Indore : किसी भी बैंक या कंपनी के कॉल सेंटर का मोबाइल नंबर या जानकारी के लिए लोग गूगल पर सर्च करते है। इससे तत्काल जानकारी भी मिल जाती है, लेकिन हाइटेक जालसाजों ने अब गूगल के जरिए ही ठगी की वारदातों को अंजाम देना शुरू कर दिया। उन्होंने बैंकों और कंपनियों के कॉन्टेक्ट नंबर में अपना फर्जी नंबर पहले डाल रखा है! इसे सर्च करने वाला जो पहला नंबर दिखाई दे, उस पर डायल करता है और जालसाजों की ठगी का शिकार हो जाता है।
पुलिस के पास ऐसी अनेक शिकायत पहुंच रही है, जिसमें गूगल पर सर्च से मिली जानकारी का उपयोग करने पर उनके साथ ठगी हुई। लेकिन, जिन लोगों ने तत्काल इस तरह की ठगी कि शिकायत पुलिस को की, उन लोगों को लाखों रुपए वापस भी दिलाए गए। क्राइम ब्रांच की सायबर सेल पर मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो रही है। कई पीड़ितों को ऑनलाइन फ्रॉड का पैसा भी वापस मिला है। क्राइम ब्रांच की ‘फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल’ (Fraud Investigation Cell) इस तरह के मामलों में निरंतर हाईटेक तरीकों से फ्रॉड का खुलासा करती है।
Fraud Investigation Cell की टीम द्वारा आवेदकों से जानकारी लेकर जांच की तो कई घटनाओं का पता चला। पवन ने अपने परिचित को गूगल-पे के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किए थे। लेकिन ट्रांजैक्शन फेल हो गया। उन्होंने गूगल पर गूगल-पे का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया, पर वहां फर्जी व्यक्ति से संपर्क हो गया। जिसके द्वारा पैसा रिफंड करने का झूठा वादा करते हुए पेमेंट रिक्वेस्ट गूगल-पे के माध्यम से भेजी जिसमें आवेदक को पैसा प्राप्त होने की जगह आवेदक के खाते से 45 हज़ार रुपए निकाल कर उक्त राशि को ठग द्वारा पेटीएम के खाते में ट्रांसफर कर ठगी की गई। शिकायत मिलने पर क्राइम ब्रांच टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई कर पेटीएम वॉलेट कंपनी से संपर्क कर आवेदक के 45 हज़ार रुपए रिफंड कराए गए।
महंगा पड़ा ‘गूगल’ पर सर्च करना
श्यामसुंदर ने अपने एक्सिस बैंक के क्रेडिट कार्ड को बंद कराने के लिए गूगल पर एक्सिस बैंक का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया। लेकिन, वे ठग के संपर्क में आ गए। ठग ने श्यामसुन्दर से अपने मोबाइल में एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करने एवं क्रेडिट कार्ड की फोटो व डिटेल्स भेजने का बोलकर उसकी उसके मोबाइल को रिमोटली एक्सेस कर 70 हज़ार रुपए निकाल लिए। उसने क्रिएड एप में ट्रांसफर कर ठगी की। जिस पर क्राइम ब्रांच टीम द्वारा क्रिएड एप से संपर्क कर आवेदक के 70,000 रुपए वापस कराए गए।
यहां भी सर्चई से ही ठगी हुई
कुतुबुद्दीन ने अपने ICICI बैंक के क्रेडिट कार्ड को बंद कराने के लिए गूगल पर बैंक का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया था। ऐसा करने से वे सही व्यक्ति तक तो नहीं पहुंचे और ठग के संपर्क में आ गए। इसके बाद कुतुबुद्दीन से क्रेडिट कार्ड और ओटीपी लेकर एक लाख रुपए निकाल लिए गए। यह राशि अमेजन के अकाउंट में ट्रांसफर कर ली गई। इस पर टीम ने अमेजन कंपनी से संपर्क कर आवेदक के एक लाख रुपए वापस करवाए।
अकाउंट में रुपए डलवाए
जितेंद्र ने अपने बेटे की शादी के लिए गूगल पर मेट्रोमोनियल साइट सर्च की, तो एक ठग से उनका संपर्क हो गया। उसने रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर 6,500 रुपए अपने एसबीआई अकाउंट में ट्रांसफर कराकर ठगी की। शिकायत मिलने पर टीम ने बैंक से संपर्क कर आवेदक के रुपए वापस कराए।
