Swachh Survekshan 2023 : ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2023’ के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए इंदौर को निमंत्रण!
Indore : नगर निगम के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम आयुक्त हर्षिका सिंह ने बताया कि 11 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2023’ का पुरस्कार वितरण समारोह होगा। इस समारोह में राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए इंदौर को प्रदेश सरकार के माध्यम से आमंत्रित किया गया है।
महापौर ने कहा कि इंदौर स्वच्छता का 7वां आसमान छुयेगा। पिछले एक साल से शहर की जनता, जनप्रतिनिधियों व निगम के सफाई मित्र व अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि इंदौर स्वच्छता का सांतवा आसमान छुएगा और देश में इंदौर नंबर वन रहेगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण में इंदौर गत 6 साल से लगातार स्वच्छता में नंबर वन है। इस बार भी नगर निगम ने स्वच्छता को लेकर विभिन्न प्रयास किए हैं। इन्हीं मुख्य बिन्दुओं के आधार पर इंदौर का दावा मजबूत है।
1. 100 फीसदी कचरे का सेग्रिगेशन।
2. व्यापक नागरिक भागीदारी के माध्यम से 6 बिन स्रोत पृथक्करण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का हृदय और आत्मा है।
3. सेग्रीगेशन और डोर-टू-डोर प्रोसेसिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।
4. शहर पूरी तरह से कचरा पेटी मुक्त।
5. देवगुराडिया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड के पुराने कचरें को वैज्ञानिक पद्धति से निपटान।
6. पूरे शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने का कार्य। वास्तविक समय आईसीटी आधारित निगरानी तंत्र।
7. कचरा परिवहन व्यवस्था में सुधार कर नए वाहनों को लाना।
8. कचरा पेटियों को हटाना और ऐसे स्थानों को चिन्हित कर खूबसूरती पेंटिंग बनवाना।
9. कचरा प्रबंधन व्यवस्था की सुदृढ मॉनिटरिंग के लिए चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर को 19 महिन्द्रा जीप देना।
10. निगम मुख्यालय से हटाकर जिंसी में नई अत्याधुनिक वर्कशॉप बनाना, जिसे आईएसओ सर्टिफिकेट मिलना।
11. जीरो वेस्ट वार्ड, वेस्ट टू वंडर पार्क, बैकलेन सौंदर्गीकरण जैसी गतिविधियां।
12. अपशिष्ट से धन-अपशिष्ट प्रबंधन प्रक्रियाओं में एकीकरण।
13. पीपीपी, कार्बन क्रेडिट, उपयोगकर्ता से शुल्क संग्रह, विज्ञापन आदि से राजस्व सहित स्मार्ट और टिकाऊ वित्तपोषण मॉडल ।
14. प्रभावी आईईसी संदेश।
15. सर्वेक्षण-2023 में वेस्ट-टू-आर्ट तथा वेस्ट-टु-वेल्थ पर विशेष ध्यान दिया गया।
16. मेजर फोक्स री-यूज़ ऑफ वाटर और 7-स्टार पर किया।
17. 2022 में एशिया का सबसे बड़ा बायो मिथेनाइजेशन प्लांट शुरू हुआ है। 550 टन का बायो मिथेनाइजेशन प्रोसेसिंग प्लांट को सुचारु रुप से संचालित किया जा रहा है। गीले कचरे से हर दिन 17500 किलोग्राम बायो सीएनजी बनेगी।
18. सीएनजी गैस का उपयोग 110 सिटी बसों में किया जा रहा है। प्लांट 150 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है।
19.100 प्रतिशत मेकेनाइज ड्राय वेस्ट एम0आर0एफ0 450 टन के प्लांट का 5 वर्षाे से संचालन।
20. इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी में 7-स्टार रेटिंग मिली है।
21.7-स्टार का ताज हासिल कर वाटर प्लस सर्टिफिकेट हासिल किया। सभी घर ड्रेनेज लाइन या सेप्टिक टैंक से कनेक्टेड है।
22. रहवासियों को झोले उपलब्ध कराए गए, जिसमें सूखा कचरा इकट्ठा करते है।
23. नदी-नालों में सीवरेज का गंदा पानी न जाए, इसके लिए आउट फॉल को चिह्नित कर पाइप लाइन में कनेक्ट किया।
24. सभी गार्डन में गार्डन वेस्ट से खाद बनाई जा रही हैं।
25. स्लम ब्यूटिफिकेशन के तहत कार्य किया गया तथा शहर के फुटपाथ पर सौंदर्गीकरण पर काम किया गया है।
26. शहर में प्रमुख चौराहों के अलावा अन्य स्थानों पर खूबसूरत स्पॉट तैयार किए गए।
27. सीटी, पीटी और यूरिनल की सफाई नियमित होती है।
28. एक्यूआई तथा हरियाली पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे शहर में वायु गुणवत्ता बेहतर हुई।
29. शहर को कचरा मुक्त करने के लिए शहर में 3053 लिटर बिन सड़क किनारे लगाए गए।
30. कमर्शियल एरिये में लगे लीटर बीन दिन में दो बार या दिन में तीन बार क्लीन होते है।
31. जीरो वेस्ट 6 वार्ड भी तैयार की गई, जहां न तो गीला और न ही सूखा कचरा निकलता है।
32. गीला-सूखा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए शहर में 10 से ज्यादा अत्याधुनिक ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए।
33. 1 लाख 10 हजार से ज्यादा इमारतों व घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए।
34. 2017 में सबसे पहले 20 टीपीडी का चोइथराम मंडी स्थित बायो मीथेन गैस प्लांट स्थापित किया गया। इसके बाद 15 टी०पी०डी० कबीट खेड़ी में प्लांट लगाया गया।
35. तीन शिफ्ट में 9 हजार से ज्याद कर्मचारी 24 घंटे शहर की सड़कों को साफ करते हैं।
36. सफाई मित्र झाड़ू लगाकर कचरा तीन बोरों में इकट्ठा करते हैं। एक में गीला तो दूसरे में सूखा और तीसरे में मिट्टी।
37.गीला-सूखा कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए 10 से ज्यादा ट्रांसफर स्टेशन बनाए गए।
38. करीब 147 एकड़ फैले ट्रेंचिंग ग्राउंड में रोजाना 1100 से 1200 टन कचरा पहुंचता है।
39. सबसे पहले ट्रेंचिंग ग्राउंड लैंडफिल साइट या डंपिंग यार्ड की आधारभूत सुविधाओं जैसे प्लांट, मशीनरी, सड़क और बिल्डिंग आदि को व्यवस्थित किया गया।
40. 200 टीपीडी शहर से निकलने वाले मलबे और वेस्ट मटेरियल से ईंट, पेवर ब्लॉक बनाने का प्लांट लगाया।
41. शहर को होर्डिंग के मकड़जाल से मुक्त कराना। हर तरफ जाल बिछा था, जिसे हटाना बड़ी चुनौती थी। इन्हें सख्ती से हटाया।
42. शहर को बड़ी सख्ती से पशु मुक्त बनाया गया और रंगदारी दिखाने वाले पशुपालकों के अवैध साम्राज्य को तोड़ा।
43. खजराना गणेश मंदिर से निकलने वाले फूलों से खाद बनाने का संयंत्र जनभागीदारी के आधार पर लगाया।
44. पब्लिक टॉयलेट व घरों में शौचालय बनाना।
45. शहर में अत्याधुनिक ट्रांसफर स्टेशन तैयार करना।