Taking Mother in a Handcart : 65 साल के सुदेश अपनी 92 साल की मां को हाथ गाड़ी में बैठाकर महाकुंभ ले जा रहे!

करीब 700 किमी की यात्रा 13 दिन में पूरी होगी, उन्हें देखकर लोग भावुक! देखिए इस अनोखी यात्रा का वीडियो

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Taking Mother in a Handcart : 65 साल के सुदेश अपनी 92 साल की मां को हाथ गाड़ी में बैठाकर महाकुंभ ले जा रहे!

 

Muzaffarnagar : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले की एक घटना ने श्रद्धालुओं को भावुक कर दिया। 65 वर्षीय एक बेटा अपनी 92 साल की माताजी को लेकर मुजफ्फरनगर से बुलंदशहर होते हुए पैदल गाड़ी से प्रयागराज जा रहा है। 700 किलोमीटर की इस यात्रा में आस्‍था, मां और गंगा मां के प्रति अपनी श्रद्धा के अनूठे संगम ने लोगों को भावों से भर दिया।

प्रयागराज महाकुंभ जा रहे मां-बेटे को देखकर लोग भावुक हैं। बुलंदशहर के नेशनल हाईवे-34 पर 65 साल का एक बुजुर्ग अपने कंधों से हाथ गाड़ी को खींचता हुआ पैदल चला जा रहा है। उसने मुजफ्फरनगर से यात्रा शुरू की है और उसकी मंजिल प्रयागराज है। पवित्र संगम में स्‍नान करने जा रहा यह बुजुर्ग जिस गाड़ी को खींच रहा है, उस पर उसकी 92 साल की बुजुर्ग मां बैठीं हुईं हैं। बुजुर्ग चौधरी सुदेश पाल सिंह और उनकी मां को देखकर लोग भावुक हो रहे हैं। लोगों ने सुदेश पाल को कलियुग का श्रवण कुमार बताया।

चौधरी सुदेश पाल सिंह ने बताया कि यह गाड़ी मैंने अपने हाथों से बनाई है। माताजी को महाकुंभ स्‍नान की इच्‍छा थी, तो फिर मैंने यह प्रण किया कि उन्‍हें सुरक्षित लेकर जाऊंगा। बस-ट्रेन और अन्‍य किसी वाहन में मां को तकलीफ होती, तो मैंने इस गाड़ी को बनाया और इससे ही हम दोनों प्रयागराज जा रहे है। सुदेश पाल ने बताया कि कभी मेरे घुटने खराब हो गए थे। लेकिन, मां के आशीर्वाद से अब कोई तकलीफ नहीं है। मैं पैदल जा रहा हूं और हर दिन उतनी यात्रा करते हैं, जिसमें दोनों को परेशानी न हो।

सुदेश पाल ने बताया कि उनकी यह यात्रा करीब 13 दिन में पूरी होगी, जबकि 25 साल पहले चौधरी सुदेश पाल सिंह के घुटने खराब हो गए थे। इसके बाद वह अपनी माता की सेवा किया करते थे। उन्होंने आशीर्वाद दिया जिसके बाद उनके घुटने ठीक हो गए। सुदेश पाल ने कहा कि डॉक्टरों ने उनके घुटने को लाइलाज घोषित कर दिया था। लेकिन, उन्होंने अपनी मां के चरणों में सेवा कर आशीर्वाद लिया इसके बाद वह अपने पैरों से चल सके।

इससे पहले भी सुदेश अपनी मां को हरिद्वार से अपने कंधों पर गंगाजल लेकर मुजफ्फरनगर पहुंच चुके हैं। अब उन्होंने 144 साल बाद आए इस प्रयागराज महाकुंभ में अपनी माता को श्रद्धा की डुबकी लगवाने का प्रण लिया है। वे रोजाना पैदल गाड़ी में अपनी मां को सवार कर उसे खींचकर प्रयागराज ले जा रहे हैं। 92 साल की उम्र में उनकी माता हर-हर गंगे और हर-हर महादेव के नारे लगाती दिखाई दे रही है।