दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी, बाकायदा आदेश हुआ जारी,मामला बना चर्चा का विषय

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दिवंगत प्राचार्य को उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की जिम्मेदारी सौंपी, बाकायदा आदेश हुआ जारी,मामला बना चर्चा का विषय

 

राजेश चौरसिया की रिपोर्ट 

 

छतरपुर: मध्यप्रदेश में छतरपुर अक्सर लापरवाही के लिए सुर्खियों में रहने वाले छतरपुर के शिक्षा विभाग का एक और चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। इस बार विभाग ने एक दिवंगत प्राचार्य को उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का जिम्मा सौंपा है, जो विभाग के साथ पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मामला उजागर होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने गलती स्वीकारते हुए दिवंगत प्राचार्य का नाम ड्यूटी से हटाने की बात कही है। लेकिन इस आशय का आदेश अभी तक सामने नहीं आया है।

 

बहरहाल जो भी हो लेकिन शिक्षा विभाग के इस कारनामे से न सिर्फ छतरपुर बल्कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में यहां के अधिकारी-कर्मचारियों की किरकिरी हो रही है कि 13 मार्च से बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरु हो गई है और शिक्षा विभाग द्वारा इस कार्य में जिले के लगभग 5 सैकड़ा शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है।

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लापरवाही यह है कि इन 5 सैकड़ा शिक्षकों में एक नाम चंद्रप्रकाश तिवारी का है जो कि हाई स्कूल सिमरिया के भूतपूर्व प्राचार्य और जीव विज्ञान विषय के शिक्षक रहे हैं। 13 दिसंबर 2024 को उनका निधन हो गया था लेकिन शिक्षा विभाग के दस्तावेजों में वे आज भी जीवित हैं। मामला सामने तब आया जब जिला मुख्यालय के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-1 में 16 मार्च को उन्हें प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया।

शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार 16 मार्च को प्रशिक्षण की दूसरी पारी यानि की दोपहर डेढ़ बजे से पांच बजे तक उन्हें प्रशिक्षण के लिए आमंत्रित किया गया है।

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●DEO बोले…

वहीं आर.पी. प्रजापति, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया हे कि कितने शिक्षकों की ड्यूटी उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में लगाई है इसकी सही संख्या मुझे पता नहीं है। एक दिवंगत प्राचार्य की ड्यूटी लगाए जाने का मामला मेरे में संज्ञान में आया है, संबंधित प्राचार्य की नाम सूची से हटा दिया गया है।