CM राइस स्कूल के हाल बेहाल, टीचरों की नियुक्ति के अनुपात में कक्ष और कक्षाएं कम

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CM राइस स्कूल के हाल बेहाल, टीचरों की नियुक्ति के अनुपात में कक्ष और कक्षाएं कम

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: जिले के बिजावर नगर का सी एम राइस स्कूल अपनी शुरुआत में ही कुप्रबंधन के चलते गहरी अव्यवस्था का शिकार है। यहां अध्यापन के लिए करीब आधा सैकड़ा टीचरों की लंबी फौज तैनात कर दी गई। जबकि न तो इतनी कक्षाएं हैं और ना ही कक्ष हैं। इससे अधिकांश टीचर दिन भर बैठे रहते हैं। हालात यह है कि कई टीचर देर से स्कूल पहुंचकर औपचारिकता पूरी कर यहां वहां टहलने लगते हैं।

यही नहीं संस्था में नियुक्त किए गए टीचरों में से कई टीचर तो छतरपुर, नौगांव और सटई से अप डाउन कर रहे हैं। इस संस्था का पिछले साल का कक्षा दसवीं का रिजल्ट सप्लीमेंट्री परीक्षा के बाद बमुश्किल 12% तक पहुंच पाया।

●815 बच्चे…

संस्था में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक कुल 815 बच्चों के नाम दर्ज है। वही कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों के लिए तहसील कार्यालय के पीछे स्थित शासकीय प्राथमिक शाला क्रमांक 3 कोई सीएम राज स्कूल में समाहित कर लिया गया। जिससे कक्षा एक से पांचवीं तक की कक्षाएं वहीं पर चल रही है। इस प्राइमरी संस्था में 5 टीचर पदस्थ है। स्कूल में कुल 94 बच्चों के नाम दर्ज है। तो कक्षा छठवीं से 12वीं तक की कक्षाएं एक्सीलेंस स्कूल में चल रही है।

एक्सीलेंस स्कूल को ही सीएम राइस स्कूल में परिवर्तित किया गया है। यहां पर कक्षा छठवीं से बारहवीं तक के कुल 721 बच्चों के नाम दर्ज है।

●14 कक्षाएं 43 टीचर…

कक्षा नौवीं से बारहवीं तक 1 से अधिक सेक्शन होने के चलते कक्षा 6 से बारहवीं तक

कुल 14 कक्षाएं संचालित है। इनके लिए कुल 43 शिक्षक यहां तैनात है। इनमें 5 अतिथि शिक्षक और 38 रेगुलर टीचर शामिल है। वही छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए कक्ष संख्या केवल 14 है। इस तरह यहां पर पढ़ाई और प्रबंधन दोनों समझ से परे है। इस दौरान अधिकांश टीचर फुर्सत बैठे रहते हैं।

●नहीं बन पाया सही टाइम टेबल..

टीचरों की इतनी भारी तादाद के चलते यहां पर अभी पढ़ाई करवाने का सही टाइम टेबल ही नहीं बन सका। केवल 14 कक्षाएं होने से सभी टीचर किस कक्षा में किस समय जाएं। इसका पूरा चार्ट तैयार ही नहीं हो सका। इतनी बड़ी मात्रा में टीचर यहां पदस्थ कर दिए जाने के बावजूद पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही है।

●जरूरत से ज्यादा भेज दिए टीचर…

सीएम राइस स्कूल में कई विषयों के टीचर अतिरिक्त पदस्थ कर दिए गए। यहां पर राजनीति और इतिहास की कक्षा 11वीं और 12वीं में केवल एक-एक कक्षाएं लगती है। जबकि इसके लिए दो-दो टीचर नियुक्त कर दिए गए । इस लिहाज से देखा जाए तो एक टीचर को दिन भर में केवल एक ही क्लास लेना है। शेष समय फुर्सत रहेंगे। जबकि इसी परिसर के पीछे मौजूद मॉडल स्कूल में इन विषयों के टीचर ही नहीं है। जिससे वहां पर या तो पद खाली है या अतिथि शिक्षक से काम चल रहा है। तो अंग्रेजी विषय के लिए सात टीचर नियुक्त कर दिए गए हैं। इसी तरह अन्य कई विषयों का हाल है। इन हालातों में यहां पदस्थ अधिकांश टीचरों को बैठने के अलावा कोई काम ही नहीं है। जबकि कई स्कूलों में टीचरों के पद रिक्त पड़े हैं।

एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत सीएम राइस स्कूलों के लिए चयनित टीचरों के लिए फिलहाल यह आराम शाला बनी हुई है।

●अप डाउन से ग्रस्त है स्कूल…

नगर के अन्य कई सरकारी कार्यालयों की तरह यह स्कूल भी स्टाफ के अप डाउन की समस्या से ग्रस्त है। यहां पदस्थ करीब आधा सैकड़ा शिक्षकों और कार्यालयीन स्टाफ में से लगभग आधा स्टाफ छतरपुर, नौगांव और सटई से अप डाउन करता है। इनमें से कई कर्मचारी देर से आकर जल्दी वापस निकल जाने पर ध्यान लगाए रहते हैं।

●प्राचार्य बोले…

इस संबंध में संस्था के उप प्राचार्य संजय रिछारिया ने बताया कि यहां पर केवल 14 कक्षाएं संचालित हैं। जिनके लिए टाइम टेबल बनाया गया है। शेष टीचरों से फिलहाल अध्यापन नहीं करवाया जा सकता। जिससे कुछ टीचर फिलहाल फ्री है। अलग से खेल टीचर होने के बावजूद खेल की कोई भी गतिविधि अभी तक नहीं हुई है ।

●संस्था चयन पर उठ रहे सवाल…

नगर के सीएम राइस स्कूल के लिए एक्सीलेंस स्कूल का चयन करने पर सवालिया निशान लग रहे हैं अगर भवन जगह और संसाधनों के मामले में देखा जाए तो मॉडल स्कूल बेहतर विकल्प था यहां पर एक्सीलेंस स्कूल से ज्यादा कक्षाएं और संसाधन मौजूद है मॉडल स्कूल का भवन भी नया है। पूरा परिसर सीसीटीवी कैमरों से भी लैस है। इसके बावजूद मॉडल स्कूल की बजाय एक्सीलेंस स्कूल का चयन सनराइज स्कूल के लिए किया गया।

●फुर्सत नामा से बिगड़ रहे हालात…

स्कूल में पदस्थ आधे से ज्यादा टीचरों के पास कोई काम नहीं होने से इसका असर स्कूल की व्यवस्थाओं पर भी पड़ रहा है। यहां पर टीचरों के बीच वर्चस्व को लेकर अंदरूनी अन बन बनी हुई है। जिसके चलते स्कूल का स्टाफ ही बच्चों से स्कूल के स्टाफ के खिलाफ ही दबाव डालकर शिकायतें करवाने में जुटा है।

इतना ही नहीं स्कूल संबंधी कई विषयों को लीक कर सोशल मीडिया पर डलवाया जा रहा है। हालांकि स्कूल प्राचार्य एस.के. हिंगवासिया ने स्कूल स्टाफ के बीच अनबन होने की बात से इनकार किया है।