संगीत महाविद्यालय में तीन दिवसीय तबला कार्यशाला “ताल प्रवाह” का हुआ समापन
30 छात्रों ने लिया प्रशिक्षण
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा घोषित तबला दिवस अवसर पर लता मंगेशकर शासकीय संगीत महाविद्यालय में तीन दिवसीय तबला कार्यशाला “ताल प्रवाह” का समापन समारोह गत दिवस संपन्न हुआ।
प्राचार्य डॉ उषा अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें बनारस एवं लखनऊ घराने से संबंधित अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित कलाकार पंडित पार्थसारथी मुखर्जी भिलाई छत्तीसगढ़ के मार्गदर्शन में 30 तबला विद्यार्थियों ने तबले की सूक्ष्म तकनीक का अध्ययन किया।
कार्यशाला के आरंभ में नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्रीमती रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, महाविद्यालय जनभागीदारी समिति अध्यक्ष नरेंद्र कुमार त्रिवेदी, प्राचार्य डॉ उषा अग्रवाल ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर माल्यार्पण किया।
ताल प्रवाह कार्यशाला में सीखे हुए ताल, कायदे, रेले, टुकड़े की अच्छी प्रस्तुति प्रशिक्षित छात्रों द्वारा की गई।
मुख्य कलाकार तबला विषय विशेषज्ञ पंडित पार्थसारथी मुखर्जी का एकल तबला वादन भी हुआ, साथ मे हारमोनियम संगतकार इंदौर श्री दीपक खसरावल और संगीत महाविद्यालय मंदसौर के अतुल साकेत रहे।
पंडित मुखर्जी ने बनारस एवं लखनऊ घराने की प्रतिनिधित्व करने वाली बंदिशें पेश की, तबले पर थिरकती चपल उंगलियों की ताल और लय से उपस्थित सुधिजन मंत्र मुग्ध हो गये, भरपूर सराहना करते हुए करतल ध्वनि से सम्मान किया।
लता मंगेशकर संगीत महाविद्यालय की और से अंतरराष्ट्रीय कलाकार पंडित मुखर्जी को समिति अध्यक्ष श्री त्रिवेदी प्राचार्या डॉ अग्रवाल, संगीत शिक्षक श्री निशान्त शर्मा ने सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह मोमेंटो भेंट किया।
पंडित मुखर्जी एवं अतिथि ने तीन दिवसीय तबला कार्यशाला ताल प्रवाह के प्रमाणपत्र सभी छात्र-छात्राओं को प्रदान किए
कार्यक्रम एवं कार्यशाला का संचालन डॉ अल्पनारानी गांधी ने किया।