अलीराजपुर से राजेश जयंत की रिपोर्ट
अलीराजपुर: जिले के उदयगढ़ पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बड़ी झिरी में मंगलवार दोपहर एक ग्रामीण महिला पर डाकन होने की शंका के चलते रिश्तेदार युवक ने देसी कट्टे से फायर कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। वारदात के बाद युवक वहां से भाग निकला।
पुलिस को सूचना देकर परिजन घायल महिला को उदयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए। डॉ लक्ष्मी चोपड़ा ने प्राथमिक उपचार उपरांत ईडीबाई को जिला चिकित्सालय अलीराजपुर रेफर किया।
थाना प्रभारी पीएस डामोर ने जानकारी देते हुए बताया कि मंगलवार दोपहर ग्राम बड़ी झिरी की ईडीबाई खेत में काम करने जा रही थी। उसका पति सोहबत पहले से ही खेत में दवाई छिड़काव का काम कर रहा था। रास्ते में परेश पिता केरमा ने ईडी बाई को रोका और कहा कि तेरे लड़के का गुजरात से फोन आया है, बात कर ले।
परेश के हाथ से मोबाइल लेकर ईडीबाई जैसे ही पलटी तो पीछे से परेश ने कट्टे से उस पर फायर कर दिया। कट्टे से निकले छर्रे ईडीबाई की पीठ में लगे । हमलावर युवक महिला के जेठ दीपसिंह के लड़के केरम का पुत्र है।
घायल महिला ने पुलिस को बताया कि परेश की मां अक्सर बीमार रहती है। इसलिए उसने मुझ पर डाकन की शंका करते हुए कट्टे से फायर किया है ।
प्रकरण दर्ज-हमलावर की तलाश
घायल महिला की शिकायत पर उदयगढ़ पुलिस थाने में अपराध क्रमांक 258/1 भादवी धारा 307, 25 ए, 27 आर्म्स एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है ।युवक वारदात के बाद से फरार है। पुलिस की टीम बनाकर उसकी खोजबीन शुरू की है।
यह एक अकेला मामला नहीं
गौरतलब है कि डाकन की शंका में महिला पर हमले का यह एक अकेला मामला नहीं है। जनजाति बहुल अलीराजपुर जिले में इस तरह के मामले अक्सर देखने सुनने में आते हैं। अंधविश्वास के चलते किसी महिला को डाकन मानकर उसे अपमानित करना, तिरस्कार करना, हैय दृष्टि से देखना, मारना पीटना, लज्जा भंग करना या उसकी कोशिश करना, यहां तक कि जान तक ले लेने के मामले यहां चर्चा में रहते हैं। इस तरह के अनेक मामले पुलिस रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं । पुलिस अपने स्तर से प्रयासरत है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो बावजूद इस तरह की वारदातें यहां थमने का नाम नहीं ले रही।
जरूरत है यहां अखिलेश झा जैसे प्रयासों की
इस तरह के मामलों की रोकथाम में अलीराजपुर के तत्कालीन एसपी अखिलेश झा के “ढाई आखर प्रेम का” अभियान काफी सराहा गया था । अभियान के माध्यम से आंचलिक क्षेत्र में शिक्षा का अलख जगाकर अंधविश्वास को दूर करने की एक अच्छी पहल की गई थी।
गांव के जिम्मेदार नागरिक तड़वी, पटेल, चौकीदार, पंच-सरपंच को सबसे पहले शिक्षित-प्रशिक्षित कर उन के माध्यम से गांव में माहौल तैयार किया गया था की डाकन और कोई नहीं उनका अपना वहम है। अंधविश्वास को दूर करने के वैसे कारगर प्रयास झा सर से पहले और बाद में यहां देखने में नहीं आए। आईपीएस अखिलेश झा का मानना था कि अशिक्षा से उत्पन्न अंधविश्वास ही इस डाकन की जड़ है।