छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
एक फौजी जिसके लिए देश से बढ़कर कुछ नहीं होता और हिन्द की सेना पर हम सबको नाज है। उसय सेना में जब कोई अपना भी हो तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।
छतरपुर: जिले के एक छोटे से गांव की बेटी भारतीय सेना में भर्ती हुई और जब वह अपनी ट्रेनिंग पूरी करके पहली बार गांव आई तो गांव वालों ने उसे सिर आंखों पर बैठा लिया। जिले के गड़ा गांव के दशरथ आदिवासी की बेटी सविता आदिवासी का भारतीय सेना में चयन हुआ है।
●टैक्सी चालक की बेटी अब फौजी..
गढ़ा के दसरथ आदिवासी (टैक्सी चालक) की बेटी सविता आदिवासी का सिलेक्शन इंडियन आर्मी में हुआ और उसके बाद उन्हें ट्रेनिंग के लिए राजस्थान के अलवर जिला के मौजपुर बुलाया गया। 8 महीने की ट्रेनिंग पूरी कर जैसे ही अपने गांव के पास गंज टावर पास पहुंची तो वहां का नजारा देखकर ना सिर्फ दंग रह गई बल्कि उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
●बेटी और पिता की आंखें हुईं नम..
बेटी सविता के पिता ने पैर छुए और बेटी ने अपने पिता के गले लगा लिया जहां दोनों की आंखों में खुशी के आँसू छलक उठे। यह नज़ारा सबको भाव विभोर कर गया। और सभी कि आंखें नम हो गईं।
●अभिनेता और राजनेता सा हुआ भव्य स्वागत..
जैसे ही गांव वालों को गांव की बिटिया सविता के आने की खबर लगी, उनके परिवार वालों से लेकर पूरे गांव वाले तक अपने लाडली बिटिया को लेने गांव से 5 किमी दूर गंज टावर पेट्रोल पंप के पास तक जा पहुंचे। इतना ही नहीं फौजी बिटिया जब गांव के प्रमुख मंदिरों से दर्शन करती हुई अपने घर पहुंची तो उसकी माँ और गांव की महिलाओं ने उसका देवी स्वरूप तिलक लगाकर आरती उतारी, माला पहनाकर सविता का पुरजोर स्वागत किया। तो वहीं युवा बैंड, गाजे, बाजे, डीजे के साथ गानों की धुन पर जमकर थिरके। इस दौरान पूरे गाँव/इलाके में बाईक रैली भी निकाली गई।
●पहली बेटी सेना में..
छोटे से गांव और जिले की पहली बेटी के भारतीय सेना में शामिल होने के बाद गांव वाले अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं तो वहीं फौजी बिटिया का हृदय भी गांव वालों के स्नेह और स्वागत से गदगद हो गया।
●सांसद ने दी शुभकामनाएं..
आदिवासी लड़की का चयन होने पर खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से सांसद और भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने सोशल मीडिया के माध्यम से बेटी के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि हमें बेटी पर गर्व है और सविता अन्य बेटियों के लिए भी प्रेरणा पात्र बनेगी।