वेदों में रचा बसा है जीवन प्रबंधन का विज्ञान 

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वेदों में रचा बसा है जीवन प्रबंधन का विज्ञान 

वेदों में लाइफ मैनेजमेंट साइंस विषय पर एल एन सी टी यूनिवर्सिटी के रायसेन रोड भोपाल कैम्पस में एम बी ए के छात्र छात्राओं को  वेदों में रुचि लेने का सोद्देश्य आग्रह  करते हुए दर्शन शास्त्र की व्याख्याता डॉ आरती दुबे ने बताया कि वैदिक साहित्य मानव जाति के लिए बहुमूल्य धरोहर ही नहीं जीवन प्रबंधन विज्ञान का एक अभिनव अविष्कार है। जिसे मनुष्य मात्र क़े  मन, मस्तिष्क और आत्मा के परिष्करण के लिए आहूत किया गया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर एम बी ए डॉ. अरविंद सिंह ने संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए कहा कि वेदों में क्षमा और सद्भावना जीवन प्रबंधन के गहरे सूत्र हैं ।

प्रबंधन जैसे विषय को वेदों में खोजने के सूत्र देते हुए डॉ आरती ने कहा कि वेद भारत की सांस्कृतिक धरोहर है। स्वयं की खोज में आत्मा के परिष्करण को सोचना एवं उसकी क्रियात्मक अवधारणा को अनुभव सिद्ध पद्धति के रूप में मानव जाति के सामने रखना एक बहुत बड़ा अविष्कार है। यह प्रगल्भ एवं परिपक्व मस्तिष्क द्वारा ही संभव है। यह संकेत ही बताता है कि हमारे ऋषि-मुनि कितने गहन गंभीर चिंतन परक, आविष्कारक थे। संसार को आत्मा की अवधारणा का प्रथम परिचय कराने वाला भारतीय दर्शन आत्मा की खोज पर रुका नहीं वरन उसके परिष्करण की प्रक्रिया का अविष्कार करने के पश्चात ही उसने अपनी चिंतन यात्रा से विराम लिया। इसी लिए आज भी भारत विश्व का गुरु है । शून्य की निर्विचार अनुभूति का अनुभव करते हुए छात्र उत्साहित थे। प्रश्नोत्तर सत्र में उन्होने अपने अनुभव साझा किए।