पूरा एमपी बन रहा ‘मोदी का परिवार’…
कुछ दिन पहले भाजपा नेताओं ने अपनी डीपी को ‘मोदी का परिवार’ लिखकर अपनी भावनाओं को प्रदर्शित किया था। पर अब तो लग रहा है कि पूरा मध्यप्रदेश ही ‘मोदी का परिवार’ बनने को आतुर है। खास तौर से कांग्रेस नेताओं की भीड़ तो भाजपा में इस तरह शामिल हो रही है कि लगता है मध्यप्रदेश कांग्रेस मुक्त होने में नंबर वन राज्य बनने का तमगा हासिल करना चाहता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और न्यू ज्वाइनिंग कमेटी के मुखिया डॉ. नरोत्तम मिश्रा तो मानो हर दूसरे दिन सैकड़ों कांग्रेस नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिलाने के प्रति ही समर्पित हैं। मध्यप्रदेश का राजनीतिक परिदृश्य कमलमय होकर यह मुहर लगा रहा है कि अब 29 कमल की माला मोदी को पहनाकर ही रहेंगे। छिंदवाड़ा के कमलनाथ के करीबी कांग्रेस नेताओं सहित हजारों की संख्या में कांग्रेस नेता ‘मोदी का परिवार’ बन रहे हैं। ऐसे में यह संभावना भी जन्म ले रही है कि कहीं नकुलनाथ नामांकन की आखिरी तारीख से पहले अपनों की खातिर ‘मोदी का परिवार’ बनकर 29वां कमल खिलाने की मंशा तो नहीं रखते हैं। खैर जो होगा वह सबके सामने आकर ही रहेगा। कभी शिकारपुर और दिल्ली के नाथ निवासों से ध्वज के रूप में सनातनी संकेत मिलने के बाद मामले का पटाक्षेप कमलनाथ ने यह कहकर किया था कि उन्होंने कभी भाजपा में जाने के संकेत नहीं दिए हैं।
पर नाथ के दाएं हाथ छिंदवाड़ा के जनाधार वाले दिग्गज नेता दीपक सक्सेना का कांग्रेस से इस्तीफा और बेटे अजय सक्सेना का भाजपा की सदस्यता ग्रहण करना बड़े संकेत दे रहा है। छिंदवाड़ा में इस्तीफा देने से पहले दीपक सक्सेना की नकुलनाथ से मुलाकात हुई और उन्होंने कमलनाथ से भी बात कर अपना इस्तीफा पहले उन्हें भेजा और बाद में कांग्रेस नेतृत्व को। और भाजपा की सदस्यता लेने के बाद भी अजय सक्सेना का बयान काबिले गौर है। अजय के मुताबिक मेरे पिता ने 50 साल तक कमलनाथ और कांग्रेस की सेवा निस्वार्थ भाव से की है। कमलनाथ हम सबके लिए पितातुल्य हैं। नकुलनाथ के कमान संभालते ही कार्यकर्ताओं और जनता में असंतोष है। कमलनाथ को हमने अपनी नाराजगी बताई थी। नकुलनाथ रिमोट कंट्रोल सिस्टम चलाना चाहते हैं। इस बयान से साफ है कि नाथ परिवार से सबका रिश्ता कायम है। ऐसे में नाथ परिवार को लेकर मोदी के मन में क्या है, यह समझ पाना बहुत मुमकिन नहीं है। खैर सूत्रों की मानें तो नकुलनाथ भी चुनाव प्रचार छोड़ दिल्ली पहुंच गए हैं और कमलनाथ भी 22 मार्च को दिल्ली में हैं। अब दिल्ली के दिल में क्या है छिंदवाड़ा को लेकर, यह दिल्ली ही जाने। पर अब यह तय है कि मोहन-विष्णु के नेतृत्व और कैलाश की कमान में मध्यप्रदेश में 29वां कमल खिलने के पूरे योग बन गए हैं।
21 मार्च 2024 को प्रदेश भाजपा कार्यालय में कांग्रेस की महिला मोर्चा की प्रदेश महामंत्री सुहागवती सरेयाम एवं कांग्रेस के पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के पुत्र अजय सक्सेना सहित 400 से अधिक छिंदवाड़ा के पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष ने अंगवस्त्र पहनाकर सबका पार्टी में स्वागत किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि छिंदवाड़ा में कांग्रेस का नेतृत्व छिन्न-भिन्न हो गया है और भाजपा की ताकत बढ़ी है। छिंदवाड़ा के विकास को केवल शब्दों से नहीं, बल्कि जमीन पर उतारकर बताएंगे, क्योंकि यह छिंदवाड़ा की जनता के जीवन में बदलाव लाने के संकल्प का समय है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें अबकी बार-400 पार का लक्ष्य दिया है, मध्यप्रदेश का इसमें सबसे बड़ा योगदान रहेगा। मध्यप्रदेश के पार्टी नेतृत्व ने यह तय किया है कि 28 सीटें तो भाजपा की हैं, लेकिन अब छिंदवाड़ा में भी कमल का फूल खिलेगा और मोदी जी की झोली में एक और कमल का फूल समर्पित होगा।
विधानसभा चुनाव के समय जब कमलनाथ रोज-रोज मुख्यमंत्री बनते थे, मैंने तब ही कह दिया था कि छिंदवाड़ा के प्रत्येक बूथ पर कांग्रेस को हराएंगे, क्योंकि छिंदवाड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के हितग्राहियों का गढ़ है। प्रदेश शासन के मंत्री जबलपुर क्लस्टर प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की 140 करोड़ जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का परिवार है। लोकसभा चुनाव कांग्रेस मुक्त प्रदेश बनाने का सही समय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक ही सकल्प ’’सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” है। न्यू ज्वॉइनिंग टोली के प्रदेश संयोजक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश कांग्रेस मुक्त हो रहा है, राहुल गांधी को भगदड़ का मजा लेना चाहिए। करीब 16 हजार कांग्रेस व दूसरे दलों के नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। हर दिन करीब 200 से अधिक नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। भाजपा की केंद्र की सरकार हो या राज्यों की, हमारी सरकारों ने लगातार जनता के कार्य करते हुए उनका दिल जीता है। कांग्रेस भारी अविश्वसनीयता के दौर से गुजर रही है।
तो यह बात तय है कि मध्यप्रदेश इतिहास रचने जा रहा है। पर कांग्रेस चुनावों को रोचक बनाने के लिए बेहतर चेहरों पर दांव लगा सकती है। कांग्रेस अपनों को संभालने में अक्षम साबित हो गई है। और कांग्रेस की भगदड़ की झलक यही बयां कर रही है कि पूरे एमपी के मन में ‘मोदी का परिवार’ बनने की ललक है। कांग्रेस के बड़े, मध्यम और छोटे चेहरे हर दिन भाजपा के कार्यकर्ता बन मोदी के रंग में रंग रहे हैं…।