
Tehsildar’s Strike: राजस्व अधिकारियों की हड़ताल से भोपाल जिले में अटके 7 हजार से अधिक मामले
भोपाल: राजधानी में तहसीलदार-नायब तहसीलदारों की हड़ताल को दो सप्ताह बीत गए हैं। इससे लगातार राजस्व संबंधी कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। अब तक जिले में 7000 से ज्यादा राजस्व पेशियां, नामांतरण प्रकरण, सीमांकन, बंटान सहित अन्य जरुरी प्रमाण-पत्रों के बनने का काम रुका पड़ा है। ऐसे में शहरवासी लगातार परेशान हो रहे हैं। हालांकि यह काम पूरे प्रदेश में ठप्प है। बताया जा रहा है कि तहसील का काम और वीआईपी ड्यूटी के बंटवारे को लेकर दो सप्ताह से राजधानी के दो दर्जन से अधिक तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएलआर और एएसएलआर कलमबंद हड़ताल पर हैं। वे कलेक्ट्रेट में तो जा रहे हैं, लेकिन काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में राजधानी के तहसील दफ्तरों में ये अफसर गायब रहे। इससे बाबुओं ने 3000 से अधिक पेशियों को आगे बढ़ा दिया है।
मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि कलम बंद करते हुए तहसीलों के काम से दूरी बनाई गई है। आज दोपहर में पीएस राजस्व से चर्चा होगी। इसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
*जिले की 8 तहसीलों में कामकाज प्रभावित*
जिले में तीन तहसीलें कोलार, बैरसिया, और हुजूर हैं, जबकि पांच वृत्त संत हिरदाराम नगर, एमपी नगर, टीटी नगर, शहर, और गोविंदपुरा शामिल हैं। इन सभी तहसील और वृत्त में नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस सहित करीब 7000 से अधिक मामले अटक गए हैं। इसके अलावा हर दिन ढाई सौ से अधिक प्रकरणों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं।





