अधीक्षक विहीन इटारसी जंक्शन पर पटरी से उतरी समर एक्सप्रेस कोई हताहत नहीं,पटरी से उतरे दोनों कोच काटे गए,तीन घंटे से यात्री हो रहे परेशान
संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रकांत अग्रवाल की रपट
इटारसी। आज स्टेशन अधीक्षक विहीन डिवीजन के सबसे बड़े व देश के चौथे सबसे बड़े रेलवे जंक्शन इटारसी पर शाम करीब 5 बजकर 50 मिनिट पर रानी कमलापति सहरसा समर एक्सप्रेस 01663 ट्रेन प्लेटफार्म पर प्रवेश करते समय बेपटरी हो गई। सूत्रों के अनुसार जिस समय ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 2 पर प्रवेश कर रही थी,उस दौरान एक पाइंटमेन नरोत्तम मीना पटरियों के पास उपस्थित था।जैसे ही उसने एक कोच का पहिया पटरी से उतरता देखा,तो उसने तत्काल चलती ट्रेन के कोच में चढ़कर कोच में लगी चेन को खींच दिया। पाइंटमेन समय रहते यदि चेन पुलिंग नही करता तो इटारसी रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा हो सकता था। तब तक बी 1 और बी 2 कोच पटरी से उतर चुके थे,जिनमें करीब 65 यात्रियों के होने की प्रारंभिक जानकारी मिली है। हादसा जिस इस जगह से शुरू हुआ वहां क्रासिंग पाइंट है। ट्रेन इसी पटरी से स्लिप हुई।अधिकारी घटना की जांच में जुटे हैं। दरअसल आज मैसूर से रानी कमलापति की ओर चलने वाली समर स्पेशल ट्रेन इटारसी रेलवे जंक्शन में पहुंच प्लेटफार्म क्रमांक 2 में प्रवेश कर रही थी। पर प्लेटफॉर्म 2 पर पहुंचने से पहले ही उसके दो AC कोच B1 और B2 बेपटरी हो गए। यात्री डरकर चीख पुकार करते हुए ट्रेन से उतरने लगे। हालांकि किसी प्रकार की कोई जनहानि नहीं हुई है पर बड़ा हादसा टल गया। वहीं जानकारी मिलते ही मौके पर कुछ स्थानीय रेलवे अधिकारी पहुंचे और इसकी जांच में जुट गए हैं।
फिर पटरी से उतरे कोचों को वापस पटरी पर लाने की कवायद स्थानीय रेलवे अधिकारियों ने शुरू की । ट्रेन लगभग 3 घण्टे से खड़ी है। बताया जा रहा है कि ट्रेन स्लो स्पीड से प्लेटफार्म पर पहुंच रही थी। इस कारण यात्रियों की जान बच सकी है। अगर गाड़ी तेज गति में होती तो कोई बड़ी घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता था। रानी कमलापति से बेगूसराय जा रहे एक प्रत्यक्षदर्शी यात्री ने बताया कि ट्रेन प्लेटफार्म पर लग रही थी।
इटारसी में ट्रेन का दस मिनट का स्टॉपेज था, हमें लगा कि यहां कुछ खा पी लेंगे। पर तभी अचानक बहुत तेज घड़घड़ाहट की आवाज सुनाई दी और किसी ने फिर चेन पुलिंग कर दी जिससे ट्रेन रुक गयी। नीचे उतरकर देखा तो पता चला कि दो बोगी पटरी से उतरी हुई हैं। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी यात्री ने बताया कि वे रानी कमलापति से बेगूसराय जा रहे थे। ट्रेन के गेट पर खड़े थे। सोचा था कि इटारसी में थोड़ी देर बाहर खड़े होंगे कि अचानक बहुत तेज आवाज के साथ बोगी पटरी से उतर गयी और झटके लगने लगे। हमें बताया गया कि यहां तीन घंटे लगेंगे। रानी कमलापति से पटना जा रहे एक अन्य यात्री ने बताया कि उनके कोच के आगे वाला कोच पटरी से उतरा है।
हालांकि ट्रेन काफी धीमी थी तो किसी को कोई चोट नहीं आयी है, लेकिन अब चिंता यह हो रही है कि कितनी देर यहां रुकना पड़ेगा। पटना पहुंचने में वैसे ही बहुत अधिक समय लगता है ऊपर से तीन घंटे से अधिक की देरी हो जाएगी। इटारसी में पिछले 15 दिनों के भीतर ट्रेन के डीरेलमेंट होने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले कुछ दिन पूर्व एक गुड्स ट्रेन पटरी से उतर गई थी। एक सप्ताह पहले भी एक मालगाडी रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर चुकी है। उक्त मालगाड़ी के पटरी से उतरने के कारण पांच घंटे तक मुंबई जाने और आने वाली ट्रेनों के पहिए थम गए थे। बमुश्किल पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कोच को पटरी पर लाया गया था। इटारसी जैसे बड़े जंक्शन पर कोई भी बड़ा जिम्मेदारी अधिकारी मौजूद नहीं है। स्टेशन अधीक्षक का तबादला होशंगाबाद होने के बाद यहां कोई भी स्टेशन अधीक्षक नहीं आया है। ऐसे में स्टेशन अधीक्षक की जिम्मेदारी स्टेशन मास्टर के हवाले ही होती है,जिनके पास कई अतिरिक्त कार्य भी होते हैं। हालांकि प्लेटफार्म पर प्रवेश के दौरान पटरी से कोच उतरने की जानकारी मिलते ही स्टेशन पर उपस्थित अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। रेलवे अस्पताल की एंबुलेंस और चिकित्सक स्टाफ भी तत्काल मौके पर पहुंचा। हालांकि इस घटना में किसी के भी घायल होने की जानकारी सामने नहीं आई है। रेलवे द्वारा दोनों कोच को आगे और पीछे से अलग किया गया। इसके बाद उक्त ट्रेन को दूसरे प्लेटफार्म पर लाकर दोनों कोच के यात्रियों को अन्य कोच में शिफ्ट किया गया है। इस दौरान एसी बंद होने के साथ यात्रियों को पानी तक के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। खबर बनाए जाने तक ट्रेन इटारसी में ही खड़ी थी।