठनिक उपलब्धियों के मुताबिक नया पद नहीं मिलता, तब तक उन्हें प्रदेश में यथास्थिति रखने पर सहमति बन सकती है। हो सकता है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार तक यह समीकरण काम करे। या फिर मोदी-शाह के मन में क्या है, यह सामने आने पर ही कयासों पर विराम लगे। फिलहाल यह कहना काफी है कि भाजपा ने सभी जिलों में जिलाध्यक्ष चुनकर पूर्णांक हासिल किया है, अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव परिणाम पूर्ण विराम की तरफ कदम बढाएगा।
खैर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने पार्टी के संगठन पर्व-2024 के तहत प्रदेश के सभी निर्वाचित मंडल अध्यक्षों को पत्र लिखकर बधाई दी है और अहम दायित्व को निभाने के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। उन्होंने पार्टी कार्य संचालन के लिए उपयोगी पुस्तक ‘‘पूर्णांक की ओर‘‘ मंडल अध्यक्षों को भेजी है। समझाइश दी है कि इसे बार-बार पढ़ें और समझें और इसे अपने राजनीतिक व्यवहार में उतारें। भाजपा की यह पंच निष्ठाएं आपके राजनीतिक जीवन को निखारने के साथ राजनीति में होने के उद्देश्य को स्पष्ट करेंगी। सबका साथ, सबका विकास’ एक नारा नहीं प्रधानमंत्री जी का मंत्र है, इसको बार-बार सिद्ध करना है। पत्र में मंडल अध्यक्षों को मध्यप्रदेश संगठन की गौरवपूर्ण उपलब्धियों की जानकारी देते हुए बताया है कि मध्यप्रदेश के पार्टी संगठन की गौरव गाथा पूरे देश में बताई जाती है। मध्यप्रदेश के पार्टी संगठन की समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा की गई है। संगठन पर्व में ही युवाओं को पार्टी से जोड़ने और रिकॉर्ड सदस्यता कराने के साथ 100 प्रतिशत बूथ डिजिटलाइजेशन के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संगठन के नेताओं व वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा समय-समय पर प्रशंसा की गई है। इसके पीछे कार्यकर्ताओं की अनवरत मेहनत, संगठन निष्ठा, भाजपा की विशाल व अद्भुत परखंडेलवाल विलक्षण कार्यपद्धति है। कुशल कार्यकर्ताओं की एक लंबी श्रृंखला आज उस मार्ग पर संगठन को अपना अमूल्य समय, ऊर्जा और नवाचारों से गढ़ रही है। नये-नये प्रतिमान स्थापित हो रहे हैं।
जिला अध्यक्षों के बाद मध्य प्रदेश में नए अध्यक्ष के लिए जिन नामों की चर्चा रही है, उनमें डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, सुमेर सिंह सोलंकी, फग्गन सिंह कुलस्ते, रामेश्वर शर्मा, हेमंत खंडेलवाल, बृजेंद्र प्रताप सिंह, लाल सिंह आर्य, भगवानदास सबनानी, आलोक शर्मा जैसे नाम शामिल हैं, तो भाजपा में किसी चौंकाने वाले नाम से कभी इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं सात महिला जिला अध्यक्ष के क्रम को आगे बढ़ाकर पार्टी ने किसी महिला नेतृत्व पर भरोसा जताया, तब लता बानखेड़े, कविता पाटीदार, सुमित्रा वाल्मीकि, संपत्तिया उइके, अर्चना चिटनीस, रीति पाठक के नामों का जिक्र प्रमुखता से हो रहा है।
खैर क्या होगा, यह तो मोदी-शाह जानें…पर फिलहाल विष्णुदत्त शर्मा की अध्यक्षीय पारी जारी रहेगी या नया चेहरा सामने आएगा, इसके लिए इंतजार बाकी है। नया चेहरा पुरुष का होगा या महिला नेतृत्व का, यह भी बड़ा सवाल है। सवाल का जवाब मिलने की बेला आ गई है। पर इसके लिए जिला अध्यक्षों के बाद अब प्रदेश परिषद के सदस्य भी चुने जाएंगे। दो विधानसभा क्षेत्र पर एक क्लस्टर बनाकर प्रदेश परिषद का सदस्य चुना जाएगा। कुल 345 प्रदेश परिषद सदस्यों के चयन में महिला, एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग का भी ध्यान रखा जाएगा। और संविधान के मुताबिक फिर सर्वसहमति से विधानसभा अध्यक्ष का चेहरा सामने होगा। मोदी-शाह की विष्णु पर निगाहें टिकी रहेंगी या नया चेहरा मोहन के कंधे से कंधा मिलाएगा…फरवरी में सब सामने आने के साथ ही भाजपा पूर्णांक से पूर्ण विराम की तरफ बड़ा कदम बढ़ाएगी.
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