

5 साल से पूरा खर्च नहीं कर पा रहा जेल विभाग अपना बजट, हर साल बच जाते हैं करोड़ रुपए
भोपाल. जेल विभाग को जितना बजट मिल रहा है, वह उतना खर्च ही नहीं कर पा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में भी वह स्वीकृत बजट बराबर व्यय नहीं कर पाया है। यह स्थिति पिछले पांच सालों से विभाग में बनी हुई है। हालांकि हर वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित बजट प्रावधान की राशि स्वीकृत बजट से ज्यादा रहती है, इसके बाद भी बजट पूरा खर्च नहीं हो रहा है।
इन पर खर्च होता है
जेल विभाग को जो बजट मिलता है, उससे वह कर्मचारियों और अफसरों को वेतन एवं भत्ते, कार्यालय व्यय पर खर्च करता है। इसके अलावा जेल और कार्यालयों की सफाई, बंदी की विशेष सेवाओं के लिए मानदेय जिसे बंदी पारिश्रमिक भी कहा जाता है। इसके अलावा स्थाई संपत्तियों का अनुरक्षण यानि भवन मरम्मत, वाहनों की मरम्मत, जेल में स्थित अस्पतालों में दवाईयां क्रय करना। जेल में बंदियों के खाने के लिए राशन का क्रय, बंदियों के लिए कपड़े, बिस्तर, टेंटस के साथ ही बंदियों को जिला अदालत तक ले जाने के लिए बंदी परिवहन, बंदियों की परीक्षा आयोजन करवाना, उनके प्रशिक्षण के साथ ही अन्य मदों में खर्च किया जाता है।
कब कितना बजट मिला और कितना किया व्यय
वर्ष 2020-21 के लिए प्रस्तावित बजट प्रावधान 428 करोड़ 58 लाख 10 हजार रुपए का था, जबकि स्वीकृत बजट की राशि 423 करोड़ 58 लाख 10 हजार रुपए थी। इस वित्तीय वर्ष में जेल विभाग 393 करोड़ 92 लाख 32 हजार रुपए ही खर्च कर सका। इस वित्तीय वर्ष में 29 करोड़ 65 लाख 78 हजार रुपए की राशि खर्च नहीं हो सकी। इसी तरह वर्ष 2021-22 के लिए प्रस्तावित बजट 470 करोड़ 83 लाख 25 हजार रुपए था, जबकि स्वीकृत बजट की राशि 462 करोड़ 39 लाख 5 हजार थी। इस वित्तीय वर्ष में 447 करोड़ 63 लाख 94 हजार खर्च किए गए। इस वर्ष 14 करोड़ 75 लाख 11 हजार रुपए की राशि बच गई। इसके बाद वर्ष 2022-23 में भी यही स्थिति रही।
इस वर्ष प्रस्तावित बजट 526 करोड़ 59 लाख 65 हजार का था, जबकि बजट 491 करोड़ 91 लाख 5 हजार का स्वीकृत हुआ, इस साल खर्च हुआ 416 करोड़ 6 लाख 93 हजार रुपए और बचत हुई 75 करोड़ 84 लाख 12 हजार रुपए की। वर्ष 2023-24 में 605 करोड़ 17 लाख 46 हजार रुपए के प्रस्ताव थे, जबकि 555 करोड़ 67 लाख 46 हजार रुपए का बजट स्वीकृत हुआ। इसमें से व्यय की गई राशि 499 करोड़ 92 लाख 26 हजार रही, इस वर्ष भी 55 करोड़ 77 लाख 20 हजार रुपए बच गए। वर्ष 2024-25 में 628 करोड़ 17 लाख 51 हजार का प्रस्तावित बजट था, लेकिन बजट 616 करोड़ 35 लाख 41 हजार का स्वीकृत हुआ। इस बार भी इतनी राशि अब तक खर्च नहीं हुई है।