

लोकायुक्त छापे के बाद निलंबित हुए इंजीनियर को अब कोर्ट के निर्देश पर मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता
भोपाल: आय से अधिक कमाई की शिकायत पर लोकायुक्त छापे में चालान पेश किए जाने के बाद निलंबित किए गए छतरपुर में पदस्थ रहे जलसंसाधन विभाग के सहायक यंत्री अरविंद कुमार गुप्ता को विभाग ने निलंबित तो कर दिया लेकिन उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता भी नहीं दिया जा रहा था। अब हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने गुप्ता को जीवन निर्वाह भत्ता देने का निर्णय लिया है।
विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत जलसंसाधन विभाग के सहायक यंत्री अरविंद कुमार गुप्ता के निवास पर छापा डाल कर आय से अधिक सम्पत्ति होंने के दस्तावेज बरामद किए थे। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम जिला छतरपुर में इस मामले में 13 जनवरी 2016 को चालान पेश किया गया था।
इसके बाद प्रमुख अभियंता जलसंसाधन के निर्देश पर अरविंद कुमार गुप्ता को 11 फरवरी 2016 को निलंबित कर दिया गया था। विशेष न्यायालय में विशेष प्रकरण में सुनवाई के बाद पारित निर्णय के तहत 30 सितंबर 2022 को गुप्ता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत चार वर्ष का सश्रम कारावास और दस हजार रुपए के अर्थदंड और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 एक डी के तहत पांच वर्ष के सश्रम कारावास और पंद्रह हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया था।
सजा मिलने के बाद से उन्हेंं सरकार जीवन निर्वाह भत्ता भी प्रदान नहीं कर रही थी। इसको लेकर गुप्ता ने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका लगाई थी। न्यायालय ने उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता देने के निर्देश दिए थे। इसका पालन न होंने पर गुप्ता ने न्यायालय की अवमानना का प्रकरण भी दायर किया था।
इसके बाद उच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण करने के बाद जलसंसाधन विभाग ने अरविंद कुमार गुप्ता निलंबित सहायक यंत्री को एक सितंबर 2022 से जीवन निर्वाह भत्ता दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की है।