भोपाल में राज्य-स्तरीय सामुदायिक नेतृत्व युवा समागम, मुख्यमंत्री ने किशोरावस्था के प्रेरक प्रसंग भी सुनाए

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भोपाल: भोपाल में राज्य-स्तरीय सामुदायिक नेतृत्व युवा समागम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किशोरावस्था में अपने गृह ग्राम जैत में श्रमिकों के हित में संचालित ढ़ाई-पाई आंदोलन का उल्लेख किया, जिसमें गरीब श्रमिकों का मानदेय दोगुना करने की माँग थी। बाद में सलकनपुर से प्रारंभ पदयात्रा और उसमें तत्कालीन शीर्ष नेता श्री सुंदरलाल पटवा की भागीदारी और प्रोत्साहन के कारण जन-कल्याण के फैसले हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा चाहे तो सब कर सकते हैं। “तू जो चाहे पर्वत पहाड़ों को तोड़ दे, तू जो चाहे तो नदियों के मुँह को भी मोड़ दे, तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे, अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान, तेरी आत्मा में स्वयं भगवान हैं, मनुष्य तू बड़ा महान है” – मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन काव्य पंक्तियों से युवाओं की हौसला अफजाई भी की।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्राम उत्थान से ही राष्ट्र उत्थान संभव है। विकास को जन-आंदोलन बनाना आवश्यक है। मध्यप्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के लिए युवा शक्ति के साथ मिल कर कार्य करेंगे। जनता की जिन्दगी बदलने की जिम्मेदारी युवाओं को लेना है। यदि जज्बा, जिद और जुनून हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता। युवाओं की नेतृत्व क्षमता का लाभ जनता को‍ मिलना चाहिए। नेतृत्व प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने वाले युवा सरकार की योजनाओं को जनता तक ले जाने का कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद से जुड़े युवा विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत कार्य कर चुके हैं। भविष्य में भी इनसे ऐसी भूमिका की उम्मीद है। सामुदायिक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम से जुड़े युवाओं को विभिन्न सुविधाएँ भी प्रदान की जाएंगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा की गई प्रमुख घोषणाएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज भोपाल के जंबूरी मैदान पर मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम (सीएमसीएलडीपी) अंतर्गत सामुदायिक नेतृत्व युवा समागम में कहा कि सामुदायिक नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी जन अभियान परिषद होगी। यह कोर्स शासन के अन्य नियमित पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के समतुल्य माना जाएगा। उच्च शिक्षा और अन्य विभाग की योजनाओं का लाभ इस पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को मिलेगा। सामुदायिक नेतृत्व प्रशिक्षण योजना के चयनित विद्यार्थियों की योजनाओं में जन-भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों में कम्युनिटी इंगेजमेंट/इन्टर्नशिप प्रोजेक्ट की व्यवस्था की जाएगी। छात्र-छात्राओं को शासन की योजनाओं के मूल्यांकन के लिए अधिकृत किया जाएगा। इनके लिए मानदेय की व्यवस्था भी रहेगी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में बन रहा शक्तिशाली भारत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। एक वैभवशाली, गौरवशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। भारत अब आँखें झुका कर नहीं, दुनिया के देशों से नजरें मिला कर बात करता है। कभी छोटे-छोटे देश भी भारत को आँख दिखाते थे। वर्ष 2014 के बाद स्थिति बदली है। मध्यप्रदेश भी बदल रहा है। मध्यप्रदेश आगे भी जन-सहयोग से बदलेगा। विकास में समाज का, विशेष कर युवाओं का साथ चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज इस समागम में कुछ युवाओं के विचार सुनने के बाद मुझे उनमें विकास की ललक और आग दिखाई दे रही है। मनुष्य ईश्वर का अंश है, अमृत का पुत्र है, उसके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं, बस आत्म-विश्वास होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने युवा की परिभाषा बताते हुए कहा कि 15 से 35 वर्ष की आयु के लोग ही युवा नहीं होते बल्कि युवा वो होते हैं, जिनके पैरों में गति हो, सीने में आग हो, आँखों में सपने हो। यदि वे ठान लें तो काम पूरा करके दिखाते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वर्ष 2019 में तत्कालीन सरकार द्वारा नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम को बंद करने के फैसले को युवाओं के विरूद्ध बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इस उपयोगी कार्यक्रम को कभी कोई बंद नहीं कर पाएगा।

