Stone River: दुनिया की इकलौती नदी जिसमें पानी नहीं पत्थर बहते हैं
दुनिया में कई ऐसे आश्चर्य और अजूबे हैं जिन पर विश्वास करना मुश्किल होता है ,पृथ्वी आश्चर्यजनक स्थानों के एक पूरे खजाने का घर है। सबसे बड़े शहरों से लेकर सबसे ऊंचे पहाड़ों, सबसे गहरी घाटियों और सबसे बड़ी नदियों तक जो बड़े आश्चर्य या विस्मय का कारण भी बने हुए हैं .आज हम बात कर रहे है एक इसे ही आश्चर्य के बारे में, क्या आपने कभी किसी ऐसी नदी के बारे में सुना है, जिसमें पानी नहीं बल्कि पत्थर ही पत्थर मौजूद हों। आप शायद यकीन नहीं करेंगे, लेकिन रूस में ऐसी ही एक नदी है। यही वजह है कि पत्थरों की इस नदी को स्टोन रिवर या स्टोन रन कहा जाता है।
स्टोन नदी को जानकर मन में ख्याल आ रहा होगा कि आखिर इस नदी में पानी की जगह पत्थर कैसे आ गए? कुछ लोग इसे सिर्फ कुदरत का चमत्कार मान रहे हैं।आसपास के वातावरण को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि इस नदी में पानी की एक बूंद भी नहीं होगी. दिलचस्प बात यह है कि नदी के आसपास का वातावरण काफी हरा-भरा है।.
लेकिन स्टोन नदी में पानी की जगह पत्थर मौजूद हैं. स्टोन नदी के बारे में वैज्ञानिक भी ज्यादा नहीं जानते हैं।हालांकि यह नदी कुदरत के किसी बड़े करिश्मे से कम नहीं है। स्टोन नदी में करीब 6 किलोमीटर तक सिर्फ पत्थर ही नजर आएंगे। देखने में यह पत्थर किसी नदी की धारा जैसा लगता है। दरअसल, यह नदी रूस में है, जहां बड़ी संख्या में भारी पत्थर मौजूद हैं।
स्टोन नदी में 10 टन वजनी पत्थर,
20 मीटर लंबी नदी में 10 टन तक वजनी पत्थर मौजूद हैं .सबसे हैरानी की बात तो यह है कि इस नदी में पानी की एक बूंद भी नहीं है। यहां आपको सिर्फ पत्थर ही देखने को मिलेंगे। इस नदी में छोटे से लेकर बड़े पत्थर मौजूद हैं। जानकारी के मुताबिक यहां 10 टन वजनी पत्थर करीब 6 इंच तक जमीन में धंसा हुआ है। यही कारण है कि यहां कोई भी वनस्पति नहीं उग पाती है। दिलचस्प बात यह है कि नदी के आसपास का वातावरण काफी हरा-भरा है।नदी के आसपास देवदार के पेड़ भरे पड़े हैं।
नदी में पत्थर कैसे आए
स्टोन नदी को जानकर आपके मन में भी यही ख्याल आ रहा होगा कि आखिर इस नदी में पानी की जगह पत्थर कैसे आ गए? कुछ लोग इसे सिर्फ कुदरत का चमत्कार मान रहे हैं। आसपास के वातावरण को देखकर ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि इस नदी में पानी की एक बूंद भी नहीं होगी। हालांकि नदी में पत्थर को लेकर वैज्ञानिकों की अपनी थ्योरी है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये पत्थर 10 हजार साल पहले ग्लेशियर टूटने के कारण ऊंची चोटियों से गिरे होंगे, जिससे इनका निर्माण हुआ होगा।इस नदी में लगभग छह किलोमीटर तक आपको सिर्फ पत्थर ही पत्थर दिखाई देंगे। यह देखने पर बिल्कुल किसी नदी की धारा की तरह लगते हैं। 20 मीटर छोटी धाराओं से लेकर कहीं-कहीं यह नदी 200 से 700 मीटर की बड़ी धाराओं का रूप भी ले लेती है।