MP के वरिष्ठ IPS अधिकारी के राजनीति में आने की चर्चा से राजस्थान में हलचल
भोपाल: बड़े अधिकारी जब रिटायरमेंट के बाद राजनीति का रुख करते हैं तो सामान्यतः उसी राज्य की राजनीति करते हैं। लेकिन, मध्यप्रदेश के वरिष्ठ IPS अधिकारी पवन जैन ने राजनीति प्रवेश के लिए अपने गृह राज्य राजस्थान का रुख किया। वे वहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उन्होंने अपनी तैयारी के संकेत भी दे दिए! वे जिस धौलपुर इलाके के रहने वाले हैं, वहां अपने पिता की स्मृति में एक बड़ा आयोजन करके एक तरह से अपने इरादों का इजहार भी कर दिया।
राजनीतिक परिवार से जुड़े पवन जैन राजाखेड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं और बताते हैं कि उनकी पार्टी के नेताओं से इस बारे में बात भी हो चुकी है। यदि हरी झंडी मिलती है तो IPS पवन जैन वीआरएस भी ले सकते है। वैसे वे इस साल जुलाई में रिटायर हो रहे हैं।MP के वरिष्ठ IPS अधिकारी के राजनीति में आने की चर्चा से राजस्थान के सियासी गलियारों में हलचल मच गई है।
भारतीय पुलिस सेवा में मध्यप्रदेश कैडर के 1987 बैच के लोकप्रिय पुलिस अधिकारी पवन जैन अब राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं। मूलतः राजस्थान के रहने वाले पवन जैन भारतीय जनता पार्टी से जुड़कर अपनी ही माटी की जनसेवा करना चाहते हैं।
राजस्थान में पवन जैन का गृह नगर धौलपुर जिले में राजाखेड़ा है जहां वे पिछले महीने करीब एक सप्ताह रहे थे और उन्होंने अपने पिताजी की स्मृति में एक बड़ा आयोजन भी किया था।
माना जा रहा है कि इस आयोजन के पीछे वह जनता से जुड़कर उनकी नब्ज जानना चाहते थे। उन्हें भरोसा हो गया है कि वह इस विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा सकते हैं और सफल हो सकते हैं। इसी बात को दृष्टिगत रखते हुए, अब उन्होंने लगता है अपना मन बना लिया है राजनीति में कूदने और अगर भाजपा ने टिकट दिया तो विधानसभा चुनाव लड़ने का।
गौरतलब है कि पवन जैन आईपीएस के माध्यम से शासकीय सेवा में आने से पहले अपने गृह नगर में तत्कालीन जनसंघ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय रहे हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मेंबर रहे हैं और उसमें काम किया है। 1977 में राजाखेड़ा विधानसभा सीट पर उन्होंने जनता पार्टी के उम्मीदवार के समर्थन में कई सभाओं को संबोधित भी किया था। उनका परिवार भी राजनीति से जुड़ा हुआ है। बड़े भाई विनोद जैन लगातार 8 साल से भाजपा के महामंत्री और जिला अध्यक्ष भी रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजाखेड़ा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में टिकट प्राप्त करने के संबंध में पवन जैन की राजस्थान के भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से प्रारंभिक चर्चा भी हो चुकी है। माना जा सकता है कि पार्टी भी पवन जैन को विधानसभा सीट के लिए अपना श्रेष्ठ उम्मीदवार मान रही है। इसलिए अब यह भी चर्चा चल रही है कि वे रिटायरमेंट के पूर्व ही वीआरएस लेकर प्रचार में जुट सकते हैं। वैसे पवन जैन 31 जुलाई 2023 को अपने बेहतरीन करियर के बाद रिटायर होंगे।