मध्यप्रदेश है सभी से आगे, 3 लाख करोड़ पार होगा बजट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत है, जो अन्य सभी प्रांतों से अधिक है। भारत सरकार की रिपोर्ट में इसका उल्लेख है। मध्यप्रदेश का बजट जो कभी 10 से 20 हजार करोड़ होता था, अब 3 लाख करोड़ के पार होने जा रहा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 13 हजार से बढ़ कर एक लाख 37 हजार रूपये हुई है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का योगदान बढ़ा है। कृषि क्षेत्र में भी उत्पादन की दृष्टि से चमत्कार हुआ है। गड्ढों वाली सड़कों को नए सिरे से बनाया गया। सिंचाई का प्रतिशत बढ़ाया गया। अब घर-घर टोंटी से पेयजल प्रदाय की व्यवस्था की जा रही है। अधो-संरचना को सशक्त बना कर जनता का जीवन बदलने का अभियान चल रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के अनेक लोग विकास की दौड़ में पीछे रह गए थे, जिन्हें लाभान्वित करने के लिए योजनाएँ बनाई गई हैं। हर व्यक्ति के रहने के लिए अपनी भूमि पर अपना मकान हो, पक्की छत हो, इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के बाद लाड़ली बहना योजना प्रारंभ करने और उसके फायदों की जानकारी दी।

युवाओं से है आशा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवाओं के नेतृत्व में आम जनता को योजनाओं का लाभ मिले। स्वामी विवेकानंद जी तो 100 ऊर्जावान युवाओं को विकास के लिए जरूरी मानते थे। हमारे पास 22 हजार से अधिक ऊर्जावान युवा हैं, जो नेतृत्व प्रशिक्षण लेकर समाज के‍ विकास में जुटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर ग्राम और शहर का गौरव दिवस मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के नागरिक आगे आ रहे हैं। सभी लोग किसी न किसी रचनात्मक कार्य से जुड़े हैं। इनमें पौधे लगाने से लेकर स्कूल, आँगनवाड़ी केन्द्र और छात्रावास गोद लेकर वहाँ व्यवस्थाएँ बेहतर बनाने का कार्य शामिल है।

जन अभियान परिषद ने किया है कमाल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व में जलाभिषेक अभियान में जन अभियान परिषद ने कमाल का कार्य किया। जल-स्त्रोतों का संरक्षण, पर्यावरण का संरक्षण अकेले सरकार का कार्य नहीं है। धरती को बचाने के लिए सभी के प्रयास आवश्यक हैं। आज विभिन्न क्षेत्रों में जन-सहयोग की आवश्यकता है। जनता को जोड़ने से कार्यों में सफलता मिलती है। कोरोना काल में जन अभियान परिषद ने जनता की सहायता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। कोरोना के कारण अनेक बच्चे, जिन्होंने माता-पिता को खो दिया था, उन्हें आर्थिक सहायता के लिए योजना प्रारंभ की गई। ऐसे बच्चों की सेवा ईश्वर की आराधना की तरह है। युवाओं को ऐसे कार्यों में सक्रिय होना है। हमारा जीवन तभी सार्थक होगा, जब हम वर्तमान हालात को बदल कर नया इतिहास रचें। जन अभियान परिषद को प्रशिक्षित युवाओं से मिलकर साथ चलना है। सभी की भागीदारी से बदलाव आएगा और जन-कल्याण में भागीदारी करने वालों का भी जीवन सार्थक होगा।

मुख्यमंत्री ने प्रेरक प्रसंग भी सुनाए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में किशोरावस्था में अपने गृह ग्राम जैत में श्रमिकों के हित में संचालित ढ़ाई-पाई आंदोलन का उल्लेख किया, जिसमें गरीब श्रमिकों का मानदेय दोगुना करने की माँग थी। बाद में सलकनपुर से प्रारंभ पदयात्रा और उसमें तत्कालीन शीर्ष नेता श्री सुंदरलाल पटवा की भागीदारी और प्रोत्साहन के कारण जन-कल्याण के फैसले हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि युवा चाहे तो सब कर सकते हैं। “तू जो चाहे पर्वत पहाड़ों को तोड़ दे, तू जो चाहे तो नदियों के मुँह को भी मोड़ दे, तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे, अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान, तेरी आत्मा में स्वयं भगवान हैं, मनुष्य तू बड़ा महान है” – मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन काव्य पंक्तियों से युवाओं की हौसला अफजाई भी की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम सभी मिल कर साथ चलेंगे।

