
Collector’s Big Action: PWD भवन के अवैध पंजीयन मामले में तत्कालीन उप पंजीयक कंसू लाल अहिरवार निलंबित
छतरपुर। कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए तत्कालीन उप पंजीयक छतरपुर कंसू लाल अहिरवार (वर्तमान पदस्थापना तहसील नौगांव) को पीडब्ल्यूडी भवन के दस्तावेजों के बिना परीक्षण किए शासकीय विक्रय पत्र पंजीकृत करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
निलंबन आदेश में उल्लेख किया गया है कि लोक निर्माण विभाग की भवन पुस्तिका में भवन क्रमांक 64, नगर छतरपुर स्थित नजूल शीट क्रमांक 47-ए, भूखण्ड क्रमांक 120, क्षेत्रफल 307 वर्ग मीटर को मध्यप्रदेश शासन पीडब्ल्यूडी का शासकीय भवन के रूप में दर्ज किया गया है। यह संपत्ति वर्ष 1954 में उमाशंकर तिवारी कानूनगो को शासन द्वारा आवंटित की गई थी।
जांच में पाया गया कि नगर पालिका में दर्ज भवन क्रमांक 77, संपत्ति आईडी 2000410466 के आधार पर विक्रेतागण निशा उपाध्याय (पत्नी स्व. बृजेश उपाध्याय), गोपाल उपाध्याय, विजया उपाध्याय और राकेश उपाध्याय ने यह संपत्ति धीरेन्द्र कुमार गौर (निवासी नौगांव) एवं दुर्गेश पटेल (निवासी ग्राम बुधगांव, जिला नरसिंहपुर) के नाम विक्रय पत्र तैयार कराकर पंजीयन हेतु प्रस्तुत किया।
तत्कालीन प्रभारी उप पंजीयक कंसू लाल अहिरवार ने बिना आवश्यक दस्तावेजों के अवलोकन और परीक्षण के ही विक्रय पत्र का पंजीयन कर दिया। यह रजिस्टर्ड विक्रय पत्र क्रमांक एमपी37IGR17002025A100470649 दिनांक 13 जून 2025 को जारी किया गया था।
कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने आदेश में कहा कि अहिरवार का यह कृत्य कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है, जिससे शासकीय संपत्ति का अवैध विक्रय पत्र पंजीकृत हुआ। यह कार्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3(1)(2)(3) के तहत कदाचरण की श्रेणी में आता है।
इस आधार पर कंसू लाल अहिरवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
निलंबन काल में उनका मुख्यालय कलेक्टर कार्यालय, जिला छतरपुर रहेगा तथा उन्हें मूलभूत नियम 53(बी) के तहत जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।





