लन्दन:कजाखस्तान की एलीना रिबाकीना ने विंबलडन 2022 का खिताब जीत
लिया है। उन्होंने फाइनल में जेबुअर को 3-6, 6-2, 6-2 से हरा दिया।
यह रिबाकीना का पहला ग्रैंड स्लैम खिताब है।
एशिया की पहली खिलाड़ी
17वीं वरीय कजाखस्तान की रिबाकीना ने एक घंटे 48 मिनट तक चले
फाइनल में तीसरी वरीय ट्यूनीशिया की ओंस जेबुअर को पहला सेट
हारने के बाद वापसी करते हुए अगले दो सेटों में हराया। इसके साथ
रिबाकीना विंबलडन का खिताब जीतने वाली कजाखस्तान और एशिया
की पहली खिलाड़ी बन गई हैं।
पहले ही फाइनल में खिताब
मैच प्वाइंट जीतते ही रिबाकीना मुट्ठी बंद कर जीत का जश्न मनाने
लगीं। 23 वर्षीय रिबाकीना ओपन एरा में पहली बार किसी ग्रैंड स्लैम
के फाइनल में पहुंची थीं। वह अपने पहले ही फाइनल में खिताब जीत
गईं। इसके साथ ही एलीना, पेत्रा क्वितोवा (2011 में 21 वर्ष की उम्र
में) के बाद सबसे कम उम्र में विंबलडन की ट्रॉफी उठाने वाली महिला
खिलाड़ी बन गई हैं।
रिबाकीना का यह करियर का तीसरा खिताब है। उन्होंने होबार्ट 2020
के बाद चार खिताबी मुकाबले गंवाए। वह टोक्यो ओलंपिक में भी
कांस्य पदक का मुकाबला हार गई थीं। वहीं ओंस जेबुअर भी पहली
बार ही किसी ग्रैंड स्लैम के फाइनल पहुंची थीं।
रूस के खिलाड़ी थे प्रतिबंधित, पर रूस की बेटी ने जीता खिताब
ऑल इंग्लैंड क्लब ने यूक्रेन पर रूस के हमले के विरोध में विंबलडन
में रूस और बेलारूस के खिलाड़ियों के खेलने पर प्रतिबंध लगा रखा
था लेकिन महिला एकल का खिताब रूस की बेटी ने ही जीता है।
दरअसल कजाखस्तान की ओर खेलने वाली एलीना रिबाकीना का
जन्म 17 जून 1999 को रूस की राजधानी मॉस्को में हुआ। 2018 में
एलीना ने रूस छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने कजाखस्तान की
नागरिकता ले ली।
जिम्नास्टिक और आइस हॉकी में बनाना चाहती थीं करियर
एलीना टेनिस से पहले जिम्नास्टिक और आइस हॉकी में करियर
बनाना चाहती थीं। उनकी लंबाई अधिक होने की वजह से उनके पिता
ने टेनिस खेलने के लिए प्रेरित किया। रिबाकीना की लंबाई अभी छह
फुट है।
डि ग्रूट ने जीता लगातार सातवां व्हीलचेयर
एकल खिताब
नीदरलैंड की डिएड डि ग्रूट ने शनिवार को यहां विम्बलडन टेनिस
ग्रैंडस्लैम की व्हीलचेयर महिला स्पर्धा के फाइनल में जापान की युई
कामिजी को 6-4, 6-2 से हराकर लगातार सातवां मेजर एकल खिताब
अपने नाम किया।यह उनकी विम्बलडन में चौथी ट्राफी है। यह उनका
कुल 15वां एकल खिताब है जिससे वह ट्राफियों के मामले में हमवतन
एस्थर वर्जीयर (21 ट्राफी) के बाद दूसरे स्थान पर हैं।