Strange And Mysterious Temple : ‘बिजली महादेव’ 12 साल में एक बार महादेव के इस मंदिर में गिरती है बिजली

ऐसा शिवलिंग जिस पर हर 12 साल पर गिरती है बिजली

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Strange And Mysterious Temple : ‘बिजली महादेव’12 साल में एक बार महादेव के इस मंदिर में गिरती है बिजली

कभी सोचा है कि 2.5 किमी ऊंची पहाड़ की चोटी से एक ओर कुल्लू घाटी और दूजी ओर पार्वती घाटी और सामने पार्वती और व्यास नदी का संगम – कैसा होगा ?    बिजली महादेव हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ऊंची पहाड़ियों पर स्थित है। यहां पर पारवती और व्यास नदी का संगम भी है।

आपको हिमाचल प्रदेश की कुल्लू घाटी में कुल्लू के बस स्टैंड से चंसारी गांव के लिए बस और शेयर कैब मिल जाती है। ये दूरी करीब 18 किमी और 30 मिनट की है।

• दूसरा रास्ता भ्रैण गांव से जाता है जो 24 किमी और 45 मिनट की दूरी की ड्राईव है। इस रूट पर बस आपको भ्रैण गांव तक नहीं ले जाएगी, यहां आपको कुल्लू से शेयर या बुकिंग कैब करनी पड़ेगी या फिर अपनी गाड़ी से जा सकते हैं।

• तीसरा रास्ता नग्गर से जना वाटरफाल होते हुए बिजली महादेव ले जाता है। जना वाटरफाल तक तो सभी गाड़ियां जाती हैं पर उसके आगे 25 किमी का प्रॉपर ऑफरोड ट्रेल है. जिसके लिए 4×4 एसयूवी चाहिए।

at bijli mahadev temple in himachal pradesh | इस शिवलिंग पर हर 12 साल बाद गिरती है आसमानी बिजली, उसके बाद होता है ये चमत्कार | Patrika News

Photo of Kullu Bus Stand by Roaming Mayank

मान्यता है कि यहां की विशालकाय घाटी सांप के रूप में है, जिसका वध महादेव के द्वारा किया गया था। मान्यता के अनुसार, भगवान शिव की अज्ञा लेकर ही हर 12 साल पर भगवान इंद्र बिजली गिराते हैं। बिजली गिरने के कारण शिवलिंग खंडित हो जाता है, उसके बाद यहां के पुजारियों द्वारा खंडित शिवलिंग को मक्खन से जोड़ा जाता है।बिजली महादेव की पौराणिक कथा के अनुसार, इस घाटी में कुलान्त नाम का एक दैत्य रहता था, जो बहुत ही मायावी था। एक बार उसने सभी जीवों को मारने की लिए व्यास नदी को रोक दिया। कहा जाता है कि दैत्य के इस रवैये से महादेव क्रोधित हो गए और उन्होंने इस दैत्य को मारने का मन बना लिया।

Photo of बिजली महादेव एक बेहद खूबसूरत और रोमांचक ट्रेक By Roaming Mayank

Photo of Bijli Mahadev Kullu by Roaming Mayank

महादेव ने इस समस्या का समाधान करने के लिए यहां आकर उस दैत्य से कहा कि उसकी पूंछ में रक्तफूल यानी आग लग गई है। ऐसा सुनते ही दैत्य जैसे ही पूंछ देखने के लिए पलटा शिव ने उसका अंत कर दिया। इसके बाद उस दैत्य का शरीर एक साँप के रूप मे बदलकर आज की कुल्लू की पहाडियाँ बन गया। महादेव के आदेश पर हर 12 वर्ष में मंदिर के ऊपर आकाशीय बिजली इंद्र आज्ञा लेकर गिराते हैं ताकि यहां के जीवन पर कोई आपदा नहीं आए। बिजली का आघात अपने ऊपर लेकर महादेव शिव जन जीवन की रक्षा करते हैं।

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बिजली गिरने से हुए आघात के उपचार के लिए मंदिर के शिवलिंग पर माखन या मक्खन लगाया जाता है। इसी कारण इन्हें मक्खन महादेव भी कहा जाता है.

bijli_mahadev_175125kullu | Kullu

bijli mahadev mandir kullu

ऐसा भी बताया जाता है कि इस घटना के बाद स्वयं महादेव ने देवराज इंद्र को आदेश दिया था कि वह इस स्थान पर प्रत्येक 12 वर्ष पर बिजली गिराएं, क्योंकि उन्होंने खुद इस स्थान की रक्षा के लिए राक्षस का वध किया था। ऐसे में बिजली गिरने से वह स्थान तहस-नहस होता देख उन्होंने बिजली को खुद के ऊपर गिराने की ठान ली, जिसके बाद से उनका एक नाम बिजली महादेव (Bijli Mahadev) पड़ा और तब से यह प्रथा आज तक चली आ रही है।

कहा जाता है कि शिवलिंग पर बिजली गिराने को इसलिए कहा गया था ताकि उनके भक्तों को जो भी कष्ट आए वह भगवान खुद अपने ऊपर ले लें। इस मंदिर की मान्यता इतनी ज्यादा है कि हर साल यहां भादो के महीने में बहुत बड़ा मेला लगता है। बिजली महादेव के दर्शन के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

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