
किसानों की व्यथा अपनी उपज की शव यात्रा तक पहुंची
मंदसौर जिले के धमनार – धुंधड़का में रोते हुए प्याज़ के आंसू लेकर चिता जलाई अन्तिम संस्कार कर ज्ञापन सौंपा
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर : जिले की कृषि उपज मंडियों में प्याज़ के दाम बहुत कम मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में भारी रोष है वहीं धमनार – धुंधड़का में ग्रामीणों किसानों और कांग्रेस नेताओं ने प्याज़ की अर्थी सजा कर ढोल धमाके बैंड बाजे के साथ प्याज़ की शव यात्रा निकाली और चिता जलाई, अन्तिम संस्कार किया । शामिल लोगों द्वारा राम नाम सत्य है का उच्चारण करते हुए चल रहे थे, पहले तो घरों में रहे लोगों को जिज्ञासा हुई कि गांव में किसका देहावसान हो गया फिर जब प्याज़ फसल नुकसानी को लेकर विरोध करते हुए यह अनूठा तरीका देख भी अन्य लोग शामिल हुए ।

कृषक बद्रीलाल धाकड़ , बापुलाल पटेल , शांतिलाल धाकड़, किशोर गोयल, परशुराम सिसोदिया, सुरेन्द्र पटेल, धीरज धाकड़ सहित अन्य किसानों और कांग्रेस नेताओं ने शवयात्रा में सहभागिता की ।
प्रगतिशील किसान धमनार के बद्रीलाल धाकड़ ने बताया कि क्षेत्र में प्याज़ फसल बहुतायत में बोई जाती है और यह गरीबों, मजदूरों , किसानों के भोजन साथ सब्जी का आधार है किसानों का घर में बड़ा महत्व रखता है इसकी आय भी संबल देती है पर इन दिनों मंडियों में 2 रुपए से 6 रुपए तक का ही भाव मिल रहा है जो लागत से बहुत कम है भारी नुकसानी है ।

किसान सुरेंद्र पटेल का कहना है कि बाज़ार में कम दाम मिलने से तो गाड़ी भाड़ा नहीं निकल रहा। अनेक किसानों ने तो मंडी में ही छोड़ दिया और कई किसानों ने मवेशियों को खिला रहे यह सरकार की आयात निर्यात नीति गत दोष है जिसके कारण किसानों को उपज विक्रय करने मंडियों में सही दाम नहीं मिल रहा
प्याज़ अर्थी शवयात्रा ओर चिता जलाई अन्तिम संस्कार कर सामूहिक रूप से तहसीलदार रोहित राजपूत को राष्ट्रपति एवं राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया ।





