एकमुश्त 6 करोड़ देकर एक करोड़ किराया कमा रहे तिलहन संघ का भवन लोक परिसम्पत्ति विभाग ने हथियाया

अब औने-पौने में निजी संस्थाओं को बेचने की तैयारी,तिलहन संघ के वेल्यूशन में 135 करोड़ हुआ था आंकलन,कैबिनेट की मंजूरी और सहकारिता विभाग की सहमति लिए बिना ही बेचने का निर्णय

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Finance Department Issued Orders

एकमुश्त 6 करोड़ देकर एक करोड़ किराया कमा रहे तिलहन संघ का भवन लोक परिसम्पत्ति विभाग ने हथियाया

भोपाल; प्रदेश और प्रदेश के बाहर की बेशकीमती सरकारी सम्पत्ति औने-पौने में बेचने को लेकर चर्चाओं में आ चुके लोक परिसम्पत्ति विभाग ने फिर एक करिश्मा कर दिखाया है। परिसमापन में चल रहे तिलहन संघ के 135 करोड़ कीमत के अरेरा हिल्स प्लाट नंबर एक पर स्थित भवन को लोक परिसम्पत्ति विभाग ने मात्र छह करोड़ 9 लाख देकर अपने कब्जे में कर लिया है। भोपाल कलेक्टर ने इसकी लीज निरस्त कर दी है और अब तिलहन संघ पर दबाव है कि वह भोपाल कलेक्टर के नाम से इस प्रापर्टी की रजिस्ट्री कराए। तिलहन संघ को इस भवन को खाली कराने के लिए भी नोटिस थमा दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि इस बेशकीमती सम्पत्ति के इस सौदे के लिए प्रशासकीय विभाग सहकारिता विभाग, तिलहन संघ के परिसमापक की सहमति तक नहीं ली गई।

राजस्व विभाग ने वर्ष 1983 में तिलहन संघ को अरेरा हिल्स पर प्लाट नंबर एक आवंटित किया था। तीस साल में इसकी लीज का नवीनीकरण होना था। इसके लिए तिलहन संघ ने एसडीएम, नजूल से काफी पत्राचार भी किया। विधिक सेवा प्रदाता को भी भेजा कि नवीनीकरण के लिए कितनी राशि देना है लेकिन जिला प्रशासन ने इतने सालों तक इसका एक बार भी जवाब नहीं दिया और जुलाई 2022 में तिलहन संघ की लीज निरस्त कर दी। पटवारी, आरआई जब इसका पजेशन लेने आए तब तिलहन संघ को पता चला कि लीज निरस्त हो चुकी है और लोक परिसम्पत्ति विभाग के पास इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी है।

प्रशासकीय विभाग , संघ के प्रस्ताव के बिना ही सम्पत्ति बेचने फैसला-लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन विभाग और साधिकार समिति विभागों के प्रस्ताव पर उनकी अनुपयोगी सम्पत्ति बेचने का निर्णय लेता है। लेकिन इस मामले में सहकारिता विभाग, तिलहन संघ के परिसमापक से कोई प्रस्ताव आए बिना और उनकी सहमति लिए बिना ही 28 मार्च 2022 को तिलहन संघ की बिल्डिंग बेचने का निर्णय ले लिया गया।

तीन किराएदारों से मिलता है सालाना एक करोड़ किराया-
तिलहन संघ के इस भवन में तीन किराएदारों से सालाना एक करोड़ किराया मिलता है। इसमें मध्यप्रदेश हेल्थ सर्विसेस कारपोरेशन,मध्यप्रदेश एड्स नियंत्रण समिति और एसएसटीसी शामिल है। एमएसटीसी ने इसी 31 जुलाई को लोक परिसम्पत्ति विभाग के नोटिस पर भवन खाली कर दिया है।

135 करोड़ है कीमत-
तिलहन संघ ने इस भवन का वेल्यूशन कराया था उस समय इसकी कीमत 135 करोड़ रुपए आई थी। लेकिन हेल्थ कारपोरेशन ने अपने स्तर पर इसका आंकलन कराते हुए भवन की कीमत छह करोड़ बताते हुए इसका वेल्यूशन कराया और लोक परिसम्पत्ति विभाग ने इसी वेल्यूशन के आधार पर छह करोड़ 9 लाख रुपए तिलहन संघ के खाते में जमा रि दिए।

तिलहन संघ को खाली करने नोटिस-
तिलहन संघ को भवन खाली करने का नोटिस दिया गया। रजिस्ट्रार कापरेटिव सोसायटी से उनके कार्यालय में तिलहन संघ को जगह देने को कहा गया। इस पर पीएस सहकारिता और रजिस्ट्रार सहकारिता ने मना कर दिया है कि उनके पास फिलहाल पांच हजार वर्गफीट स्थान नहीं है इसलिए इन्हें व्यवस्था होंने तक यही रहने दिया जाए।