Prakash Jha जैसे कलाधर्मी के साथ ऐसा बर्ताव..?
*श्रीप्रकाश दीक्षित की विशेष रिपोर्ट*
भोपाल: दामुल,राजनीति,सत्याग्रह,आरक्षण,गंगाजल और चक्रव्यूह जैसी झकझोरने वाली फिल्में बनाने वाले प्रकाश झा और उनकी वेब सीरीज आश्रम की टीम के साथ भोपाल मे बजरंग दल के झंडे तले सिरफिरों की भीड़ ने जो प्रायोजित हिंसा की उसे हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए.
सीरीज मे आश्रमों की व्यवस्था को कथित तौर से गलत ढंग से पेश किए जाने का आरोप प्रकाश झा जैसे प्रबुद्ध और संजीदा निर्देशक पर मढ़ते हुए गुमराह सिरफिरों ने कानून हाथ मे लेकर जिस अराजकता का प्रदर्शन किया उस पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए.
जेल की हवा खा रहे आसाराम बापू और राम रहीम के आश्रमों मे क्या होता था यह सार्वजनिक हो चुका है.हाल ही मे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के मुखिया नरेंद्र गिरी द्वारा आत्महत्या और सुसाइड नोट मे शिष्य आनंद गिरी को दोषी ठहराने की घटना बताती है की धार्मिक संस्थाओं मे सब ठीक नहीं चल रहा है.
यह जानना दिलचस्प होगा की आश्रम मे मुख्य किरदार का रोल कर रहे बाबी देओल के भाई सनी देओल और सौतेली माँ हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य हैं और पिता धर्मेन्द्र भी पार्टी के सांसद रह चुके हैं.
फिल्मों के जगह नहीं बना पाए इस धर्मेद्र पुत्र के केरियर को आश्रम सीरीज से नई दिशा मिली है.बजरंग दल के तार कहाँ से जुड़े हैं यह सब जानते हैं.मध्यप्रदेश मे भाजपा की सरकार है और यदि भोपाल मे शूटिंग पर ऐतराज था तो शिवराज सरकार से कह कर इसे रुकवा देते.
खुद कानून हाथ मे लेने और नाम ना बदलने पर शूटिंग ना होने देने की धमकी का क्या मतलब है.आश्रम सीरीज के एक दर्जन से ज्यादा एपिसोड वाले दो भाग आ चुके हैं और पसंद किए जा रहे हैं.
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केंद्र मे भी भाजपा की सरकार है और आश्रम शीर्षक के दुरुपयोग पर ऐतराज था तो भारत सरकार से कह कर बदलवा देत..!