Stolen Mobile Business : चोरी के मोबाइल के धंधे से पारदी भी जुड़े, जांच जारी   

481

Stolen Mobile Business : चोरी के मोबाइल के धंधे से पारदी भी जुड़े, जांच जारी   

Indore : भंवरकुआ पुलिस ने मोबाइल लूटकर देश के बाहर बेचने वाले व्यापारियों को पकड़ा है। इस मामले में पकड़ाए व्यापारी रोज नए खुलासे कर रहे। इन व्यापारियों ने अब मोबाइल चोरी में शामिल पारदी गैंग का नाम भी लिया। इसके बाद अधिकारियों ने आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई है। प्रदीप और सन्नी के पकड़ाने के बाद जेल रोड के कई व्यापारी भूमिगत हो गए।

एडिशनल डीसीपी प्रशांत चौबे और एसीपी दिशेष अग्रवाल ने आरोपी सन्नी कुदवानी और प्रदीप माधवानी से पूछताछ की। प्रदीप ने बताया कि पीथमपुर, बेटमा और भोपाल के पारदियों से वह लूट, चोरी और ट्रक कटिंग का माल खरीदते थे। जिसे नरेन्द्र उर्फ नथ्थू व राहुल के माध्यम से विदेशों में भेजा जाता था। उल्लेखनीय है कि पारदी गैंग पेशेवर चोरों और नकबजनों की गैंग है, जो ट्रक कटिंग करने और माल चुराने में माहिर है।

आरोपियों ने छोटी कंपनी के मोबाइल के दो हजार ओर बड़ी कंपनी के मोबाइल के पांच से दस हजार रूपए रेट फिक्स कर रखे थे। घटना के मोबाइल में तीन से चार लोगों को रुपया बंटता था। हर माह करीब 50 से अधिक मोबाइल आरोपियों द्वारा इधर-उधर कर दिए जाते थे। वहीं प्रदीप ने जय जगत नगर के दो पारदियों के नाम भी बताए हैं, अब पुलिस पुलिस इनकी तलाश कर रही है।

 

बिच्छू देता था मोबाइल

प्रदीप और सन्नी को उज्जैन के रास्ते बिच्छू उर्फ रवि मोबाइल उपलब्ध कराता था। यहां से वह किसी मुस्लिम युवक से मोबाइल खरीदता था। प्रदीप ने बिच्छू का नाम भी लिया है। पुलिस अधिकारियों के पास मनीष, नरेन्द्र, भरत और राहुल के फोटो भी पहुंचे हैं। दिल्ली में नरेन्द्र के बारे में पुलिस ने जानकारी निकाली जुटाई है। बताया जाता है कि सन्नी और प्रदीप के पकड़ाने के बाद से ही वह भूमिगत हो गया है। उसके खिलाफ एमजी रोड, तेजाजी नगर और जूनी इंदौर में पहले से अलग-अलग मामले में शिकायत पहुंची हैं।

 

छह दुकानदारों के नाम सामने

भंवरकुआं पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो जेल रोड के छह दुकानदारों के नाम भी मिले हैं। जिनसे सन्नी माल लेकर प्रदीप को देता था। यह भी चोरी ओर अन्य वारदातों का माल लेता था। आरोपियों ने बताया कि वह कभी लोकल स्तर पर माल नहीं बेचते थे उनके मुताबिक यहां माल बेचने में पकड़ाने की रिस्क ज्यादा रहती थी। अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों ने कितने मोबाइल खरीदी ब्रिकी की है, इसकी उन्हें ही जानकारी नहीं। फिलहाल अभी उनके द्वारा बताए गए पारदियों की तलाश की जा रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद और मामलों का खुलासा हो सकता है।