

उच्च शिक्षा में गड़बड़झाला, किसी को 30 साल बड़ा तो किसी को 20 साल छोटा बता दिया, अब हो रही गलती सुधारने की कवायद
भोपाल: उच्च शिक्षा विभाग ने अपने कई कर्मचारियों की उम्र सरकारी रिकार्ड में गलत दर्ज कर दी है। किसी को तीस साल बड़ा तो किसी को बीस साल छोटा बता दिया गया है।
आयुक्त कोष एवं लेखा ने गड़बड़ी पकड़ी तो अब इसमें सुधार की कवायद की जा रही है।
शासकीय संस्कृत महाविद्यालय इंदौर में पदस्थ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बाबूलाल बागोरा की जन्म तिथि पांच अक्टूबर 1936 है लेकिन सरकारी रिकार्ड में उनकी उम्र तीस साल बढ़ाकर पंद्रह अक्टूबर 1966 दर्ज कर दी गई थी। इस हिसाब से उन्हें जल्दी सेवानिवृत्त समझा जा रहा था। इसी तरह स्वशासी महाविद्यालय भोपाल में प्रयोग शाला तकनीशियन के पद पर पदस्थ अनीता नमचूरिया 16 सितंबर 1980 में पैदा हुई थी लेकिन सरकारी रिकार्ड में उनकी उम्र बीस साल कम करते हुए एक जनवरी 2000 दर्ज कर दी गई। याने इस रिकार्ड को सही माना जाता तो वे सेवानिवृत्ति के बाद बीस साल और सेवा कर सकती थी। इस तरह उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत विभिन्न कॉलेज और कार्यालयों में पदस्थ 19 कर्मचारियों की आयु सीमा गलत दर्ज कर दी गई थी। ये कर्मचारी शासकीय महाविद्यालयों से अराजपत्रित संवर्ग तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर कार्यरत है। इन कर्मचारियों की आईएफएमआईएस में नियुक्ति तिथि और जन्मतिथि गलत दर्ज थी।
आयुक्त कोष एवं लेखा की आपत्ति के बाद अब इन सबकी जन्मतिथि सुधारी जा रही है।
इनकी जन्मतिथि गलत दर्ज थी
बाबूलाल बागारो इंदौर, डॉ सालिग्राम मिश्र देवेन्द्रनगर, डॉ दिनेश कुमार त्रिपाठी सहायक शिक्षक, डॉ बिजेन्द्र सिंह लोधी सागर, शंकर सिंह गौड़ सागर, संध्या शर्मा और अनीता नमचूरिया भोपाल, श्यामलाल बिजौले विदिशा, नारायण राव करोले बैतूल, भैयालाल खत्री इंदौर, रामचंद्र गौस्वामी, सीताराम पाल भोपाल, महेश कुमार रोहित बीना, सोमेश्वर प्रसाद पांडेय रीवा, शीतल सिंह,सीताराम बालू अशोकनगर, उमेश गहोई मंडीदीप, पार्वती सोना ब्यौहारी और कोमल सिंह सेंगर उज्जैन की जन्मतिथि गलत दर्ज कर दी गई थी अब इनमें सुधार किया जा रहा है।