JHABUA रंगपुरा पुनर्वास केंद्र में दिव्यांग सशक्तिकरण की मजबूत पहल: एडीप योजना अंतर्गत 117 दिव्यांगजनों को 20.67 लाख रुपये के सहायक उपकरण वितरित

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JHABUA रंगपुरा पुनर्वास केंद्र में दिव्यांग सशक्तिकरण की मजबूत पहल: एडीप योजना अंतर्गत 117 दिव्यांगजनों को 20.67 लाख रुपये के सहायक उपकरण वितरित

JHABUA: दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उनके दैनिक जीवन को आत्मनिर्भर व सुगम बनाने की दिशा में झाबुआ जिले के रंगपुरा स्थित दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। एडीप योजना के अंतर्गत आयोजित इस निःशुल्क सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम में 117 दिव्यांगजनों को कुल 20,67,338 रुपये की लागत से 258 सहायक उपकरण प्रदान किए गए। कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री निर्मला भूरिया के मुख्य आतिथ्य तथा कलेक्टर नेहा मीना के विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ।

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▪️आत्मीय स्वागत और प्रेरक प्रस्तुतियां

▫️कार्यक्रम की शुरुआत सीडब्ल्यूएसएन हॉस्टल के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों द्वारा अतिथियों के आत्मीय स्वागत से हुई। बच्चों ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से संवाद कर अपनी प्रतिभा, आत्मविश्वास और जिजीविषा का प्रभावी परिचय दिया। यह दृश्य उपस्थित जनसमूह के लिए भावनात्मक और प्रेरणादायक रहा।

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▪️सरकार का संकल्प दिव्यांगजन सशक्तिकरण

▫️मुख्य अतिथि निर्मला भूरिया ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि समाज के प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक संसाधन और सहायता उपलब्ध कराई जाए।

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से चलने फिरने में असमर्थ दिव्यांगजनों को आवश्यक सहायक उपकरण प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। प्रशासन द्वारा ग्राम स्तर तक दिव्यांगजनों का चिन्हांकन कर प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, ताकि पात्र हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।

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▪️जिले में समावेशी विकास पर जोर

▫️कलेक्टर नेहा मीना ने कहा कि जिले में समावेशी विकास के लक्ष्य के साथ दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 281 दिव्यांगजनों को लगभग 55 लाख रुपये मूल्य के सहायक उपकरण वितरित किए गए थे। आगामी तीन माह में जिले में दिव्यांगजनों के चिन्हांकन की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी, जिसमें गेल तथा विभिन्न गैर सरकारी संगठनों का सहयोग भी लिया जाएगा।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जिला प्रशासन द्वारा 60 प्रतिशत शासकीय सहभागिता और 40 प्रतिशत सीएसआर सहयोग से 21 दिव्यांगजनों को बाइक और स्कूटी उपलब्ध कराई गई है, यह पहल आगे भी निरंतर जारी रहेगी।

▪️आत्मनिर्भरता की दिशा में सार्थक प्रयास

▫️जिलाध्यक्ष भानु भूरिया ने कहा कि सरकार समाज के हर वर्ग विशेषकर दिव्यांगजनों की सहायता के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। सहायक उपकरण न केवल शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक हैं, बल्कि दिव्यांगजनों के दैनिक जीवन को सरल और सम्मानजनक बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लक्ष्य है कि दिव्यांगजन समाज की मुख्यधारा से जुडकर स्वतंत्र जीवन जी सकें।

▪️सतत सहायता का भरोसा

▫️मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान ने कार्यक्रम को सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से जरूरतमंदों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। लाभार्थियों का निरंतर चिन्हांकन किया जा रहा है और यह सहायता प्रक्रिया भविष्य में भी नियमित रूप से जारी रहेगी, ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित न रहे।

▪️258 सहायक उपकरणों का वितरण

▫️उपसंचालक सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग पंकज सांवले ने बताया कि आज 117 दिव्यांगजनों को 258 सहायक उपकरण वितरित किए गए। इनमें 68 ट्राइसाइकिल, 24 बैटरी चालित मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल, 16 हियरिंग एड, 115 बैसाखियां सहित अन्य आवश्यक उपकरण शामिल हैं।

जनपदवार वितरण में मेघनगर से 40, झाबुआ से 24, राणापुर से 22, दिव्यांग पुनर्वास केंद्र झाबुआ से 23, थांदला से 7 और पेटलावद से 1 आवेदन प्राप्त हुए। साथ ही हरिश भाबोर ग्राम भोड़ली और गुला भाबोर ग्राम धावड़ीपाड़ा को ड्राइविंग लाइसेंस भी प्रदान किए गए।

▪️नशामुक्ति का संदेश

▫️कार्यक्रम के दौरान मंत्री निर्मला भूरिया ने उपस्थित सभी को नशामुक्ति की शपथ दिलाई और समाज को स्वस्थ व सशक्त बनाने का आह्वान किया।

▪️व्यापक उपस्थिति

▫️इस अवसर पर पूर्व विधायक कलसिंह भाभर, अन्य जनप्रतिनिधिगण, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व झाबुआ भास्कर गाचले, सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में दिव्यांगजन उपस्थित रहे।

▪️और अंत में•••••

▫️रंगपुरा पुनर्वास केंद्र में आयोजित यह कार्यक्रम दिव्यांगजनों के लिए केवल सहायक उपकरण वितरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह उन्हें आत्मसम्मान, आत्मनिर्भरता और समाज में समान भागीदारी का मजबूत संदेश देने वाला आयोजन साबित हुआ।