अफगानिस्तान में आज शाम 07:59 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इस भूकंप की जानकारी दी है।
बता दें कि भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में रहा, लेकिन झटके भारत और पाकिस्तान सहित तजाकिस्तान के भी कई इलाकों में महसूस किए गए हैं। वहीं भूकंप की तीव्रता 4.5 होने की वजह से लोग सहम से गए। आनन-फानन में लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। दोबारा भूकंप आने की आशंका के बीच काफी समय तक लोग सड़कों पर ही घूमते हुए भी देखे गए
Earthquake of Magnitude:4.5, Occurred on 17-03-2024, 19:59:23 IST, Lat: 36.66 & Long: 71.43, Depth: 169 Km ,Region: Afghanistan for more information Download the BhooKamp App https://t.co/IuC0rzYAHv@KirenRijiju @Ravi_MoES @Dr_Mishra1966 @ndmaindia @Indiametdept pic.twitter.com/w50kk8HUmB
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) March 17, 2024
जापान में भी भूकंप
बता दें कि अभी हाल ही में जापान में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जापन के फुकुशिमा में शुक्रवार को तेज तीव्रता वाला भूकंप आया, जिससे एक बार फिर धरती डवांडोल हो गई। वहीं भूकंप की वजह से लोगों के बीच अफरातफरी मच गई। अचानक धरती में कंपन्न पैदा होने से लोग अपने घरों से निकलकर बाहर की ओर भागने लगे। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार यहू भूकंप पूर्वी जापान में शुक्रवार तड़के आया। वैज्ञानिकों ने इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.8 बताई। इतनी तीव्रता के भूकंप से लोगों के बीच हलचल मच गई।
क्यों आते हैं भूकंप?
हाल के दिनों में देश-दुनिया के कई इलाकों में भूकंप की घटनाओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हमारी धरती के भीतर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार अपने स्थान पर घूमते रहती हैं। हालांकि, कभी-कभी इनमें टकराव या घर्षण भी होता है। इसी कारण धरती पर भूकंप की घटनाएं देखने को मिलती हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनजीवन को उठाना पड़ता है। भूकंप से मकानें गिर जाती हैं, जिसमें दबकर हजारों लोगों की मौत हो जाती है।
इन भागों में बांटा गया देश
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी 4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है।