
‘सफलता की गारंटी’ का यह ‘मोहन मॉडल’ गजब का है…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
मध्य प्रदेश को निवेशक मित्र राज्य बनाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की सफलता ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आत्मविश्वास को आसमान पर पहुंचा दिया है। अभी तक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तरह-तरह की सुविधा प्रदान करने की मध्य प्रदेश सरकार की पहल को अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘सफलता की गारंटी’ तक पहुंचा दिया है। ‘सफलता की गारंटी’ का यह ‘मोहन मॉडल’ वास्तव में गजब का है। 13 दिसंबर 2023 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले एक सामान्य परिवार के सदस्य डॉ. मोहन यादव पौने दो साल में ही मध्य प्रदेश को अपने विजन के अनुरूप बदलाव की प्रक्रिया में ले आएंगे, यह भरोसा कर पाना आसान नहीं था। रीजनल इंडस्ट्रीज कांक्लेव के नवाचार के साथ निवेशकों को आकर्षित करने की मोहन यात्रा की उम्मीदों पर पहली बार भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट खरी उतरी थी। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी खास रही थी। और इसके बाद मध्य प्रदेश निवेश के आंकड़ों में लगातार आगे बढ़ता जा रहा है। इसी कड़ी में धार में पीएम-मित्रा पार्क के माध्यम से मध्य प्रदेश को विश्व की टेक्सटाइल कैपिटल बनाने की महत्वाकांक्षी परियोजना मोहन सरकार की विशेष उपलब्धि बनने जा रही है। इसके लिए 3 सितंबर 2025 को दिल्ली में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन में 12 हजार 508 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मोहन को भरोसा है कि मध्यप्रदेश का पीएम-मित्रा पार्क टेक्सटाइल सेक्टर को नया विजन और नई दिशा देगा। किसी भी टीम की सफलता टीम लीडर के विश्वास पर निर्भर करती है। और पीएम-मित्रा पार्क के लिए दिल्ली में आयोजित इंटरएक्टिव सेशन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव का विश्वास गजब का था। उन्होंने निवेशकों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि आप सभी अपने कारोबार में आगे बढ़ें, आपके व्यापार-व्यवसाय की ‘सफलता की गारंटी’ हमारी है। वास्तव में विश्वास की इस इमारत में डॉ. मोहन यादव की रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से लेकर खनिज कॉन्क्लेव, पर्यटन कांक्लेव जैसी हर दिन चल रही नई-नई निवेश यात्रा की सफलता ही है। इसमें भी कोई शक नहीं कि मोहन सरकार परीक्षा के कड़े दौर से गुजर रही है। और सरकार के 2 साल और 3 साल पूरा होने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से पक्ष और विपक्ष सभी पूछने वाले हैं कि जमीन पर आखिर क्या उतर पाया है? विपक्ष यह कहने में भी देरी नहीं करेगा कि सब कुछ हवा हवाई है। पर मोहन यादव इसके लिए भी पूरी तरह से तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र में निवेशकों द्वारा अपने कार्यों को आगे बढ़ाने का सिलसिला भी लगातार जारी है। और औद्योगिक इकाइयों के जमीन पर आगे बढ़ने से ही मोहन का हौसला आसमान छू रहा है। यही हौसला सफलता की गारंटी के विश्वास की कहानी बयां कर रहा है।
नई दिल्ली में हुए इंटरैक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटी इन पीएम-मित्रा पार्क में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हम सब बदलते दौर के साथी हैं। उम्मीदों और अवसरों का विराट क्षितिज हमारे सामने है। अपने सुनहरे भविष्य के निर्माण के लिए निवेश का एक स्वर्णिम अवसर आप सबके सामने है। निवेशकों से आग्रह किया कि वे बेहिचक मध्यप्रदेश में पूंजी लगाएं। निवेश आपका, बिजनेस आपका, प्रॉफिट भी आपका और सरकार की सभी सुविधाएं भी आपके लिए ही हैं। मध्यप्रदेश पूंजी निवेश के लिए देश का मॉडल स्टेट बन रहा है। शीघ्र ही धार के पीएम-मित्रा पार्क का भूमि-पूजन होगा। यह पार्क भारत को विश्व की टेक्सटाइल केपिटल बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है। पीएम-मित्रा पार्क युवाओं के लिए रोजगार और प्रदेशों के आर्थिक विकास के लिए अहम सिद्ध होगा। इंटरैक्टिव सेशन में शामिल उद्योगपतियों ने मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल सेक्टर में निवेश की रूचि दिखाई है। इससे 15 बड़ी कंपनियों से 12,508 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए है। इनमें लगभग 18 हजार से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। मोदी के 5-एफ विजन ‘फार्म टू फाइबर, फाइबर टू फैक्ट्री, फैक्ट्री टू फैशन और फैशन टू फॉरेन’ को मध्यप्रदेश सरकार ने एक मिशन के रूप में अपनाया है। उद्देश्य है कि स्वदेशी कपड़े की गुणवत्ता को वर्ल्ड क्लास का बनाकर इन्हें वैश्विक बाजारों तक पहुंचाया जाए। मध्यप्रदेश कपास उत्पादन में देश में 7वें स्थान पर है। पहले स्थान पर चल रहे गुजरात और मध्यप्रदेश के बीच टेक्सटाइल सेक्टर का पीएम-मित्रा पार्क बनाया जा रहा है, जिसके संचालन के लिए मध्यप्रदेश में कच्चे माल की उपलब्धता से लेकर अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
पर बात फिर वही कि यह सारी सुविधाएं मध्यप्रदेश में हमेशा मौजूद रही हैं। पर अब इन्हीं सुविधाओं का हवाला देते हुए निवेशकों को मध्य प्रदेश की तरफ आकर्षित किया जा रहा है। और निवेशक भी अपनी रुचि बढ़-चढ़कर दिखा रहे हैं। क्योंकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विश्वास से इतना भरे हुए हैं कि निवेशकों को उद्योग लगाने में मदद की नहीं बल्कि उद्योग लगने के बाद ‘सफलता की गारंटी’ भी मोहन सरकार दे रही है। ‘सफलता की गारंटी’ देने का मतलब यह भी है कि अगर असफलता का दाग लगा तो उसकी जिम्मेदारी भी सरकार और डॉ. मोहन यादव की ही होगी। पर मध्यप्रदेशवासियों की उम्मीद यही है कि ‘सफलता की गारंटी’ का यह ‘मोहन मॉडल’ मध्य प्रदेश को देश का नंबर एक राज्य बनाएगा… फिलहाल तो यह मानना ही पड़ेगा कि ‘सफलता की गारंटी’ का यह ‘मोहन मॉडल’ गजब का है…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





