ख्यात पत्रकार, सीनियर फोटोजर्नलिस्ट एवं एक्टिविस्ट  स्व. आकाश चौहान निधन पर स्वरांजलि समागम आयोजित 

साहित्यकारों, पत्रकारों एवं स्वर साधकों एवं सामाजिक सांस्कृतिक संस्थाओं ने दी स्वरांजलि

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ख्यात पत्रकार, सीनियर फोटोजर्नलिस्ट एवं एक्टिविस्ट  स्व. आकाश चौहान निधन पर स्वरांजलि समागम आयोजित 

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट 

मन्दसौर। जिले के शामगढ़ जैसे छोटे कस्बे से जिला मुख्यालय मंदसौर सहित इंटरनेशनल स्तर तक विशिष्ट पहचान बनाने वाले सीनियर फोटोजर्नलिस्ट वरिष्ठ पत्रकार एवं सामाजिक कार्यकर्ता के अल्प बीमारी में आकस्मिक निधन पर नगर की सामाजिक, साहित्यिक , सांस्कृतिक, पर्यावरण एवं सुरसाधक समूह की विभिन्न संस्थाओं द्वारा विशेष स्वरांजलि सभा आयोजित की गई ।

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राम टेकरी स्थित प्रख्यात साहित्यकार स्व.राजमल डांगी सभागार में सम्पन्न कार्यक्रम में जन परिषद मंदसौर चैप्टर अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार डॉ घनश्याम बटवाल, मानव अधिकार आयोग मित्र ब्रजेश जोशी, कविगण नंदकिशोर राठौर, नरेन्द्र त्रिवेदी, नरेन्द्र भावसार, अजीजुल्लाह खान खालिद, अजय डांगी, श्रीमती चंदा डांगी, श्रीमती चन्द्रकलासिंह, राजेन्द्र तिवारी, पंकज पंवार, आदर्श प्रजापति, आशीष मराठा, तेजकरण, हेमन्त कच्छावा, लालबहादुर श्रीवास्तव, हिमांशु वर्मा, मनीष कनोदिया, श्रीमती स्वाती रिछावरा, ईश्वर डांगी, राहुल राठौर ने ख्याति प्राप्त सीनियर फोटोजर्नलिस्ट वरिष्ठ पत्रकार स्व.  आकाश चौहान (आज तक) को स्मरण कर गीतों के माध्यम से स्वरांजलि अर्पित की ।

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इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार डॉ. बटवाल ने कहा कि पत्रकारिता की दुनिया में आकाश चौहान कुशल पत्रकार थे उनकी त्वरित क्लिकिंग पावर जबरदस्त थी । अल्प समय में ऊंचाई हांसिल की। सामाजिक सेवा ओर मानवीय संवेदना को लेकर सक्रिय रहे सही मायने में वे सोशल एक्टिविस्ट रहे

आपकी खबरों को बीबीसी सीएनएन रायटर एशियन एज टाइम्स नाउ आदि इंटरनेशनल मिडिया में भी सुर्खियां मिली ओर मंदसौर का नाम रौशन किया ।

डॉ बटवाल ने कहा स्व . आकाश चौहान ने अपने नाम के अनुरूप पत्रकारिता के आकाश को छू लिया।

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श्री ब्रजेश जोशी ने कहा कि आज तक के पत्रकार स्व. आकाश की अंचल की ह्यूमन ट्रेफिकिंग रिपोर्ट का ही असर था कि प्रशासन की कार्यवाही से कई बालिकाओं को अपराधियों के चुंगल से मुक्त कराया गया और वे आज पारिवारिक जीवन जी पा रही है।

 

 

इस अवसर पर गायक आशीष मराठा ने ‘‘चिट्ठी न कोई संदेश, कहां तुम चले गये’’, नन्दकिशोर राठौर ने ‘‘ ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना’’, आदर्श प्रजापति ने ‘‘जिंदगी के सफर में गुजर जाते है जो मुकाम’’, तेजकरण चौहान ने ‘‘सांसों का कर्ज चुकाना है एक दिन‘‘, स्वाती रिछावरा ने ‘‘जिंदगी का सफर है ये कैसा सफर‘‘, हिमांशु वर्मा ने ‘‘ ये ही जीवन है, इस जीवन का यही है रूप‘‘, लाल बहादुर श्रीवास्तव ने ‘‘हुई शाम उनका ख्याल आ गया’’, राहुल राठौर ने ‘‘मैं पल दो पल का शायर हूॅ’’ व मनीष कनोदिया ने ‘‘किस्मत का यही फसाना है, कभी हंसना कभी रोना है‘‘ गीत गाकर वरिष्ठ पत्रकार एवं एक्टिविस्ट आकाश चौहान को स्वरांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र त्रिवेदी ने किया तथा आभार नरेन्द्र भावसार ने माना । अंत में सामूहिक श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।