रमेश सोनी की खास खबर
धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के करीब सात साल पुराने एक मामले में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विकास शर्मा इंदौर की अदालत ने खकनार तहसीलदार संजय वाघमारे को विभिन्न धाराओं में चार-चार साल कैद की सजा सुनाई है। न्यायालय ने उन पर डेढ़ लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
इंदौर जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव के अनुसार इस मामले में दो अन्य सह आरोपितों चंदर सिंह सोलंकी व निहाल सिंह निवासी इंदौर को भी सजा सुनाई गई है, जबकि दो सह आरोपितों खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के बालकृष्ण शर्मा व अर्चना जैन की मृत्यु हो चुकी है।
तहसीलदार संजय वाघमारे
तहसीलदार वाघमारे पूर्व में रतलाम में भी तहसीलदार पद पर रहे हैं
क्या था मामला
सन् 1997 से 2004 के बिच कर्सोटियम बैंक क्रेडिट योजनाअंतर्गत खादी ग्रामोद्योग इंदौर से ग्रामीण उपयोग के लिए अनुपम फ्रेब्रिकेशन निर्माण उद्योग स्थापित करने के लिए षडयंत्र रचा गया था, जिसमें मुख्य आरोपी निहाल सिंह था,नीति के विपरित लोकसेवक अभियुक्त तहसीलदार जितेन्द्र शर्मा, तत्कालीन उपसंचालक खादी ग्रामोद्योग चंदरसिंह सोलंकी,खादी ग्रामोद्योग इंदौर की अर्चना जैन एवं बालकृष्ण शर्मा के साथ लिप्तता कर आर्थिक आपराधिक षडयंत्र से 5 लाख 20 हजार मार्जिन मनी 2 लाख 40 हजार का अवैध लाभ कमाया था, प्रकरण में अभियुक्त बालकृष्ण शर्मा और अर्चना जैन की मौत हो गई है, वहीं निहाल सिंह के खिलाफ 21- अक्टूबर 2014 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। जहां गत दिवस इंदौर न्यायालय ने फैसला सुनाया, बता दें कि न्यायालय ने आरोपी पर डेढ़ लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।