राज्य सरकार ने पिछले 5 माह में लिया 14 हजार करोड़ का कर्ज

सीएम ने लिखा पीएम और वित्त मंत्री को पत्र

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MP Budget 2022

भोपाल। शिवराज सरकार ने चालू वित्त वर्ष में जुलाई से नवम्बर तक 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। कर्ज की यह राशि 2031 से 2041 तक की अवधि के लिए 5.99 से 7 प्रतिशत ब्याज की दर पर ली गई गई है।

कर्ज की राशि 14 जुलाई, एक सितम्बर, 15 सितम्बर, 22 सितम्बर, 27 अक्टूबर, 2 नवम्बर और 17 नवम्बर को ली गई है। सबसे अधिक 6 हजार करोड़ का कर्ज तीन बार सितम्बर माह में लिया गया है।

यह जानकारी विधानसभा में विधायक बाला बच्चन के सवाल के लिखित जवाब में दी गई है।

सीएम ने लिखा पीएम और वित्त मंत्री को पत्र

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा इस जवाब में यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वित्तीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए 2021-22 के लिए भी गत वित्त वर्ष के अनुसार सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 5.50 प्रतिशत ऋण लेने की स्वीकृति के संबंध में पत्र लिखा था।

इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी जुलाई में इसको लेकर पत्र लिखा गया था जिसमें कहा गया कि 2021-22 के लिए जीएसडीपी के मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों की ऋण सीमा 4 प्रतिशत तय की गई थी। इसके लिए राज्य की पात्रता 4.5 प्रतिशत तक ऋण लेने की है।

इसमें यह भी बताया गया था कि पूंजीगत व्यय के लिए 2020-21 में विशेष सहायता राशि 1320 करोड़ रुपए राज्यों को जारी किए गए थे जबकि एमपी को 649 करोड़ आवंटित हुए। इसकी भरपाई करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया था।

18 माह में लिया सर्वाधिक कर्ज

वित्त मंत्री देवड़ा ने विधायक जीतू पटवारी के इसी से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि मध्यप्रदेश के वित्तीय वर्ष 2020-21 के अंतिम लेखे प्राप्त नहीं हुए हैं।

बजट साहित्य 2021-22 में प्रकाशित वित्तीय वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान अनुसार मार्च 2021 की समाप्ति पर 253335.60 करोड़ रुपए का कर्ज रहने का अनुमान है।

राज्य शासन द्वारा मप्र राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अंतर्गत ही प्रदेश की विकासात्मक गतिविधियों के लिए नियमानुसार ऋण लेने के कारण पिछले 18 माह में कर्ज में वृद्वि हुई है।

वित्त वर्ष 2020-21 के बजट अनुमान के अनुसार 147635572000 ऋणों के भुगतान के लिए प्रावधान किया गया है तथा 164602146000 ब्याज के भुगतान के लिए प्रावधान किया गया है।