कारपोरेट और बिजनेस विशेषज्ञ बसंत पाल की रिपोर्ट
आज शेयर कारोबार की शुरुआत भारी नुकसान के साथ हुई। प्री-ओपन में ही सेंसेक्स 1,500 अंक गिरा। जब बाजार खुला तब नुकसान कुछ कम हुआ और सेंसेक्स करीब 950 अंक की गिरावट पर आ गया।
पूरे दिन बाजार पर बिकवाली का जबरदस्त दबाव रहा। इस दौरान सेंसेक्स एक समय करीब 1,540 अंक गिरकर 52,669.51 अंक पर आ गया।
अंत में सेंसेक्स 1,416.30 अंक यानी 2.61 फीसदी के नुकसान के साथ 52,792.23 अंक पर बंद हुआ।निफ्टी भी 430.90 अंक (2.65 फीसदी) की बड़ी गिरावट के साथ 15,829.05 अंक पर रहा। इस गिरावट में बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 6 लाख करोड़ घट गया। हैवीवेट शेयरों में भारी बिकवाली है।
ऑल टाइम हाई से गिरा मार्केट
निफ्टी ने पिछले साल 18 अक्टूबर को अपना ऑल टाइम हाई छुआ था। उस दिन के कारोबार में यह 18,600 अंक के पार निकलने में कामयाब हुआ था। तब से अभी की तुलना करें, तो इस इंडेक्स में 15 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट आ चुकी है।
बिकवाली के इस दौर में टेक शेयरों का ज्यादा ही बुरा हाल है। आज के कारोबार में टेक शेयर 6 फीसदी तक टूटे हुए हैं।
चौतरफा हो रही बिकवाली का आलम ऐसा रहा कि सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से महज 2 के शेयर ग्रीन जोन में रह पाए हैं। आईटीसी के शेयर सबसे ज्यादा 3.53 फीसदी की बढ़त में रहे।
इससे पहले पिछले सप्ताह गुरुवार को भी सेंसेक्स और निफ्टी में 2-2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई।
आज की भारी गिरावट के कारण बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का एमकैप 255.77 लाख करोड़ रुपये से कम होकर 249.70 लाख करोड़ रुपये के पास आ गया।
इस तरह एक झटके में इन्वेस्टर्स के 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए। पिछले गुरुवार को बाजार में इन्वेस्टर्स के करीब 4 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हुए थे।
अमेरिकी करेंसी डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। इसके कारण रुपये में गिरावट आ रही है।सिर्फ इस साल रुपया अब तक करीब 4 फीसदी कमजोर हो चुका है।
कई एनालिस्ट इस साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत तक मंदी आने की आशंका जता रहे हैं।इस कारण इन्वेस्टर्स बाजार से पैसे निकालकर कैश जमा कर रहे हैं।
विदेशी मार्केट में भी मचा है हाहाकार
इसके अलावा कमजोर ग्लोबल ट्रेंड्स (Weak Global Cues) से भी बाजार पर असर पड़ रहा है। अमेरिकी बाजार में कल करीब दो साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली थी।
डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 3.2 फीसदी की गिरावट में रहा।