कौशल किशोर चतुर्वेदी की विशेष रिपोर्ट
कमलनाथ की एंट्री के साथ ही मध्यप्रदेश में चुनावी घमासान शुरु हो गया है। खंडवा पहुंचते ही नाथ ने आरोपों के तीर चलाए तो शिव-विष्णु भी कमान साधकर तीर चलाने से नहीं चूके। विजय पर्व से रोशनी के त्यौहार के बीच हर दिन मध्यप्रदेश में लोकतंत्र के उत्सव की धूम रहेगी।
ढोल-नगाड़े बजेंगे, शंखों की गूंज सुनाई देगी, धनुष बाण टंकार के बीच हर दल को अपनी जीत दिखाई देगी। फिर परिणाम का दिन आएगा और सच्चाई सामने होगी। चार नए चेहरों पर जीत का सेहरा बांधकर लोकतंत्र का उत्सव दीपों के त्यौहार से एक दिन पहले ही भावभीनी विदाई ले लेगा। दीप पर्व पर इन चार जीते उम्मीदवारों के घर में दीप जलेंगे तो बाकी हारे हुए उम्मीदवारों के दिल ही जलेंगे।
मंगलवार को खंडवा पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इन उपचुनावों के परिणाम प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश को संदेश देंगे। उन्होंने शिवराज पर निशाना साधा कि मैं घोषणा नहीं करता क्योंकि मैं शिवराज नहीं।मैं अपने आपको मामा नहीं कहता ,मैं अपने आपको किसान का बेटा नहीं कहता ,मैं तो कहता हूं मैं आपका भाई हूं ,मैं आपका सेवक हूं।
यह मुझसे आज 15 महीने का हिसाब पूछ रहे हैं , अरे आप तो अपने 17 वर्ष का हिसाब दीजिए। झूठे आश्वासन , झूठी घोषणाएँ ,झूठ बोलना बंद कीजिये। मैं प्रचार और कलाकारी की राजनीति नहीं करता। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर निशाना साधते हुए नाथ बोले कि उन्होंने जब नेकर पहनना भी नहीं सीखा था , तब से मैं सांसद हूँ और ये आज मुझे पाठ पढ़ा रहे हैं।
तो राजधानी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निशाना साधा कि कमलनाथ जनता की परेशानी को राजनीति का अवसर मानते हैं।मध्यप्रदेश में कुछ संकट आता है तो कमलनाथ प्रसन्न होते हैं।जनता की समस्याओं से कमलनाथ का कोई लेना देना नहीं।वो करते कुछ नहीं बैठे-बैठे केवल ट्वीट फटकारते रहते हैं और जनता इस राजनीति को समझती है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने नाथ पर निशाना साधा कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कांग्रेस के नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके पुत्र बकुलनाथ का नाम मीडिया रिपोर्ट में सामने आया है। यह वही कमलनाथ हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए वल्लभ भवन को दलालों का अड्डा बना दिया था। कमलनाथ हों या दिग्विजय सिंह कांग्रेस के नेता भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं। कमलनाथ जी प्रदेश की जनता को बताएं कि अगस्ता घोटाले में उनके और उनके पुत्र की क्या भूमिका है?
इस बीच भाजपा चुनाव प्रबंध समिति ने फैसला किया है कि शिवराज रैगांव विधानसभा के सिमरवाड़ा में और विष्णु पृथ्वीपुर विधानसभा में विजय संकल्प ध्वज फहराएंगे। तो कांग्रेस ने नाथ की एंट्री के साथ ही क्लीन स्वीप करने का ऐलान कर दिया है। तो भाजपा महामंत्री भगवान दास सबनानी ने विष्णुदत्त शर्मा पर की गयी कमलनाथ की टिप्पणी को मर्यादाहीन और उनके मानसिक दिवालिएपन का प्रतीक बताया है।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ आयु से बूढ़े तो हो गए हैं लेकिन संस्कारों की दृष्टि से बड़े नहीं हो पाए। खैर अब आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर चलता रहेगा और लोकतंत्र का उत्सव एक बार फिर मतदाताओं के जरिए अपना फैसला सुनाकर फिर लौटने का वादा कर चुपके से विदा हो जाएगा। राजनेता फिर नए सिरे से एक दूसरे पर चुटकियां लेने का दैनिक कार्य करते नजर आएंगे।