राजस्थान की पुरानी विधानसभा और लेखा कार्यालय राजस्थान सरकार के पास ही रहेंगे
गोपेंद्र नाथ भट्ट की रिपोर्ट
नई दिल्ली। जयपुर शहर में बड़ी चोपड पर ऐतिहासिक हवामहल के पास स्थित राजस्थान की पुरानी विधानसभा सवाई मानसिंह टाउन हॉल और लेखाकार कार्यालय अब राजस्थान सरकार के पास ही रहेंगे।
राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर के पूर्व राज्य परिवार द्वारा हाईकोर्ट में लगाई याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट की एकल पीठ के जस्टिस नरेंद्र कुमार ढड्ढा ने जयपुर की राजमाता पद्मिनी देवी और अन्य की याचिकाओं पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों संपत्तियां राज्य सरकार के पास ही रहेगी। कोर्ट ने 4 अगस्त को मामले की सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
पूर्व राजमाता पद्मिनी देवी और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा दायक याचिका में कहा गया था पुराना टाउन हॉल सवाई मानसिंह टाउनहॉल और जलेब चौक परिसर में स्थित लेखाकार कार्यालय को अंग्रेजी शासन के दौरान बने प्रसंविदा के एक नियम में निजी संपत्ति माना गया था और उसके उपयोग के लिए राज्य सरकार को लिए लाइसेंस दिया गया था।
राजस्थान सरकार जब तक इसका उपयोग ले रही थी और उसका रखरखाव कर रही थी तब तक ठीक था लेकिन अब राज्य सरकार का उद्देश्य ही बदल गया है ऐसे में इस संपत्ति को वापस राज परिवार को दिलाया जाए।
सवाई मानसिंह टाउनहॉल में पहले राजस्थान विधानसभा चलती थी। वर्ष 2000 के बाद यहां से विधानसभा ज्योति नगर में बनाए गए नए भवन में शिफ्ट हो गई। इसके बाद राज परिवार ने 7 अगस्त 2019 को कोर्ट में दावा पेश कर राज्य सरकार से सवाई मानसिंह टाउनहॉल वापस राज परिवार को सुपुर्द करने को कहा।
अधीनस्थ कोर्ट ने भी पूर्व राजपरिवार की अस्थाई निषेधाज्ञा के प्रार्थना-पत्र को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ पूर्व राजपरिवार ने हाई कोर्ट में अपील की थी।
राजस्थान विधानसभा के ज्योति नगर में बनाए गए नए भवन में शिफ्ट हो जाने के बाद अब राज्य सरकार पुराने विधान सभा भवन में सौ करोड़ रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक म्यूजियम बनाना चाहती है और इस पर काम भी शुरू हो गया था लेकिन हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगा दिया था। आज राजस्थान सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद अब वह स्टे भी हट गया है।