

पहलगाम का आतंक
– एन के त्रिपाठी
पृथ्वी के स्वर्ग कश्मीर की सुन्दर घाटी में पहलगाम के निकट 28 निरीह पर्यटकों की आतंकवादियों द्वारा की गई नृशंस हत्या से पूरा देश दहल उठा है। आक्रोश और दुख का अतिरेक और बाढ़ आ गई है। जम्मू कश्मीर में एक हिंसक दौर में CRPF के स्पेशल DG रहने के कारण मैं इस हत्याकांड के पूर्व षड्यंत्र तथा घटना की स्पष्ट कल्पना कर सकता हूँ। परंतु यह समय इस अमानवीय और असहनीय घटना के लिए किसी पर दोषारोपण करने का नहीं है। यह समय स्पष्ट सोच और समुचित धैर्य का है।
निसंदेह इस कांड के तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।बहुत संभावना है कि इसकी योजना किसी आतंकवादी सरगना के स्थान पर पाकिस्तान के कट्टरवादी आर्मी चीफ़ जनरल असीम मुनीर द्वारा स्वयं बनायी गई थी। इस हत्याकांड की योजना की झलक उनके एक सप्ताह पूर्व दिए गए इस्लामिक कट्टरवादी भाषण में दिखाई देती है। उनकी योजना का समय और कार्यान्वयन बहुत सटीक और प्रभावकारी रहा है। पूर्व के कुछ उदाहरणों की तरह इस बार भी अमेरिका के शक्तिशाली उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत की भूमि पर थे। मोदी इस्लाम के सर्वाधिक प्रमुख देश सऊदी अरब की यात्रा पर थे। घटना का संकेत उस देश के लिए भी है। जनरल मुनीर निश्चित रूप से अपनी महान सफलता पर मुस्कुरा रहे होंगे।
कश्मीर घाटी में पहली बार किसी आतंकवादी घटना के विरोध में पूरा कश्मीर बंद रखा गया है। विगत चार-पाँच वर्षों से पूरी घाटी में अभूतपूर्व शांति का वातावरण निर्मित हो गया है और शेष भारत से बड़ी संख्या पर्यटक घाटी में आ रहे हैं। कश्मीरियों ने जहाँ इसका आर्थिक लाभ उठाया है वहीं दशकों की हिंसा के बाद उन्होंने शान्ति का रसास्वादन भी किया है। निश्चित रूप से इस घटना से उन्हें वास्तविक वेदना हुई है।
आतंकवादियों ने भारतीयों को धार्मिक विभाजन पर बांटने का प्रयास किया है। यह जानते हुए भी कि सभी पर्यटक हिन्दू है, फिर भी वे बार बार जानबूझ कर सभी से उनका धर्म पूछ रहे थे। मोदी तक सूचना पहुँचाने की बात कहकर भारत सरकार को भी उत्तेजित करने का प्रयास कर रहे थे। यह सब पूर्व नियोजित था। आवश्यकता इस बात की है कि हम अपना विवेक न खो कर आतंकवादियों और उनके सूत्रधारों की चाल में न आ जाएँ। सरकार और देश दोनों को अपने सुरक्षा बलों पर पूरी आस्था रखनी चाहिए तथा इस घटना से विचलित नहीं होना चाहिए। भारत एक धर्म निरपेक्ष आधुनिक समाज की ओर बढ़ रहा है। हमें सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना है। हमारे बीच में ऐसे तत्व हैं जो इस घटना का ग़लत उपयोग करने का प्रयास कर सकते हैं।
सरकार और सुरक्षा बलों को नये उत्साह के साथ देश की सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए पूरे प्रयास करने होंगे, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।