कार्यक्रम में 5 युवाओं ने भी नेतृत्व प्रशिक्षण से जुड़े संस्मरण सुनाए। प्रदेश के जिन युवाओं ने जन अभियान परिषद के पाठ्यक्रम से मेंटर के रूप में जुड़ कर किये जा रहे कार्य के अनुभव सुनाए, उनमें श्री अनिमेष जबलपुर, नजमा बानो भोपाल, मोहन सिंह गौड़ अनूपपुर, सुश्री प्रतिभा सिंह रीवा और श्री कृष्णा पटेल दमोह शामिल हैं। इन सभी युवाओं ने सामाजिक कार्य के स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों से साहस और आत्म-विश्वास प्राप्त होने, मंच पर अपनी बात कहने, योजनाओं के प्रचार, कोरोना वॉलंटियर बन कर सेवाएँ देने, अंकुर अभियान के संचालन और जन-चेतना से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने की उपलब्धि की जानकारी दी। अनेक युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री चौहान की नेतृत्व क्षमता, मार्गदर्शन और प्रेरणा को अपने जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया।

परिषद के उपाध्यक्ष श्री विभाष उपाध्याय ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में हर क्षेत्र में विकास कार्यक्रम लागू किए हैं। अधो-संरचना मजबूत हुई हैं। प्रदेश के किसी भी हिस्से से राजधानी तक पहुँचना सरल हो गया है। ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की विशाल प्रतिमा और अद्वैत संस्थान स्थापित करने की पहल, उज्जैन में श्री महाकाल महालोक के निर्माण, ओरछा एवं अन्य स्थानों पर यात्री सुविधाओं के विकास के कार्य हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद को भी गौरव दिलवाया है। समाज कार्य में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों से हजारों विद्यार्थी जुड़ चुके हैं।

परिषद के महानिदेशक श्री बी.आर. नायडू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विकास में महिलाओं की भागीदारी के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। वर्ष 2019 में नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम बंद हो गया था। वर्ष 2020 से परिषद ने पुन: बी.एस.डब्ल्यू और एम.एस.डब्ल्यू पाठ्यक्रम विकासखंड स्तर पर संचालित करने का कार्य किया। आज 313 अध्ययन केन्द्र में 38 प्रतिशत महिलाओं और 24 प्रतिशत अनुसूचित जाति-जनजाति की भागीदारी है। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश 2023 और यू.एन.डी.पी के सतत विकास लक्ष्य – 2030 के लिए परिषद सक्रियता से कार्य कर रही है। समाज तक विभिन्न विभागों की योजनाएँ पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं। अन्य प्रमुख संस्थाओं से भी युवाओं को जोड़ा गया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप जलाकर सामुदायिक नेतृत्व युवा समागम का शुभारंभ किया। उन्होंने क्रिस्प द्वारा नवनिर्मित लर्निंग मैनेजमेंट पोर्टल एवं विद्यार्थी एप http://cmcldp.mpjapmis.org/ का लोकार्पण भी किया। क्रिस्प के एम.डी. डॉ. श्रीकांत पाटिल ने बताया कि पोर्टल से सभी विद्यार्थी एक प्लेटफार्म पर आ जाएंगे। पोर्टल पर ई-लायब्रेरी भी उपलब्ध है। भोपाल महापौर श्रीमती मालती राय उपस्थित थी।

जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र जामदार ने आभार माना। परिषद की स्मारिका का विमोचन हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान को पाठ्यक्रम सामग्री की पुस्तकें भेंट की गई। प्रोफेसर वीरेन्द्र कुमार व्यास चित्रकूट ने संचालन किया। चित्रकूट विश्वविद्यालय के कुलपति श्री भरत मिश्रा, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के प्रमुख सचिव श्री मुकेश गुप्ता और परिषद के कार्यपालक निदेशक श्री धीरेन्द्र पाण्डे उपस्थित थे।