

संगठन में ‘विष्णु-काल’ की चमक बिखेरेंगे यह पांच वर्ष…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने अपने कार्यकाल के पांच वर्ष पूरे कर लिए हैं। सांगठनिक दृष्टि से उनके यह पांच वर्ष भाजपा संगठन में उपलब्धियों से भरे रहे हैं। संगठन में नया नेतृत्व विकसित हुआ है। प्रदेश में मंडल से लेकर जिला अध्यक्षों की नियुक्ति दूसरी बार सफलता पूर्वक हो चुकी है। डिजिटल बूथ सहित अनेकों नए प्रयोग कर विष्णु दत्त शर्मा ने प्रदेश में संगठन को नए शिखर पर पहुंचाया है। संगठन में विष्णुदत्त शर्मा के यह सफलतम पांच वर्ष उपलब्धियों की नई चमक बिखेरते हुए कुशाभाऊ ठाकरे की संगठनात्मक कार्यशैली की याद दिलाने वाले हैं। तो प्रदेश में भाजपा का सरकार बनाने के लिए विष्णुदत्त शर्मा का पदार्पण शुभंकर के रूप में हुआ है। और ऐसा शुभंकर जिसने प्रदेश में दो बार सरकार बनाने में सफलता दिलाई है तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूरी 29 लोकसभा सीटें दिलाकर नया इतिहास रचा है। प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष ऊषा अग्रवाल ने एक्स पर बधाई देते हुए प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल को असाधारण, अद्वितीय और अप्रितम 5 वर्ष…की संज्ञा दी। उन्होंने मध्यप्रदेश भाजपा के ‘कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ एवं शुभंकर’ प्रदेश अध्यक्ष बताते हुए विष्णुदत्त शर्मा के पांच वर्ष को अनुकरणीय बताया। आशीष अग्रवाल को भी भाजपा में मीडिया प्रभारी के रूप में अवसर देकर नया नेतृत्व विकसित करने का काम विष्णुदत्त शर्मा ने ही किया है।
2023 विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भाजपा ने 163 सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी। कांग्रेस के लिए यह परिणाम चौंकाने वाला रहा था, क्योंकि उसे कड़ी टक्कर या अच्छे अंतर से जीत की उम्मीद थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ विष्णु दत्त शर्मा इस बड़ी जीत के शिल्पी बने थे। पर वास्तव में भाजपा ने जीत की रणनीति तीन साल पहले ही बना ली थी, जब उसने कमलनाथ सरकार के गिरने से कुछ महीने पहले यानी फरवरी 2020 में विष्णु दत्त शर्मा को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया था। तब खजुराहो से सांसद विष्णु दत्त शर्मा भाजपा के प्रदेश महासचिव थे। वीडी के नाम से मशहूर शर्मा आरएसएस के समर्पित अनुयायी हैं। उन्हें 1990 के दशक में मध्य प्रदेश में आरएसएस से जुड़ी छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को मजबूत करने के लिए जाना जाता है।
2018 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा काफी सतर्क हो गई थी। हार के बाद पार्टी ने महत्वपूर्ण संगठनात्मक बदलाव किए और शर्मा को पार्टी की कमान सौंपी। शर्मा ने 2023 विधानसभा चुनाव में जमीनी स्तर पर एकजुटता से लेकर उम्मीदवार चयन और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह इसीलिए पांच साल से भाजपा के संगठनात्मक प्रमुख हैं और उन्होंने न सिर्फ जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाई, बल्कि प्रदेश के छोटे शहरों और गांवों का दौरा कर संगठन को नया आयाम दिया।
अपनी कार्यशैली से पार्टी के आधार को बढ़ाकर विष्णु दत्त शर्मा ने मध्यप्रदेश के श्रेष्ठ संगठन को नए शिखर पर पहुंचाया।इसकी मिसाल राष्ट्रीय स्तर पर दी जाती रही है। इसके चलते ही विष्णु दत्त शर्मा की तुलना कुशाभाऊ ठाकरे की कार्यशैली से की जाने लगी। अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल ने पार्टी को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दिलाई – 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के बाद राज्य में सरकार बनाना। उसके बाद से न तो शर्मा ने और न ही भाजपा ने पीछे मुड़कर देखा और जमीनी स्तर पर उनके अथक परिश्रम ने भगवा पार्टी के लिए वांछित परिणाम हासिल किए। और अब विष्णु दत्त शर्मा भाजपा का राष्ट्रीय चेहरा हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश में बहुमंजिला नया भाजपा कार्यालय प्रगति पर है। प्रदेश में भाजपा के संगठन को 21 वीं सदी के अनुकूल गढकर विष्णुदत्त शर्मा ने संगठनात्मक दृष्टि से इतिहास रचा है। तो शिवराज के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश को नए आयाम पर पहुंचाया और अब डॉ. मोहन यादव संग सरकार और संगठन के मजबूत संबंधों से मध्यप्रदेश को नई गति देने का काम किया है। संगठन में यह पांच वर्ष ‘विष्णु-काल’ के सफलतम कार्यकाल की चमक बिखेरते रहेंगे…।