जिले को नंबर वन बनाने का यह जज्बा गजब का है…
हरदा जिला को प्रदेश में नंबर वन बनाने का कृषि मंत्री कमल पटेल का जज्बा गजब का है। उनकी मंशा है कि लाड़ली बहना योजना में 10 अप्रैल तक 7 दिनों के अंदर जिले में अधिकतम पंजीयन कर हरदा जिले को प्रदेश का पंजीयन में नंबर वन जिला बनाना है। इससे पहले जब उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि अभी पंजीयन में हमारा जिला कौन से नंबर पर है? तो अधिकारियों ने बताया कि अभी हम प्रदेश में 20वें पायदान पर हैं। इस पर कृषि मंत्री पटेल ने कहा कि हमारा जिला सबसे छोटा जिला है। इसलिए पंजीयन को टारगेट में लेते हुए पूरा करना है। हरदा जिला कई क्षेत्रों में प्रदेश में अव्वल है। सिंचाई के क्षेत्र में हरदा जिला शत प्रतिशत सिंचित जिला होने जा रहा है इसलिए इस योजना के पंजीयन में भी हमें बाजी मारना है। नंबर वन बनाने की यह सकारात्मक पहल करने की बात हर क्षेत्र में हो और हर मंत्री और जनप्रतिनिधि करे तो एक बेहतर तस्वीर देखने को मिल सकती है।
कृषि मंत्री कमल पटेल जहां हरदा जिले को प्रदेश के मानचित्र में पहले पायदान पर लाने की हरसंभव कोशिश में जुटे रहते हैं, तो उनका दावा यह भी है कि प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने की महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। पटेल का मानना है कि चना, मसूर, सरसों की फसल गेहूं की फसल के पहले आती है, जबकि उसका उपार्जन गेहूँ के बाद किया जाता था। जिसके कारण किसानों को मजबूरी में कम कीमत पर बाजार में अपनी उपज बेचना पड़ता था। हमारी सरकार के द्वारा पहली बार 15 मार्च से चना, मसूर, सरसों का उपार्जन गेहूं उपार्जन के पूर्व किये जाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके कारण किसानों को अपनी उपज का उचित एवं लाभकारी मूल्य प्राप्त हो सका। जिससे लगभग 10 हजार करोड़ का फायदा किसानों को हुआ है, जो पहले व्यापारियों को होता था। इस प्रकार प्रधानमंत्री का किसानों की आय दोगुना करने का संकल्प वर्ष 2021 में ही पूरा हो चुका है। ग्रीष्मकालीन मूंग को समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने का निर्णय हमारी सरकार के द्वारा लिया गया है। जिसके कारण किसानों को उनकी उपज कर उचित मूल्य प्राप्त हुआ है तथा किसानों की आय वृद्धि का प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का संकल्प पूरा हुआ है।
वन ग्राम राजस्व ग्राम में नहीं होने से पटवारी हल्के के अन्तर्गत शामिल न होने के कारण वन अधिकार पट्टों पर प्राप्त भूमि के पट्टेधारियों को फसल हानि के मामले में फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिल पाता था। वनग्रामों को राजस्व ग्राम में अर्थात् पटवारी हल्के में शामिल करवा कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ हमारी सरकार के द्वारा दिलाया गया। हमारी सरकार के द्वारा विशेष प्रयास करते हुए एपीडा का क्षेत्रीय कार्यालय मध्यप्रदेश में स्वीकृत करवाया गया है। उक्त कार्यालय मंडी बोर्ड भोपाल (किसान भवन) में चालू हो गया है। इससे मध्यप्रदेश के किसानों को अपने कृषि उत्पाद निर्यात करने में सुविधा मिलेगी तथा उन्हें अपनी उपज का अधिकतम लाभ हासिल हो सकेगा। हमारी सरकार के द्वारा 2 प्रतिशत तिवड़ा मिश्रित चना के उत्पादन वाले 8 जिलों में भारत सरकार से तिवड़ा मिश्रित चना के उपार्जन की अनुमति दिलाई गई, जिससे किसान 2 प्रतिशत तिवडा मिश्रित चना समर्थन मूल्य पर बेच सके। इसके साथ ही तिवड़ा मिश्रित चना के उत्पादन वाले जिलों में तिवड़ा मिश्रित चना की समस्या के स्थायी समाधान के लिए हमारी सरकार के द्वारा वर्ष 2020-21 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना एवं बीज ग्राम योजनांतर्गत कुल 1,95,515 क्विंटल चना प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया था। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना एवं टरफा योजनांतर्गत 1,62,284 क्विंटल चने का प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया। इस प्रकार कुल 3,57,799 क्विंटल चने का बीज 02 वर्षों में किसानों को वितरित किया गया।
चने का उपार्जन 15 क्विंटल प्रति हेक्टे. एवं सरसों का उपार्जन 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर किया गया जिससे किसानों को लगभग 750 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ हुआ। एक दिन में एक किसान से उपार्जन की अधिकतम सीमा 25 क्विंटल को हटाकर असीमित पंजीयन अनुसार कराया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत अधिसूचित फसल क्षेत्र का मापदंड 100 हेक्टेयर के स्थान पर 50 हेक्टेयर किया गया है जिससे ज्यादा से ज्यादा किसानों की विभिन्न फसलों का बीमा करा सकें। हमारी सरकार के द्वारा पिछले 2.5 वर्ष में 35972 करोड़ रूपये का अनुदान विद्युत कनेक्शन पर प्रदाय किया गया। कांग्रेस सरकार के समय प्राकृतिक आपदा के मामलों में नाममात्र की सहायता पीडितों को दी जाती थी जिसे हमारी सरकार के द्वारा आर.बी.सी. 6(4) में संशोधन कर उसे बढाया गया जिससे किसानों की दु:ख की घड़ी में सही मायने में मदद हो पाती है।
यानि कि कृषि मंत्री कमल पटेल हरदा जिले को लेकर तो हमेशा ही सजग रहते हैं तो अपनी सरकार की कृषि क्षेत्र में उपलब्धियों को गिनाने में भी पीछे नहीं रहते। इन दिनों लाड़ली बहना योजना पर सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का फोकस है, तो कमल पटेल इसमें भी हरदा को पहले नंबर पर देखने की चाहत रखते हैं। अब विपक्ष कृषि मंत्री द्वारा गिनाई जा रही उपलब्धियों पर भरोसा करे या न करे, लेकिन जिले को नंबर बनाने की उनकी मंशा पर तो सवालिया निशान नहीं लगा सकता। हालांकि किसानों के लिए जो किया सो किया, पर बहुत कुछ करना बाकी है। लाड़ली बहना योजना के गेमचेंजर बनने की बात पर मुहर तो 2023 का विधानसभा चुनाव लगाएगा, पर किसानों की आय बढ़ाने की उपलब्धि सरकार के लिए स्थायी गेमचेंजर साबित होने की क्षमता रखती है। पर कृषि मंत्री कमल पटेल का लाड़ली बहना योजना में जिले को नंबर वन बनाने का यह जज्बा गजब का है…।