रतलाम का यह महाविद्यालय ना केवल जिले में वरन् विक्रम परिक्षेत्र में भी अग्रणी बनें–विनोद करमचंदानी

`करंट डेवलपमेंट इन मैथमेटिकल साइंसेस एंड ई-लर्निंग विषय पर हुई अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी

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रतलाम का यह महाविद्यालय ना केवल जिले में वरन् विक्रम परिक्षेत्र में भी अग्रणी बनें–विनोद करमचंदानी

रतलाम

आज तकनीकी शिक्षा का युग हैं।तकनीकी से विषय को समझने में सुगमता होती हैं।इसलिए शिक्षण संस्थानों को तकनीकी रूप से समृद्ध करने की आवश्यकता हैं।वास्तव में ई-लर्निंग से ज्ञान की सीमाओं का विस्तार होता हैं,यह बात शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रतलाम की जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष विनोद करमचंदानी ने कहीं।
वे अग्रणी महाविद्यालय में गणित एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा “करंट डेवलपमेंट इन मैथमेटिकल साइंसेस एंड ई-लर्निंग” विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

करमचंदानी ने कहा कि गणित एक महत्वपूर्ण विषय हैं लेकिन गणित के प्रति विद्यार्थियों को एक फोबिया भी रहता हैं।यदि शिक्षण संस्थाओं में इस तरह के आयोजन होते रहेंगे तो निश्चित ही विद्यार्थियों का गणित के प्रति रूझान बढेगा।साथ ही विद्यार्थियों को ज्ञानवर्धक जानकारियां भी प्राप्त होगी।उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थियों के सामने सीखने के पर्याप्त अवसर हैं।

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इस आयोजन मे विदेशी विशेषज्ञ भी जुड रहे हैं।जिसका सीधा प्रसारण यू-ट्यूब पर हो रहा हैं।

करमचंदानी ने आयोजकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जनभागीदारी अध्यक्ष के रूप में महाविद्यालय के विकास से संबंधित सभी योजनाओं में मेरा पूर्ण सहयोग रहेगा।उन्होनें कहा कि हम कोशिश करेंगे कि रतलाम का यह महाविद्यालय न केवल जिले में बल्कि विक्रम परिक्षेत्र में भी अग्रणी बनें।

आज तकनीकी शिक्षा का योग है। तकनीकी से विषय को समझने में सुगमता होती हैं।इसलिए शिक्षण संस्थानों को तकनीकी रूप से समृद्ध करने की आवश्यकता हैं। वास्तव में ई-लर्निंग से ज्ञान की सीमाओं का विस्तार होता हैं।

गणित एक महत्वपूर्ण विषय हें लेकिन गणित के प्रति छात्रों को एक फोबिया (डर) भी रहता हैं। यदि शिक्षण संस्थानों में इस तरह के आयोजन होते रहेंगे तो निश्चित ही छात्रों का गणित के प्रति रुझान बढ़ेगा।

दूसरे सत्र में ऑनलाइन जुड़े विदेश के शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए

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दूसरा सत्र ऑनलाइन हुआ,इसमें यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज पोलैंड के कंप्यूटर विज्ञान व सांख्यिकी विभाग के प्रमुख डॉ.मेंगडेले नारोजजक, अंग्रेजी विषय के प्राध्यापक डॉ. इवोनामोकवानेई ने लर्निंग तकनीकी पर प्रकाश डाला। डॉक्टर एग्निजका हेबाने जिओ जेब्रा एप्लीकेशन के नवीनतम उपयोग की पद्धति पर जानकारी दी।विजय सोनिया,डॉ.अमरीश हांडा,डॉ.रविकांत मालवीय,डॉ. दिनेश बोरासी,डॉ.अनिल गुप्ता, प्रो.कनु श्री राणावत सहित अन्य मौजूद थे।

आज के डिजिटल युग में इस तरह के सेमिनार जरूरी हैं
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. वायके मिश्र ने कहा यहां सभी शोधार्थी एकत्र होकर एक-दूसरे के विचारों को आदान-प्रदान करते हैं,एक-दूसरे से सीखते हैं। वर्तमान समय में इस तरह के सेमिनार से शिक्षा के नए आयामों का पता चलता हैं।आज के युग डिजिटल शिक्षा का युग है,ऐसे में यह सेमिनार बहुत महत्वपूर्ण हैं। डॉ.मिश्र ने इप्का लैबोरेट्रीज के वाइस प्रेसिडेंट दिनेश सियाल का संगोष्ठी में सहयोग के लिए आभार माना।इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के गणित विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. बीएन मिश्र ने कहा हम साथ में सोचते हैं,साथ में चलते हैं,सीखते भी साथ में है इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस तरह का आयोजन किया जाता है,साथ ही कहा कि सुबह से शाम गणित ही काम में आती है,सांसों का भी हिसाब होता हैं।गणित ही जीवन का आधार हैं।

 

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दैनिक जीवन गणित के बिना अधूरा,जीवन का अभिन्न अंग
तेलंगाना के गणित के विभागाध्यक्ष डॉ.एम विजय कुमार ने कहा दैनिक जीवन गणित के बिना अधूरा है,गणित जीवन की पूर्णता हैं।अमरकंटक के गणित विभाग के प्रोफेसर डॉ.विष्णु नारायण मिश्र ने कहा गणित ऐसी विद्याओं का समूह है,जो संख्याओं,मात्राओं,परिणामों, रूपों और अनेक आपसी रिश्तों, गुणों,स्वभाव आदि का अध्ययन कराती हैं।वैदिक काल से गणित हमारे जीवन का अभिन्न अंग है।

कार्यक्रम का शुभारंभ जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विनोद करमचंदानी की अध्यक्षता और सत्र का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के माध्यम से हुआ सरस्वती वंदना का गायन सोनाली बैरागी और कृति जोशी ने किया।

उद्घाटन सत्र का संचालन प्रो.विजय सोनिया ने किया। विभिन्न सत्रों का संचालन डॉ.अमरीशहांडा,डॉ.रविकांत मालवीय,डॉ.दिनेश बौरासी, डॉ.अनिल गुप्ता एवं प्रो.कनु श्री राणावत ने किया। तथा आभार सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.वास्तोस्पति शास्त्री ने माना।