story 3rd installment; अनुगूँज

Story second installment ; अनुगूँज वह बड़ी हैरान है कि ज़िंदादिल जेठानी गुरमीत दिन भर घर के वातवरण को बहुत ख़ुशनुमा रखती और उसे छोटी बहनों की तरह प्यार करती पर रात को पता नहीं उसे क्या हो जाता है; पति की बेरुख़ी वह सह नहीं पाती और ज्यों-ज्यों रात बीतती है, बिखरती जाती है। … Continue reading story 3rd installment; अनुगूँज