प्रदेश सरकार जिले को पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करें, फिर मनाएं गौरव दिवस- कांग्रेस नेता महेश पटेल
श्याम त्रिवेदी की रिपोर्ट
अलीराजपुर । अलीराजपुर के वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व जिलाध्यक्ष महेश पटेल ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने अलीराजपुर को जिले का दर्जा तो दे दिया लेकिन जिले में विकास और पर्याप्त सुविधाएं आदिवासियों को नहीं दें सकी! जिलें में सुशासन लाएं उसके बाद शासन प्रशासन गौरव दिवस मनाये तो अच्छा होगा।
प्रभारी अधिकारी चला रहे विभाग!
श्री पटेल ने प्रदेश सरकार को कठघरें मे खडे करते हुए कहा कि अलीराजपुर जिले की स्थापना के बाद ग्रामीणों की झाबुआ दौड़ तो बंद हो गयी लेकिन, अलीराजपुर जिला मुख्यालय पर उनको सरकारी विभाग में अधिकारी आज भी कई चक्कर लगवाते हैं! जिला के बनने के बाद सहायक आयुक्त, आबकारी ,जिला चिकित्सालय, बीईओ, स्कूल प्राचार्य, आरईएस, जैसे कई विभाग प्रभारी अधिकारियों के भरोसे क्यों चल रहे है! जिले में सैकडो स्कूल शिक्षक विहीन है! 2011 की जनगणना में 37 प्रतिशत निरक्षरता के बावजूद शिक्षकों की भर्ती इस जिले में ना कर आदिवासियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से सरकार वंचित क्यों रख रही है!
नहीं रूक रही जंगल कटाई!
श्री पटेल ने कहा कि जिले के सोंडवा, आजाद नगर में महाविद्यालय भवन बनाए लेकिन, क्वालिफाई प्रोफेसर और अच्छी फैकल्टी देना ही सरकार भूल गयी ! अलीराजपुर के जिला बनने के बावजूद कट्ठीवाड़ा में आज तक प्रशासनिक भवन, आइटीआई पोलिटैकनिक महाविद्यालय बडा नही बनाया गया! यह पूरा इलाका सरकारी उपेक्षा का शिकार है! अलीराजपुर जिला बनने के बाद सरकार नें कलेक्टर, एसपी, डीएफओ की पोस्टिंग तो कर दी लेकिन क्षेत्र में अपराधों में कमी नहीं आई है! ना ही प्रशासनिक भ्रष्टाचार रूका है ! जिलें में जंगल कटाई का जिम्मेदार कौन है! पलायन तेज गति से बढ़ा है, सरकार मनरेगा कागजों पर चला रही है, रोजगार देने में जब सरकार ओर प्रशासन विफल रहा तो अलीराजपुर की आधी आबादी पलायन को मजबूर हुई है, इसका जिम्मेदार आखिर कौन है?
अवैध शराब सुशासन पर दाग!
उन्होंने कहा कि विगत 15 सालों में अलीराजपुर अवैध शराब के गढ़ के रूप में तमगा पा गया है, अलीराजपुर से गुजरात जाती शराब सुशासन के दावों पर तमाचा है। इस पर सरकार रोक नहीं लगा पाई! बेटियों और महिलाओं के विरुद्ध गंभीर अपराध तेजी से बढ़े हैं, महिलाओं की अस्मिता उनके विरुद्ध अपराध कर और उनके वीडियो वायरल कर तार तार की जाती है और सरकार इसे रोकने में नाकाम रही है । सरकारी सप्लाई के काम पर जिला मुख्यालय की एक जाति विशेष का कब्जा है। ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासियों को सरकारी आदेश के बावजूद सप्लाई का काम नहीं मिलता यह आदिवासियों के साथ अन्याय है।
अलीराजपुर जिले में विकासखंड स्तरों पर जिम्मेदार पदों पर भी प्रभारी या वित्तीय आहरण अधिकार से अपात्रों को बैठाया गया है जिससे प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का आज भी अभाव!
श्री पटेल ने कहा कि वन संपदा का उपयोग स्थानीय आदिवासियों के लिए रोजगार मूलक बनाने की बजाय वन विभाग के अफसर माफियाओं से गठबन्धन कर इसे नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिले की स्थापना के 15 साल बाद भी जिले के अस्पतालों में रैफर कल्चर जारी है, फील्ड में ना विशेषज्ञ हैं ना बैहतर इलाज होता है! ऐसे में जिले के गरीबों को कर्ज लेकर इलाज करवानें गुजरात जाना पडता है! जिला मुख्यालय का ट्रामा सेन्टर भी सिर्फ रैफर सेंटर बनकर रह गया है, इसकी जिम्मेदारी आखिर कौन तय करेगा ? जिले में बेखौफ धड़ल्ले से अवैध रेत गिट्टी आदि वन संपदा का परिवहन हो रहा है। इस पर अंकुश क्यो नही लग रहा है।
श्री पटेल ने जिले की 15 वीं स्थापना दिवस की सभी जिलेवासियों को बधाई देते हुए कहा है कि, जिले की तस्वीर बेरंग है, यह तस्वीर खूबसूरत होने के बाद ही गौरव दिवस मनाया जाए तो अच्छा होगा।