

मोहन की यह सोच अच्छी है…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन पहली बार मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हो रहा है। यह उस मायने में बेहद सुकून वाली बात है कि राजधानी पहली बार उद्योगपतियों और निवेशकों का स्वागत करने के लिए सजेगी और संवरेगी। अभी तक यह अवसर आर्थिक राजधानी इंदौर को ही मिलता रहा है। और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट तो लोगों को लुभाती रही है लेकिन निवेश न होने की बात मध्यप्रदेश को हमेशा सताती रही है। मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ. मोहन यादव ने ट्रेंड बदला और संभागीय स्तर पर रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव का आयोजन कर प्रदेश के कई शहरों को निवेशकों की मेजबानी का अवसर दिया। इसके बाद ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का अवसर भोपाल को देकर यह साफ कर दिया है कि किसी शहर का एकाधिकार नहीं चलेगा। रीजनल इंडस्ट्रीज कांक्लेव से निवेश होने की उम्मीद जागी है, तो यूके, जर्मनी और जापान की सीएम की यात्राओं से निवेश का भरोसा जाग रहा है। और उम्मीद है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए भोपाल भी शुभंकर राजधानी साबित होगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की रीजनल इंडस्ट्रीज कांक्लेव और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर सोच अच्छी है और इसके परिणाम भी अच्छे होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खासे उत्साहित हैं। उनके मुताबिक मध्यप्रदेश में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर भोपाल के आसपास के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप, बगरोदा, पीलूखेड़ी, गोविंदपुरा, अचारपुरा और फंदा के उद्यमियों के साथ ही उन युवाओं में भी खासा उत्साह है, जो नई तकनीक को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूर्ण करने में सहभागी बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेश संबंधी अपने विदेश दौरे में कंपनियों को तकनीकी रूप से भी मध्यप्रदेश के विकास में सहभागी बनने का निमंत्रण दिया है। यूके, जर्मनी और जापान की कंपनियों ने तकनीक के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश को आगे बढ़कर संवारने का वादा किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जब विदेशी कंपनियां अपने उद्योग यहां स्थापित करेंगी, तो नि:संदेह नवीनतम तकनीक यहां आएगी और उद्योगों को विश्व स्तरीय तकनीक के साथ आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे प्रदेश का इंडस्ट्रियल सेक्टर बूस्ट-अप भी होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नवंबर 2024 में हुए 6 दिवसीय यूके और जर्मनी दौरे में उद्योगपतियों और निवेशकों से लगभग 78 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले। इससे प्रदेश के समग्र विकास और टेक्नो-फ्रेण्ड्ली युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के यूके-जर्मनी दौरे से पहले सागर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्रस्ताव आया था कि तकनीकी क्षेत्र में जर्मनी और भारत संयुक्त रूप भोपाल के अचारपुरा में इकाई स्थापित करेंगे। इस कंपनी के जर्मन निवेशक को जर्मनी में भूमि आवंटन-पत्र प्रदान किया गया। कंपनी द्वारा भोपाल में 100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। सॉफ्टवेयर और आईटी पार्क के निर्माण पर विभिन्न इंटरैक्टिव सेशन और राउंड टेबल डिस्कशन भी संपन्न हुए हैं। वुडपैकर सॉफ्टवेयर ने रसायन और आईटी सेक्टर में 1,100 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भरोसा जताया है कि यूके और जर्मनी की यात्रा से टेक्नो-फ्रेंड्ली युवाओं के लिए रोजगार सृजन के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। यूके और जर्मनी द्वारा प्रदेश में निवेश से तकनीकी संस्थानों में उन्नत टेक्नोलॉजी आएगी, जिससे युवाओं को आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे, साथ ही प्रदेश के संस्थानों का विश्व स्तरीय तकनीक से परिचय होगा और उन्हें वैश्विक स्वरूप मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को तकनीक के क्षेत्र में यूके और जर्मनी की सफल यात्रा के बाद उतनी ही सफलता जापान की यात्रा में भी मिली है। जापान-मध्यप्रदेश औद्योगिक सहयोग फोरम की स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली, जिससे प्रदेश में जापानी इंडस्ट्रियल पार्क, कौशल विकास केंद्र और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हब स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव पूरे आत्मविश्वास से कहते हैं कि इस बार जापान, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कंट्री पार्टनर के रूप में शामिल होगा, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। जापान की कंपनियों ने मध्यप्रदेश में मेडिकल डिवाइस, ऑटोमोबाइल्स, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल (रेडिमेड गारमेन्ट्स) सेक्टर में निवेश करने की इच्छा जताई है। जापान की कंपनियों के सहयोग से हम प्रदेश को इन्वेस्टमेंट के लिए एक ‘आइडियल डेस्टिनेशन’ और ‘इंडस्ट्री फ्रेंडली स्टेट’ बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
तो जिस तरह पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भोपाल में आयोजित हो रही है, इससे परंपरागत रूप से इंदौर में समिट आयोजित होने की धारणा बदली है। और इससे निवेश और प्रदेश के औद्योगिक विकास का नया युग शुरू होने की उम्मीद भी बनी है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का स्थान बदलने की मोहन की सोच अच्छी है। यही उम्मीद है कि उम्मीदों से भरी उनकी यह सोच सच हो और 24-25 फरवरी को भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट नया इतिहास बनाए…।