झगड़ा था जमीन का महिला ने कर दी बलात्कार की झूठी रिपोर्ट!

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MLA in MP Punished
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झगड़ा था जमीन का महिला ने कर दी बलात्कार की झूठी रिपोर्ट!

निर्दोष आरोपी को न्यायालय ने किया बरी!

जानिए क्या है पूरा मामला?

Ratlam : एक महिला ने झुठी और मनगढ़ंत कहानी रचते हुए न्यायालय में बयान दिया था कि उसके साथ बलात्कार हुआ और जान से मारने की धमकी दी थी जिस पर न्यायालय ने आरोपी को जेल भेजने के आदेश दिए थे।

मामले में नया मोड़ आया और महिला के बयान पर ही न्यायालय ने आरोपी को बरी करते हुए आरोपी महिला के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए।

अपर लोक अभियोजक एवं शासकीय अधिवक्ता समरथ पाटीदार ने बताया कि 17-जून-20 को जिले के थाना रावटी क्षेत्र की निवासी महिला ने रिपोर्ट दर्ज करवाई की वह खेती और घरेलू कार्य करती हैं, होली के 3 दिनों बाद 12-मार्च-20 को उसका पति मजदूरी करने के लिए रतलाम गया हुआ था, उसके तीनों लड़के स्कूल पढ़ने गए हुए थे, वह अपने घर पर अकेली थी, दिन में करीब 12 बजे आरोपी जो उसका भतीजा हैं, मेरे घर आया और उससे बोला कि काका कहां है, उसने बोला कि रतलाम मजदूरी करने गए हैं आरोपी ने उसे बोला कि उसके साथ मकान के अंदर चल, उसने जाने से मना किया तो आरोपी उसे जबरदस्ती पकड़कर उसके मकान के अंदर ले गया और उसके साथ उसकी मर्जी के बिना जबरदस्ती बलात्कार किया था।

वह चिल्लाई थी तो आरोपी ने उसका मुंह दबा दिया था और बोला कि अगर चिल्लाईं और यह बात किसी को बताई तो उसे जान से खत्म कर देगा। फिर आरोपी उसके घर से चला गया था, आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी तो वह डर गई थी, इसलिए उसने घर पर घटना किसी को नहीं बताई थी। फिर उसके पति जैसलमेर मजदूरी करने चले गए थे, उसके पति के जैसलमेर से वापस आने के बाद उसने अपने साथ हुई घटना बताई थी।

फिर अपने पति को साथ लेकर रावटी थाने पर रिपोर्ट करने गई थी जहां पर महिला की रिपोर्ट पर आरोपी के विरुद्ध घर में घुसकर जबरदस्ती बलात्कार करने व जान से मारने की धमकी देने का प्रकरण भादंवि सहित की धारा 450, 376, 506 में दर्ज किया गया था।

महिला की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने महिला के बयान लिखे व न्यायालय में भी धारा 164 के बयान दर्ज करवाएं बयानों में भी महिला ने आरोपी द्वारा बलात्कार करने की घटना बताई थी।

पुलिस द्वारा इस प्रकरण की संपूर्ण जांच पूर्ण करने के बाद चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की गई थी। प्रकरण की सुनवाई पंचम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय हुई थी। केस की सुनवाई के दौरान महिला ने न्यायालय में बयान दिए कि उसका जमीन को लेकर आरोपी से झगड़ा हो गया था, उनकी लड़ाई जमीन की थी और उसने आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट बलात्कार की लिखा दी थी, आरोपी ने उसके साथ ना तो बलात्कार किया ना ही जान से मारने की धमकी भी नही दी थी।

शासकीय अधिवक्ता समरथ ने बताया कि महिला के बयान के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को बरी कर दिया व महिला पर मिथ्या साक्ष्य देने का प्रकरण भारतीय दंड संहिता की धारा 182, 193, 211 में दर्ज करने का आदेश दिया।