मध्यप्रदेश में पवन जैन वर्तमान में डायरेक्टर जनरल होमगार्ड्स हैं।
इससे पूर्व में मध्य प्रदेश के कई जिलों और संभागों में एसपी, डीआईजी और आई जीके रूप में काम कर चुके हैं। एडीजी के रूप में भी वे कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं सफलतापूर्वक दे चुके हैं। वह खेल संचालक के रूप में भी खिलाड़ियों के बीच काफी लोकप्रिय रहे हैं। उनकी गिनती परिणाम देने वाले अधिकारियों में होती है।
सुदखोरी उन्मूलन अभियान जो पवन जैन ने सरगुजा (छत्तीसगढ़), सीहोर तथा उज्जैन संभाग के सभी ज़िलों में दो दशकों तक चलाया गया था जिससे हज़ारों मज़दूर और किसानों की कई करोड़ों की चल अचल संपत्ति साहूकारों की तिजोरियों से आज़ाद हुई थी।
पिछले 35 वर्षों से लाल क़िले से लेकर विश्व हिन्दी सम्मेलन के सबसे बड़े मंचों पर उनकी रचनाओं ने लाखों लोगों के दिलों दिमाग़ पर अमिट छाप छोड़ी है।
मिल चुके हैं कई मेडल
अपने 46 साल के केरियर के दौरान पवन जैन को राष्ट्रपति के पुलिस मेडल के साथ ही कई पुरस्कार मिल चुके है।
सराहनीय सेवा के लिए उन्हें दो बार राष्ट्रपति पुलिस पदक और 2021 में INBC अंतरराष्ट्रीय और 2020 में मानव रत्न अवार्ड मिल चुका है।
एक कवि के रूप में उनकी राष्ट्रीय स्तर की ख्याति है।वे देश के एकमात्र कवि है जो 26 जनवरी को लाल किले की प्राचीर से 14 बार कविता पाठ कर चुके है। वह भारत की ओर से दक्षिण अफ्रीका के जोहानेसबर्ग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
वे जनता के साथ साथ अपने वरिष्ठ और अधीनस्थ अधिकारियों कर्मचारियों में खासे लोकप्रिय रहे है।वे वर्ष 2016 और 2017 में MP IPS अधिकारी एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे है।
बताया जाता है कि धौलपुर जिले की जिस राजाखेड़ा सीट से भाजपा उन्हें चुनाव लड़ा सकती है वहां पिछले 67 साल से भाजपा कामयाब नहीं हो सकी है और इस सीट पर एक ही परिवार का सालों से कब्जा है। भाजपा इस कब्जे को तोड़ने के लिए अब पवन जैन पर दांव खेलना चाहती है।
गौरतलब है कि पवन जैन धौलपुर जिले के राजाखेड़ा के ही निवासी हैं। भले ही उन्होंने अपनी 46 साल की सेवा मध्यप्रदेश में की हो पर वह अपने गृह नगर से लगातार जुड़े रहते हैं और वहां अक्सर जाते भी हैं। न सिर्फ लोगों के संपर्क में हैं बल्कि वहां की सामाजिक गतिविधियों में भी जुड़े रहते हैं। पिछले महीने ही उन्होंने अपने पिता बाबूलाल जैन की स्मृति में एक सेवा संस्थान का गठन किया है। इस संस्थान के माध्यम से अभी तक राजाखेड़ा क्षेत्र में 23 निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें 10000 गरीब और जरूरतमंद मरीजों के नेत्र, दंत और पोलियो के ऑपरेशन करवा चुके हैं। इस संस्थान के द्वारा देश के प्रख्यात चिकित्सकों के माध्यम से एक लाख से अधिक मरीजों का उपचार कर उन्हें लाभ पहुंचाया गया है।
कुल मिलाकर पवन जैन के राजस्थान की राजनीति में सक्रिय होने से अशोक गहलोत को अलर्ट हो जाना चाहिए क्योंकि अपनी ओजस्वी वाणी से पवन जैन न सिर्फ राजाखेड़ा बल्कि प्रदेश के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी अपना प्रभाव छोड़ सकते हैं।
देखिए पवन जैन का बायोडाटा-