नाबालिक से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अलग अलग धाराओं में कुल 24 साल की सजा, 5 हज़ार अर्थदंड

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Ratlam News: नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले को हुआ 10 वर्ष का कठोर कारावास

नाबालिक से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को अलग अलग धाराओं में कुल 24 साल की सजा, 5 हज़ार अर्थदंड

शाजापुर:.न्यायालय विशेष न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्या‍याधीश श्री प्रवीण शिवहरे शाजापुर द्वारा आरोपी जितेन्द्र पिता पीरूलाल मेवाड़ा उम्र 27 वर्ष निवासी पिपल्या गोपाल थाना कोतवाली- शाजापुर को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल) /6 में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3,000/- रू के अर्थदण्ड, भादवि की धारा 363 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रू के अर्थदण्ड एवं भादवि की धारा 366 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

विशेष लोक अभियोजक प्रतीक श्रीवास्तव ने बताया कि, पीड़िता के पिता ने दिनांक: 26/05/2023 को समय 23:38 बजे थाना कोतवाली शाजापुर में सूचना दी कि, उसकी लड़की एक माह से उसकी नानी के घर रह रही थी, जो बिना बताये नानी के घर से कही चली गई है। उसे शंका है कि आरोपी जितेन्द्र उसे बहला फुसलाकर ले गया हैं। पुलिस ने प्राप्त सूचना पर से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की। तत्पश्चात साक्षियों के कथन लेखबद्ध कर, निशादेही के आधार पर पुलिस द्वारा दिनांक: 23/06/2023 को पीड़िता को अभियुक्त जितेन्द्र के कब्जेे से दस्तयाब कर पीड़िता के कथन लेखबद्ध किये गये। जिसमें पीड़िता ने बताया कि, आरोपी जितेन्द्र रिश्ते में उसका मामा लगता हैं जो उसे उसकी मौसी के घर करीब 3 साल पहले मिला और उसे जबरदस्ती अपना मोबाईल नंबर दिया और बात करने के लिए कहा। दिनांक: 26/05/2023 को आरोपी जितेन्द्र उसे डरा धमकाकर शुजालपुर ले गया जहां उसने मंदिर में शादी कर ली एवं वही किराये से कमरा लेकर शारीरिक संबंध बनाये। पीड़िता के कथनों के आधार पर धारा 366, 368, 376(2)(n), 376(f), 34 एवं पीड़िता नाबालिक होने के कारण लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(एल)(एन) /6 की वृद्धि की गई। अनुसंधान पश्चात पुलिस ने न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध चालान पेश किया।

प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने की तथा अंतिम बहस शाजापुर जिला लोक अभियोजन अधिकारी देवेन्द्र कुमार मीणा द्वारा की गई।

न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत परिस्थितिजन्य साक्ष्य एवं डीएनए रिपोर्ट से सहमत होते हुए आरोपी जितेन्द्र मेवाड़ा को दोषी पाते हुये दण्डित किया।