The ‘Aasmita’ Project :5 साल, 22 भाषाएं, 22 हजार नई किताबें, केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय मूर्ति ने किया लॉन्च 

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The ‘Aasmita’ Project :5 साल, 22 भाषाएं, 22 हजार नई किताबें, केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय मूर्ति ने किया लॉन्च 

ई दिल्ली: UGC: शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी ने अगले पांच सालों के भीतर 22 भाषाओं में 1,000 पुस्तकें तैयार करना है लक्ष्य रखा है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय भाषा में 22,000 पुस्तकें तैयार होंगी.

अस्मिता (ASMITA) नामक इस प्रोजेक्ट को केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय मूर्ति ने लॉन्च किया और यह शिक्षा में भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी और मंत्रालय के तहत एक उच्चस्तरीय भारतीय भाषा समिति का एक संयुक्त प्रयास होगा.

समूहों की अध्यक्षता नोडल यूनिवर्सिटी के संबंधित कुलपतियों द्वारा की गई और उनके विचार-विमर्श से बहुमूल्य परिणाम सामने आए। चर्चाओं से मुख्य निष्कर्ष भारतीय भाषा में नई पाठ्य पुस्तकों के निर्माण को परिभाषित करना, पुस्तकों के लिए 22 भारतीय भाषाओं में मानक शब्दावली स्थापित करना और वर्तमान पाठ्यपुस्तकों के लिए संभावित सुधारों की पहचान करना, घटकों में से एक के रूप में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) पर जोर देना, व्यावहारिक और सैद्धांतिक ज्ञान को जोड़ना शामिल था।

किताबें, जो संघर्ष के दरमियान खास दोस्त की तरह साथ निभाती हैं। - Drishti IAS

वर्कशॉप में आए थे 150 से ज्यादा विश्वविद्यालयों के कुलपति

शिक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुकांत मजूमदार ने नई दिल्ली में उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषा में पाठ्यपुस्तकों के लेखन पर कुलपतियों के लिए इस एक दिन की वर्कशॉप का उद्घाटन किया। कार्यशाला का आयोजन UGC और भारतीय भाषा समिति (BBS) द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। इस अवसर पर शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव के. संजय मूर्ति, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष प्रो. चामू कृष्ण शास्त्री, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार, 150 से अधिक विश्वविद्यालयों के कुलपति, प्रख्यात शिक्षाविद् और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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मजूमदार ने कहा, छात्रों को उनकी मातृभाषा में ज्ञान प्राप्त हो

सुकांत मजूमदार ने विभिन्न उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के लिए भारतीय भाषाओं में अध्ययन सामग्री तैयार करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली को देश की विशाल भाषायी विविधता को प्रतिबिंबित करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छात्रों को उनकी मातृभाषा में ज्ञान प्राप्त हो। डॉ. मजूमदार ने कहा कि भारतीय भाषाएं राष्ट्र के प्राचीन इतिहास और पीढ़ियों से चली आ रही बुद्धिमत्ता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ियों का पोषण किया जाना चाहिए और समृद्ध सांस्कृतिक और भाषाई विरासत में उनके विश्वास को मजबूत किया जाना चाहिए

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, “इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य उच्च शिक्षा के भीतर विभिन्न विषयों में भारतीय भाषाओं में ट्रांस्लेशन और ओरिजनल किताब लेखन के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है. इसका लक्ष्य पांच सालों के भीतर 22 भाषाओं में 1,000 पुस्तकें तैयार करना है, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय भाषा में 22,000 पुस्तकें होंगी.”

जगदीश कुमार ने कहा, “यूजीसी ने हर एक निर्दिष्ट भाषा में पुस्तक-लेखन प्रक्रिया के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) भी बनाया है. इस एसओपी में नोडल अधिकारियों, लेखकों की पहचान, टाइटल सब्जेक्ट, और प्रोग्राम का एलोकेशन, राइटिंग और एडिटिंग, मैन्युस्क्रिप्ट पेश करना, रिव्यू और साहित्यिक चोरी की जांच, अंतिम रूप देना, डिजाइन करना, प्रूफ-रीडिंग और ई-पब्लिकेशन शामिल हैं.”

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