Teacher Recruitment Scam: अर्पिता मुखर्जी ने पूरा दोष पार्थ चटर्जी पर मढ़ा

463

Teacher Recruitment Scam: अर्पिता मुखर्जी ने पूरा दोष पार्थ चटर्जी पर मढ़ा

कोलकाता .पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में करोड़ों रुपये के कथित शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोपी और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी रहीं अर्पिता मुखर्जी ने सोमवार को सारा दोष चटर्जी पर मढ़ दिया.अर्पिता को यहां एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किए जाने के बाद उनके वकील ने चटर्जी को उस मामले का मास्टरमाइंड बताया, जिसमें उनके मुवक्किल के फ्लैटों का उपयोग घोटाले की आय रखने के लिए किया गया था.

याद दिला दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल अर्पिता मुखर्जी के नाम पर दो फ्लैटों से कई करोड़ रुपये, सोने के बिस्कुट और गहने बरामद किए थे.इस बरामदगी पर उसने कहा था कि चटर्जी जब्त किए गए पैसे और सोने के मालिक थे.

अर्पिता के वकील ने तर्क दिया, यह पार्थ चटर्जी थे, जो घोटाले के लाभार्थी थे, न कि मेरे मुवक्किल. चटर्जी द्वारा खोली गई शेल कंपनियों में मेरे मुवक्किल के अलावा अन्य निदेशक भी थे. लेकिन कमल सिंह भूटोरिया, मृण्मय मालाकार और मनोज जैन सहित ये निदेशक थे, जिन्हें बख्श दिया गया. मेरे मुवक्किल की एक बूढ़ी मां है, जिसकी उन्हें देखभाल करनी है.

जवाबी दलील में ईडी के वकील ने कहा कि पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों मामले में समान रूप से शामिल थे.

ईडी के वकील ने कहा, पूर्व मंत्री के नाम पर 31 जीवन बीमा पॉलिसी हैं, जिनमें अर्पिता मुखर्जी नामांकित हैं. अगर अर्पिता का घोटाले से कोई संबंध नहीं था, तो उन्होंने पहले अपना मुंह क्यों नहीं खोला और उनके स्वामित्व वाले फ्लैटों में भारी मात्रा में धन रखे होने के बारे में पुलिस को सूचित क्यों नहीं किया? अगर वह अपराध में भागीदार नहीं थी, तो वह इतनी सारी बीमा पॉलिसियों में नामांकित होने के लिए क्यों सहमत हुईं?

उन्होंने अदालत के समक्ष चटर्जी और अर्पिता के संयुक्त स्वामित्व वाली संपत्तियों की सूची भी पेश की.

उन्होंने कहा, तीन संपत्तियां विशेष रूप से अर्पिता के नाम पर हैं, जबकि बाकी दोनों का संयुक्त रूप से स्वामित्व है.