Suspend: राहत राशि में सवा करोड़ का घोटाला – 2 राजस्व कर्मचारी सस्पेंड, तहसीलदार सहित 3 को नोटिस

महालेखाकार जांच में हुआ ख़ुलासा

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Suspend: राहत राशि में सवा करोड़ का घोटाला – 2 राजस्व कर्मचारी सस्पेंड, तहसीलदार सहित 3 को नोटिस

मंदसौर से डॉ. घनश्याम बटवाल की खास रिपोर्ट

मंदसौर । केंद्र और राज्य की हितग्राही मूलक योजनाओं में राहत राशि वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आ रही हैं । आरंभिक रूप से सवा करोड़ रुपये की गड़बड़ी उजागर हुई है। विस्तृत जांच उपरांत राशि बढ़ेगी । कलेक्टर ने इस संबंध में राजस्व विभाग के 2 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और तत्कालीन तहसीलदार सहित तीन को नोटिस जारी किए हैं।

जिले में बीते पखवाड़े में प्रधानमंत्री आवास योजना हो या अतिवृष्टि पीड़ित किसानों को राहत राशि का मामला हो या आयुष्मान कार्ड पात्रों के चयन में गड़बड़ी हो , पुलिस ने डायल 100 के चालक के दुस्साहस , नगर पालिका सीएमओ मंदसौर के निरीक्षण में दो दर्ज़न कामगारों की अनुपस्थिति हो सहित नित नए मामले सामने आए हैं।

ऐसे मामले जनप्रतिनिधियों , विपक्षी दलों , पीड़ितों और जागरूक लोगों के माध्यम से उठाये गए हैं । प्रशासन पुलिस और जांच एजेंसियों ने कार्यवाही आगे बढ़ाई है ।
इसी कड़ी में जिले की मल्हारगढ़ विधानसभा एवं वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा के क्षेत्र में सन 2019 की अतिवृष्टि से प्रभावित कोई डेढ़ दर्ज़न गांवों के पीड़ित किसानों को राज्य शासन द्वारा प्रदत राहत राशि उनके वास्तविक बैंक खातों में अब तक प्राप्त नहीं हुई है । यह जानकारी तब उजागर हुई जब जिला कोषालय कार्यालय द्वारा विवरण महालेखाकार कार्यालय ग्वालियर को भेजा गया ।
जब AGMP ग्वालियर ने रेण्डम परीक्षण किया और मानक फिल्टर जांच की तो बड़ी राशि पात्र हितग्राहियों के खातों में न होकर अन्य अपात्र के खातों में चली गई ।
पीड़ित किसानों द्वारा राहत नहीं मिलने बाबत सी एम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज़ भी कराई किंतु राजस्व अमले द्वारा बतलाया गया कि आगामी किश्तों में राहत राशि मिलेगी ।

आरंभिक रूप से रेण्डम जांच में मल्हारगढ़ क्षेत्र के 17 गांवों बही पार्श्वनाथ,हरिपुरा,अवाना,काचरिया
आक्यामेडी , पीर गुराड़िया,पिपलिया सोलंकी ,जोगनी ,खड़पाल्या ,सेलावरी भीलखेड़ी,इरली,मंशाखेड़ी भैंसाखेड़ा बेलारा ,काचरियानो , कुम्हारी आदि की जांच की गई। संयुक्त कलेक्टर बिहारीसिंह जांच अधिकारी बनाये गए।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक महालेखाकार ग्वालियर कार्यालय के ऑडिट में पात्र किसानों के विवरणों और खातों के असंबद्ध होने और विभागीय सर्वर में अंतर पर मंदसौर सहित प्रदेश के 14 जिलों में रेण्डम जांच से हुए खुलासे में तथ्य सामने आए हैं ।
बताया जाता है कि राहत राशि गड़बड़ी में तत्कालीन समय के राजस्व अधिकारी , पटवारी , तहसीलदार , एसडीएम , कम्प्यूटर ऑपरेटर आदि की संलिप्तता मिली है । कतिपय स्तर पर राजस्व की लापरवाही भी पाई गई है । पटवारियों ने रिपोर्ट तो बराबर प्रस्तुत की पर बैंक खातों के विवरणों में अंतर आया है । पहेड़ा कनगेटटी खेड़ा पिपलिया पंथ के किसानों ने शिकायत की है ।

आरंभिक रूप से सवा करोड़ रुपये की गड़बड़ी उजागर हुई है विस्तृत जांच उपरांत राशि बढ़ेगी । इसी दौरान जिला कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने गुरुवार रात जांच प्रतिवेदन आधार पर मल्हारगढ़ तहसील राजस्व नाजिर वीरेंद्र सिंह तोमर ,सीतामऊ राजस्व नाजिर राधेश्याम नकुम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और आदेश में स्पष्ट किया है कि कुछ मामलों में नाजिर ने अपने परिजनों के खातों में राहत राशि अंतरण कराई है ।

इसी क्रम में कलेक्टर श्री यादव ने तत्कालीन तहसीलदार मुकेश सोनी , प्रेमशंकर पटेल ,वैभव जैन को कारण बताओ नोटिस जारी किये हैं । जिसमें कहा गया है कि राहत राशि आहरण एवं संवितरण भुगतान पर निगरानी नहीं होना लापरवाही है ।

गत दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह प्रवास पर भी यह मामला उठा तब श्री सिंह ने वित्तीय गड़बड़ी मामले को राज्यसभा में उठाने की बात की ।

कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष अनिल शर्मा परशुराम सिसोदिया शामलाल जोकचंद्र आदि ने श्री दिग्विजयसिंह से पीड़ित किसानों से रूबरू मिलवाया था ।
इसी तरह जिले के शामगढ़ में नगर परिषद में 17 पात्रों की प्रधानमंत्री आवास योजना राशि अन्य लोगों द्वारा निकाल ली गई । इन दोषियों को जेल भेज राशि वसूलने की मांग उठी है ।