सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, अब MP सरकार ढूंढ रही PM सहायता कोष से सहायता पाने वाले गायब बच्चे

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सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, अब MP सरकार ढूंढ रही PM सहायता कोष से सहायता पाने वाले गायब बच्चे

भोपाल: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में पीएम सहायता कोष के लिए चिन्हित बिना माता-पिता के अनाथ बच्चों को मदद नहीं दिए जाने पर एमपी सरकार पर नाराजगी जताई है। अब सरकार ऐसे दस बच्चों को खोज रही है जिनकी जानकारी नहीं मिल पा रही है।
मार्च-अप्रैल 2020-21 में जिन बच्चों ने कोविड 19 में माता पिता खाऐ है उनके लिए सीएम बाल कोविड योजना लागू की गई है। इसके अंतर्गत ऐसे बच्चों जो नान आरटीआई के अंतर्गत है उन बच्चों के लिए दस हजार रुपए की राशि प्रति वर्ष शासन द्वारा दी जाएगी। लोक शिक्षण संचालनालय ने पीएम सहायता कोष के लिए चिन्हित 26 बच्चों की सूची भेजी थी। इनमें से सोलह बच्चों की जानकारी मिल गई है शेष दस बच्चों की जानकारी नहीं मिल पा रही है। इन बच्चों की पहचान करना है। 28 अप्रैल 2023 को ये प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लगा है। इसलिए इस मामले में पालन प्रतिवेदन भी भेजा जाना है। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कहा गया है किइसे प्राथमिकता से देखे।
प्रदेश में 3700 बच्चे ऐसे है जिनके माता पिता कोविड के दौरान मृत हुए। इन बच्चों की शिक्षा व्यवस्था तथा आर्थिक सहायता हेतु कार्य करना है और पालन प्रतिवेदन भेजना है। इसमें जिला शिक्षा अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उनका दायित्व है कि वे संबंधित जिले के डीपीसी से समन्वय कर ऐसे बच्चों की पहचान करे साथ ही जानकारी एकत्रित करे कि कितने बच्चे कक्षा 9 से 12 तक शासकीय, अशासकीय विद्यालय के है एवं कितने छात्र आरटीआई अंतर्गत रजिस्टर्ड है एवं कितने नान आरटीआई से है। नान आरटीआई अंतर्गत बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाना है। ऐसे बच्चों को पीएम फंड से सहायता प्रदान की जाना है।