ओटीपी लेकर ठगी की गई
शशिकांत के मोबाइल के मोबिक्विक वॉलेट में समस्या होने पर उन्होंने गूगल पर मोबिक्विक का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया तो असली नंबर के बजाए एक ठगौरा उनके संपर्क में आ गया। उसने बैंक संबंधित जानकारी व ओटीपी लेकर आवेदक के खाते से 9,344 रुपए आहरित कर उक्त राशि को इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट के लिए टाटा पावर कंपनी के खाते में ट्रांसफर किया। जिस पर क्राइम ब्रांच की टीम ने टाटा पावर कंपनी एवं मोबिक्विक वॉलेट कंपनी से संपर्क कर आवेदक के 9,344 रुपए सकुशल वापस कराए गए।
सस्ती बुक के नाम पर ठगा
सौम्या इंदौर को इंजीनियरिंग बुक्स की आवश्यकता होने पर गूगल पर इंदौर बुक डिपो के नाम से फर्जी नंबर पर संपर्क करते ठग व्यक्ति द्वारा इंजीनियरिंग की सबसे सस्ते में बुक देने का वादा कर आवेदिका से बैंक ऑफ इंडिया के डेबिट कार्ड व ओटीपी की जानकारी लेकर 17,019 रू फ्लिपकार्ट शॉपिंग एप पर ट्रांसफर कर ठगी की गई। जिस पर टीम द्वारा आवेदक से पूर्ण जानकारी लेकर फ्लिपकार्ट कंपनी से संपर्क कर ठगी गई 17,019 रुपए की राशि आवेदक के खाते में सकुशल वापस कराई।
पुजारी की जगह मिला जालसाज
ललिता निवासी इंदौर द्वारा गूगल पर खाटू श्याम मंदिर के पुजारी का नंबर सर्च करते ठग व्यक्ति से संपर्क हुआ। ठग ने फर्जी लिंक भेजकर 8,500 रू पूजा करने के नाम से गूगल पे के माध्यम से प्राप्त कर उक्त राशि को एसबीआई बैंक खाते में ट्रांसफर कर ठगी की गई। शिकायत पर क्राइम ब्रांच टीम द्वारा बैंक से संपर्क कर आहरित राशि वापस कराई गई।
एप डाउनलोड कराकर लगाई बड़ी चपत
साहेब निवासी इंदौर द्वारा गूगल पर एसबीआई बैंक का कस्टमर केयर नंबर सर्च करते ठग से संपर्क हुआ। ठग ने क्विक सपोर्ट डाउनलोड करवाकर आवेदक के मोबाइल को रिमोटली एक्सिस कर खाते से 70,000 रू की ठगी कर उक्त राशि को फोन पैसा पेमेंट गेटवे द्वारा ठगी की गई। शिकायत मिलने पर क्राइम ब्रांच टीम ने फोन पैसा पेमेंट गेटवे से संपर्क कर आवेदक की पूरी राशि वापस कराई।
सस्ते कैमरे के नाम पर ठगी
नीरज द्वारा गूगल पर इलेक्ट्रॉनिक स्टोर-1 के नाम से शॉपिंग साइट सर्च करके फर्जी कस्टमर केयर नंबर पर ठग से संपर्क हुआ। ठग ने नीरज को सस्ते रेट में कैमरा देने का झूठ बोलकर आवेदक से 73,000 रुपये गूगल पे के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट करवाकर ठगी की गई। ठगी गई राशि को एयरटेल पेमेंट बैंक फिर आईसीआईसीआई बैंक में उसके बाद कैश फ्री वॉलेट में ट्रांसफर कर ठगी की गई। जिस पर टीम द्वारा इन सभी से संपर्क कर आवेदक की आहरित राशि वापस कराई गई।
रुपए मिलने की जगह निकल गए
संजय ने अपने परिचित को फोन पे के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करते वक्त ट्रांजैक्शन फेल होने से इंटरनेट गूगल पर फोन पे का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया। पर, वहां फर्जी व्यक्ति संपर्क हुआ जिसके द्वारा पैसा रिफंड करने का झूठा वादा करते हुए पेमेंट रिक्वेस्ट फोनपे के माध्यम से भेजी जिसमें आवेदक को पैसा प्राप्त होने की जगह आवेदक के खाते से 24,986 रुपए आहरित कर उक्त राशि को ठग द्वारा यूनियन बैंक के खाते में ट्रांसफर कर ठगी की गई. जिस पर टीम द्वारा त्वरित कार्रवाई कर यूनियन बैंक से संपर्क कर आवेदक के रुपए रिफंड कराए।