Sun and Its Happy Family- कुछ रोचक तथ्य

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Sun and Its Happy Family- कुछ रोचक तथ्य

सर्वशक्तिमान ईश्वर ने ब्रम्हांड और समस्त सृष्टि की रचना की है। हम मानव ही संभवत: एक मात्र जीव हैं जो इस तथ्य से अवगत है।

हमारी पृथ्वी सहित हमारा सौरमंडल ब्रह्माण्ड का एक बहुत ही छोटा भाग है। सौर मंडल की निकटता के कारण मानव का ध्यान सर्वप्रथम इसी पर गया। पृथ्वी पर लगभग 40 हज़ार वर्ष पूर्व पैलियोलिथिक मानव ने आकाश की ओर देखा और दिन-रात के चक्र, ऋतुओं और चंद्रमा के चरणों का अवलोकन किया। दस हजार वर्ष पूर्व जब मानव ने खेती करना प्रारंभ किया, तो उसने सूर्य के चक्र का उपयोग किया जिससे उसको फसलों के लिए उपयुक्त समय का पता चलने लगा। उसने धार्मिक अनुष्ठानों के लिए ग्रहों की गति और स्थिति का भी सूक्ष्म अवलोकन किया। चार हजार वर्ष पूर्व भारतीय, मिस्री और मेसोपोटेमियाई लोगों ने अपने-अपने खगोल विज्ञान का विकास प्रारंभ किया। बाद में यूनानी विद्वानों ने और परिष्कृत अवधारणा प्रस्तुत की। परन्तु 17वीं शताब्दी आने पर ही कॉपरनिकस, गैलिलियो और केपलर ने सौर मंडल की वैज्ञानिक कल्पना की।

हमारे सौर मंडल के अभिभावक सूर्य हैं जो इसके केंद्र में स्थित हैं। आपमें से कुछ को अपने स्कूल के दिनों की याद होगी जब हमें बताया गया था कि हमारे सौर मंडल में आठ ग्रह हैं। ये 8 ग्रह, सूर्य से दूरी के क्रम में,
1.⁠ ⁠बुध, 2.⁠ ⁠शुक्र, 3.⁠ ⁠पृथ्वी, 4.⁠ ⁠मंगल, 5.⁠ ⁠बृहस्पति, 6.⁠ ⁠शनि, 7.⁠ ⁠यूरेनस तथा 8.⁠ ⁠नेपच्यून हैं। प्लूटो पहले एक ग्रह माना जाता था, लेकिन अब इसे अत्यंत छोटा होने के कारण ग्रह नहीं माना जाता है।

किसी भी सामान्य व्यक्ति के लिए सौर मंडल के अनेक रोचक तथ्य हैं।
सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षाओं में परिक्रमा करते हैं। पृथ्वी तीसरे स्थान पर है और एक परिक्रमा करने में एक वर्ष लेती है। इसी परिक्रमा के कारण मौसम बदलते हैं। सूर्य के निकट के दो ग्रह एक वर्ष से कम समय में परिक्रमा करते हैं, जबकि पृथ्वी से सूर्य के दूसरी तरफ़ के पांच ग्रह एक परिक्रमा करने में इससे बहुत अधिक समय लेते हैं।
सूर्य की परिक्रमा करने के अतिरिक्त ये ग्रह अपने स्थान पर एक लट्टू की तरह भी घूमते हैं। पृथ्वी अपनी धुरी पर एक चक्कर करने में 24 घंटे लेती है। धुरी पर इस तरह के चक्कर के कारण दिन और रात होते हैं। अन्य ग्रहों के अपनी धुरी पर घूमने के अपने अलग-अलग समय हैं।
एक और रोचक तथ्य यह है कि आंतरिक 4 ग्रह (बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल) ठोस चट्टानों से बने हैं और अपेक्षाकृत छोटे और सूर्य के निकट हैं। बाहरी 4 ग्रह (बृहस्पति, शनि, यूरेनस, नेपच्यून) गैस के बने महाकाय और बहुत बड़े ग्रह हैं तथा सूर्य से दूर हैं। आंतरिक 4 ठोस ग्रहों और बाहरी 4 गैसीय ग्रहों के बीच एक क्षुद्रग्रह की पट्टी है। क्षुद्रग्रह छोटी-छोटी चट्टानें होती हैं। क्षुद्रग्रह की पट्टी में लगभग 11 से 19 लाख क्षुद्रग्रह हैं जो 1 किलोमीटर से अधिक बड़े हैं और लाखों अन्य इनसे भी छोटे हैं। इतनी बड़ी संख्या के ये क्षुद्रग्रह आंतरिक चार और बाहरी चार ग्रहों के बीच रहते हुए सूर्य की परिक्रमा करते रहे हैं।

पृथ्वी के पास एक सुंदर चंद्रमा है, जो विचारकों, कवियों और प्रेमियों का आकर्षण रहा है। परन्तु बुध और शुक्र के पास एक भी चंद्रमा नहीं है, जबकि मंगल के पास दो चंद्रमा हैं। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून के पास क्रमशः 92, 146, 27 और 14 चंद्रमा हैं।
मनुष्य के अवलोकन और चिंतन के लिए ईश्वर प्रदत्त विविध विषय हैं !

Author profile
n k tripathi
एन. के. त्रिपाठी

एन के त्रिपाठी आई पी एस सेवा के मप्र काडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्होंने प्रदेश मे फ़ील्ड और मुख्यालय दोनों स्थानों मे महत्वपूर्ण पदों पर सफलतापूर्वक कार्य किया। प्रदेश मे उनकी अन्तिम पदस्थापना परिवहन आयुक्त के रूप मे थी और उसके पश्चात वे प्रतिनियुक्ति पर केंद्र मे गये। वहाँ पर वे स्पेशल डीजी, सी आर पी एफ और डीजीपी, एन सी आर बी के पद पर रहे।

वर्तमान मे वे मालवांचल विश्वविद्यालय, इंदौर के कुलपति हैं। वे अभी अनेक गतिविधियों से जुड़े हुए है जिनमें खेल, साहित्यएवं एन जी ओ आदि है। पठन पाठन और देशा टन में उनकी विशेष रुचि है।